यूपी में अब भी 5.1 फीसदी बच्चे स्कूल से दूर
- ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक शिक्षा पर ‘असर’ की रिपोर्ट में सामने आई हकीकत
- पिछले साल से हालात कुछ सुधरे लेकिन दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत पीछे है सूबा
लखनऊ।
यूपी में इस साल स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या में कुछ सुधार हुआ है
लेकिन देश के बाकी राज्यों से अब भी प्रदेश काफी पिछड़ा है। यहां अब भी 5.1
फीसदी बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। पूरे देश में राजस्थान ही ऐसा राज्य
है जिससे यूपी का प्रदर्शन इस साल थोड़ा बेहतर है। बिहार और उत्तराखंड जैसे
पड़ोसी राज्यों का प्रदर्शन भी यूपी से बेहतर रहा है। ग्रामीण भारत में
बेसिक शिक्षा के स्तर पर सर्वेक्षण करने वाली संस्था ‘असर’ के सर्वे में ये
तथ्य सामने आए हैं। कुल 27 राज्यों पर किए गए सर्वे में स्कूल जाने वाले
बच्चों के प्रतिशत के आधार पर यूपी 26 वें स्थान पर है।
प्राइमरी
शिक्षा पर ‘असर’ के सर्वेक्षण को सबसे विश्वसनीय माना जाता है। इस साल भी
‘असर’ ने देश के कुल 555 जिलों के 15, 941 स्कूलों में संपर्क करके यह
सर्वेक्षण किया है। इसमें यूपी के 69 जिले शामिल किए गए। इनमें 2028 गांव,
41,384 घर, 93,272 बच्चे और 1945 स्कूल शामिल किए गए। इस सर्वे के आधार पर
तैयार रिपोर्ट बुधवार को नई दिल्ली में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक
सिंह अहलूवालिया ने जारी की। इस रिपोर्ट के आधार पर यूपी की जो स्थिति
सामने आई है, वह बहुत अच्छी नहीं है।
पिछले
साल की तुलना में स्कूल जाने वाले बच्चों का प्रतिशत 1.2 फीसदी बढ़ा है।
इससे पहले स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। फिर
भी देश केदूसरे राज्यों की तुलना में यूपी काफी पिछड़ा है। केरल की स्थिति
देश में सबसे अच्छी है। यहां सिर्फ 0.1 फीसदी बच्चे ही स्कूल से दूर हैं।
वहीं तमिलनाडु में सिर्फ 0.6 बच्चे स्कूल से दूर हैं। यूपी से बेहतर स्थिति
तो उत्तराखंड और बिहार की है। वहीं देश की बात करें तो 3.3 फीसदी बच्चे
स्कूल से दूर हैं।
- मूलभूत सुविधाओं में सुधार नहीं
प्रदेश
के ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों में शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत
सुविधाओं में चार साल में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। पेयजल की
उपलब्धता तो चार साल में 82.2 प्रतिशत स्कूलों से घटकर 80.9 प्रतिशत रह गई
है। टॉयलेट भी जहां पिछले साल 52.5 प्रतिशत स्कूलों में चालू हालत में मिले
थे। वहीं इस बार महज 49.1 प्रतिशत स्कूलों में ही चालू हालत में मिले।
वर्ष बच्चे (प्रतिशत में)
2009 95.1
2010 94.8
2011 93.9
2012 93.7
2013 94.9
वर्ष बच्चे (6-14 वर्ष तक)
2009 35.8
2010 39.3
2011 45.4
2012 48.5
2013 49
सुविधा 2010 2011 2012 2013
पीने का पानी 82.2 84.4 81.3 80.9
टॉयलेट 47.4 53.9 52.5 49.1
लड़कियों के टॉयलेट 33.9 46.4 43.7 44.3
मिड-डे-मील 71.3 95.0 85.6 92.1
यूपी के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नहीं आया है। सर्वे में सामने आया कि कक्षा एक से आठ तक के 19.5 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो अक्षर तक नहीं पहचानते। इनमें कक्षा एक के ऐसे बच्चों का प्रतिशत 52.4 और कक्षा आठ के बच्चों का प्रतिशत 2.4 है। यही नहीं कक्षा एक से आठ तक के 15.4 प्रतिशत बच्चे सामने आए जो 1-9 तक अंक नहीं पहचान सके। इसी तरह कक्षा एक से आठ तक के 15.8 प्रतिशत बच्चे घटाना तो 18.3 फीसदी भाग के सवाल नहीं कर सके।
यूपी में 11-14 साल तक की लड़कियों
पर भी सर्वे किया गया। इसमें यह बात सामने आई है कि यूपी में 10 फीसदी
बच्चियां अब भी स्कूल नहीं जातीं। वहीं राजस्थान में 12 तो बिहार में 5
फीसदी बच्चियां स्कूल जाने से वंचित हैं।
स्कूलों
में उपस्थिति के मामले में यूपी सबसे पीछे है। देश में उपस्थिति 70.7 पाई
गई। यूपी में 54.7 फीसदी बच्चों की उपस्थिति पाई गई। यह प्रतिशत लगातार घट
रहा है। 2010 में यूपी में उपस्थिति 57.6 प्रतिशत, 2011 में 57.3 और 2012
में 54.9 प्रतिशत थी।
(खबर साभार : अमर उजाला)
यूपी में अब भी 5.1 फीसदी बच्चे स्कूल से दूर
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
11:49 AM
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