शिक्षक पहल कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय शेयरिंग कार्यशाला सम्पन्न : सैकड़ों शिक्षकों ने साझा किए सभी के साथ अपने शिक्षण अनुभव
आज 15 मार्च 2015 को होटल गोमती लखनऊ में लोकमित्र के द्वारा स्कूल और शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लिए ‘शिक्षक पहल’ कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय शेयरिंग कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में 7 जिलों से 85 शिक्षकों समेत 110 लोग प्रतिभाग किए।
इस कार्यक्रम के माध्यम से ऐसे शिक्षकों को राज्य स्तर पर एक मंच पर लाया गया जो अपने स्कूलों का एक हद तक बेहतर बना पा रहे हैं। शिक्षकों ने अपने प्रयासों को शेयर किए और एक दूसरे को राय विचार भी दिए। इन शिक्षकों को भी एक-दूसरे के प्रयासों से सीखने का बेहतर अवसर मिला साथ हीं वे उत्साही भी हुए। इससे शिक्षक अपने स्कूल में बेहतर प्रयास करने के लिए उत्साहित तो हुए हीं, साथ हीं उन्होंने यह भी महसूस किया कि उन्हें लगातार सीखते रहने की जरूरत है। सभी स्कूलों के सभी शिक्षक सक्षमता और मनोबल के साथ कार्य कर पाएं, इसके लिए शिक्षक समूह को स्कूल और संकुल स्तर पर आपस में नियमित संवाद करने की जरूरत है। शिक्षकों ने माना की शिक्षा के सुधार की पहल अध्यापक के सहयोग और उत्साह से ही संभव है। हर एक पहल के लिए ऊपरी निर्देश का इंतजार न करें।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्री कमलेश जोशी ने कहा कि वंचित समुदाय के बच्चे परिषदीय स्कूल में आ रहे हैं। उनकी परिस्थितियों को समझने की जरूरत है। शिक्षकों को अपनी सैद्धांतिक समझ को अपडेट करने की जरूरत है। पढ़ने और विचार करते रहने की जरूरत है। इसी से शिक्षको को शिक्षा व्यवस्था में खुद को बेहतर स्थिति में लाने में मदद करेगा। अन्यथा शिक्षा तंत्र में उसे कमतर ही आंका जानता है।
इस कार्यशाला को आयोजित करने के पहले पिछले कुछ माह में सात जिलों (रायबरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बस्ती, बांदा, मुजफ्फरनगर) में शेयरिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इन कार्यशालाओं में जिले के करीब 20 से 40 शिक्षकों को आमंत्रित किया गया। ये वे शिक्षक थे, जिनके बारे में कई स्रोतों से जानकारी मिली थी तथा ये प्रयासों को दस्तावेजित करने और शेयर करने के लिए उत्साहित हुए थे।
- अपनी सैद्धांतिक समझ अपडेट करें शिक्षक
- कार्यशाला में सैकड़ों शिक्षकों ने किया प्रतिभाग,
- साझा किए सभी के साथ अपने टीचिंग अनुभव
मौजूदा समय में वंचित समुदाय के जो बच्चे परिषदीय स्कूल में आ रहे हैं। उनकी परिस्थितियों को समझने की जरूरत है। साथ ही शिक्षकों को भी अपनी सैद्धांतिक समझ को अपडेट करने की आवश्यकता है। यह बात रविवार को शिक्षक पहल कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय शेयरिंग कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कमलेश जोशी ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पढ़ने और विचार करते रहना चाहिए। इसी से शिक्षकों को शिक्षा व्यवस्था में खुद को बेहतर स्थिति में लाने में मदद मिलेगी।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट |
राजधानी के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में 7 जिलों से 85 शिक्षकों समेत 110 लोगों ने प्रतिभाग किए। इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने अपने प्रयासों को शेयर किया और एक दूसरे को राय विचार भी दिए। इन शिक्षकों को भी एक-दूसरे के प्रयासों से सीखने का बेहतर अवसर मिला। शिक्षकों ने महसूस किया कि उन्हें लगातार सीखते रहने की जरूरत है। सभी स्कूलों के सभी शिक्षक सक्षमता और मनोबल के साथ कार्य कर पाएं, इसके लिए शिक्षक समूह को स्कूल और संकुल स्तर पर आपस में नियमित संवाद करने की जरूरत है। शिक्षकों ने माना की शिक्षा के सुधार की पहल अध्यापक के सहयोग और उत्साह से ही संभव है। हर एक पहल के लिए ऊपरी निर्देश का इंतजार नहीं करना चाहिए। कार्यशाला में जिले के करीब 20 से 40 शिक्षकों को आमंत्रित किया गया।
शिक्षक पहल कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय शेयरिंग कार्यशाला सम्पन्न : सैकड़ों शिक्षकों ने साझा किए सभी के साथ अपने शिक्षण अनुभव
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:00 AM
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