नए सत्र से परिषदीय विद्यालयों में लागू होगा सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (CCE) : छात्र प्रोफाइल से लेकर पढ़ाई, प्रोजेक्ट वर्क और रुचियों पर मूल्यांकन होगा
- नए सत्र से परिषदीय विद्यालयों में लागू होगा सीसीई
लखनऊ। सीबीएसई की तर्ज पर अब नए शैक्षिक सत्र से बेसिक शिक्षा परिषद के
सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के
व्यक्त्वि के विकास पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों में
पूरे वर्ष बच्चों का सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) किया जाएगा। जिसमें
छात्र के प्रोफाइल से लेकर उसकी पढ़ाई, प्रोजेक्ट वर्क सहित उसकी रुचि पर
विशेष नजर रखकर मूल्यांकन होगा।
दरअसल, प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 27 जुलाई 2011 को लागू किया गया था। जिसमें बच्चों के मूल्यांकन पर खास जोर दिया गया है। इस व्यवस्था के बाद सर्व शिक्षा अभियान के अंर्तगत प्रदेश के पांच जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सीसीई लागू किया गया था। इनमें बलरामपुर, रायबरेली, वाराणसी, ललितपुर और गाजियाबाद के पांच-पांच स्कूल शामिल थे। इस व्यवस्था में भी नगर और ग्रामीण क्षेत्र के एक-एक प्राइमरी व जूनियर विद्यालय को लिया गया। अब नए शैक्षिक सत्र से सभी परिषदीय विद्यालयों में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन शुरू किया जाएगा।
एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि सतत मूल्यांकन से क्लास में बच्चों की सहभागिता बनी रहेगी। साथ ही हर रोज नया कार्य मिलने से बच्चों में भी रूची पैदा होगी। सीसीई लागू करने का उद्देश्य बच्चों के अंदर की कमी को दूर करके उनके व्यक्तित्व और क्षमता का विकास करना है। इसके लिए हर तीन में बच्चे का मूल्यांकन करना जरूरी है। लिहाजा सीसीई पैटर्न के आधार पर अब बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क और असाइनमेंट भी दिए जाएंगे। यह कार्य पूरे साल चलता रहेगा। इसके लिए सभी विद्यालयों में शिक्षक डायरी बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
पढ़ाई के साथ हर पहलू पर नजरबच्चे को पढ़ाई के साथ-साथ किस खेल में रुचि है या फिर वह कला संगीत के क्षेत्र में कुछ करने की क्षमता रखता है, सीसीई के तहत इस पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। बच्चों को बकायदा प्रोजेक्ट वर्क भी दिया जाएगा जिसे उन्हें बनाना होगा। इन सबके आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी। वहीं शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर पढ़ाई के तौर तरीके भी सिखाए जाएंगे। हर महीने अभिभावकों को बुलाकर बच्चों की यथास्थिति से भी अवगत कराया जाएगा।
दरअसल, प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 27 जुलाई 2011 को लागू किया गया था। जिसमें बच्चों के मूल्यांकन पर खास जोर दिया गया है। इस व्यवस्था के बाद सर्व शिक्षा अभियान के अंर्तगत प्रदेश के पांच जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सीसीई लागू किया गया था। इनमें बलरामपुर, रायबरेली, वाराणसी, ललितपुर और गाजियाबाद के पांच-पांच स्कूल शामिल थे। इस व्यवस्था में भी नगर और ग्रामीण क्षेत्र के एक-एक प्राइमरी व जूनियर विद्यालय को लिया गया। अब नए शैक्षिक सत्र से सभी परिषदीय विद्यालयों में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन शुरू किया जाएगा।
एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि सतत मूल्यांकन से क्लास में बच्चों की सहभागिता बनी रहेगी। साथ ही हर रोज नया कार्य मिलने से बच्चों में भी रूची पैदा होगी। सीसीई लागू करने का उद्देश्य बच्चों के अंदर की कमी को दूर करके उनके व्यक्तित्व और क्षमता का विकास करना है। इसके लिए हर तीन में बच्चे का मूल्यांकन करना जरूरी है। लिहाजा सीसीई पैटर्न के आधार पर अब बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क और असाइनमेंट भी दिए जाएंगे। यह कार्य पूरे साल चलता रहेगा। इसके लिए सभी विद्यालयों में शिक्षक डायरी बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
पढ़ाई के साथ हर पहलू पर नजरबच्चे को पढ़ाई के साथ-साथ किस खेल में रुचि है या फिर वह कला संगीत के क्षेत्र में कुछ करने की क्षमता रखता है, सीसीई के तहत इस पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। बच्चों को बकायदा प्रोजेक्ट वर्क भी दिया जाएगा जिसे उन्हें बनाना होगा। इन सबके आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी। वहीं शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर पढ़ाई के तौर तरीके भी सिखाए जाएंगे। हर महीने अभिभावकों को बुलाकर बच्चों की यथास्थिति से भी अवगत कराया जाएगा।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
नए सत्र से परिषदीय विद्यालयों में लागू होगा सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (CCE) : छात्र प्रोफाइल से लेकर पढ़ाई, प्रोजेक्ट वर्क और रुचियों पर मूल्यांकन होगा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:58 AM
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