क्लास नहीं लेने वाले शिक्षकों की खैर नहीं, नई शिक्षा नीति में अध्यापन की गुणवत्ता पर खास जोर : प्रमोशन को शिक्षक के प्रदर्शन से जोड़ने की भी उठी मांग
- क्लास नहीं लेने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं
- नई शिक्षा नीति के एजेंडे में अध्यापन की गुणवत्ता पर खास जोर
- प्रमोशन को शिक्षक के प्रदर्शन से जोड़ने की भी उठी मांग
नई
दिल्ली। अब लापरवाह और कामचोर अध्यापकों की खैर नहीं। केंद्रीय मानव
संसाधन विकास मंत्रालय नई शिक्षा नीति में पढ़ाने में आनाकानी करने वाले
अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई और शिक्षकों के प्रोमोशन को उनके प्रदर्शन से
जोड़ने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। नई शिक्षा नीति के एजेंडे में
अध्यापकों की जवाबदेही तय करने के लिए बाकायदा विस्तार से चर्चा की गई है।
इसमें कहा गया है कि लगातार कक्षा छोड़ने वाले शिक्षकों को बर्खास्त कर
दिया जाए।
नई नीति को लेकर मंत्रालय ग्राम
पंचायत के स्तर से लेकर राज्य तक व्यापक विचार विमर्श शुरू करने जा रहा है।
इसमें एक अहम बिंदु अध्यापकों की जवाबदेही है। सूत्रों
का कहना है कि अध्यापकों की जवाबदेही तय करने के लिए अभी तक कोई सख्त नियम
नहीं है, जिसकी वजह से दूरदराज के गांवों से लेकर शहरों तक में अध्यापक
कामचोरी करते हैं। अध्यापकों का प्रमोशन उनके कामकाज के आधार पर करने पर
विचार किया जा रहा है। अगर मंत्रालय को इसे लेकर सकारात्मक नतीजे मिलते हैं
तो इस प्रस्ताव को नई शिक्षा नीति के तहत अमल में लाया जा सकता है।
मंत्रालय
की ओर से पेश बिंदुओं में कहा गया है कि जिस तरह से रिपोर्ट कार्ड के आधार
पर छात्र अगली कक्षा में उत्तीर्ण होता है उसी तरह अध्यापकों का प्रमोशन
भी उनकी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर किया जाए। छात्रों के साथ व्यवहार,
नियमित तौर पर कक्षा लेने और विवाद नहीं होने की स्थिति में ही अध्यापक का
प्रमोशन करने की बात कही गई है। साथ ही कक्षा नहीं लेने वाले अध्यापकों को
सीधे बर्खास्त करने या उनका तबादला करने का भी प्रावधान रखा गया है। इसके
अलावा उच्च शिक्षा में अध्यापकों को शुरुआत में पांच साल तक प्रोबेशन अवधि
यानी अस्थाई तौर पर रखने का प्रस्ताव भी शामिल है। अध्यापन की गुणवत्ता को
बढ़ाने की दिशा में इन कदमों को अहम माना जा रहा है।
खबर साभार : अमर उजाला
क्लास नहीं लेने वाले शिक्षकों की खैर नहीं, नई शिक्षा नीति में अध्यापन की गुणवत्ता पर खास जोर : प्रमोशन को शिक्षक के प्रदर्शन से जोड़ने की भी उठी मांग
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:29 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment