नए शैक्षिक सत्र में नवप्रवेशी बच्चों को मिलेंगी पुरानी किताबें : बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया
- नए शैक्षिक सत्र में बच्चों को मिलेंगी पुरानी किताबें
- राज्य में पहला मौका जब बच्चों से किताबें वापस लेने की है तैयारी
- बच्चे नए सत्र में पुरानी किताबों से शुरू करेंगे पढ़ाई
- चार दिन बाद एक अप्रैल से शुरू होगा नया शैक्षिक सत्र
लखनऊ : पहली अप्रैल से शुरू होने जा रहे परिषदीय स्कूलों के नए शैक्षिक सत्र में स्कूली बच्चों के हाथों में पुरानी किताबें पहुंचेंगी। शैक्षिक सत्र 2014-15 के दौरान परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को जो पाठ्यपुस्तकें नि:शुल्क बांटी गई थीं, उन्हें पहले वापस लिया जाएगा। फिर इन किताबों को उन कक्षाओं में पहुंचने या दाखिला लेने वाले बच्चों को बांटा जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है। राज्य में पहला मौका होगा जब परिषदीय स्कूलों के बच्चों से किताबें वापस लेकर उन कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले बच्चों को उन्हें बांटा जाएगा। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि नए सत्र में बच्चों को बांटी जाने वाली किताबों के कागज की गुणवत्ता को लेकर विवाद था।
खबर साभार : दैनिक जागरण |
पहली बार एक अप्रैल से शुरू होने वाले बेसिक शिक्षा के नए शैक्षिक सत्र में परिषदीय विद्यालयों के बच्चे पुरानी किताबों से ही पढ़ाई करेंगे। इसके लिए विद्यालयों में कक्षा उत्तीर्ण कर चुके बच्चों से किताबें लेकर दूसरे आने वाले बच्चों को दी जाएगी।
ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि हर साल बच्चों को दी जाने वाली निशुल्क किताबों की छपाई के लिए अभी तक टेंडर ही नहीं खोले जा सके हैं। बच्चों को नई किताबें कब तक मिलेंगी इस पर कोई अफसर बोलने को तैयार नहीं है।सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं माध्यमिक विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय व एडेड स्कूल तथा मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालकों तथा सभी वर्ग की बालिकाओं को निशुल्क किताबें दिए जाने की व्यवस्था है।
प्रदेश भर में करीब एक करोड़ 85 लाख बच्चों को इसका लाभ दिया जाना है। जबकि लखनऊ में दो लाख से अधिक बच्चों को निशुल्क किताबें दी जानी हैं। इस बार शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है। लेकिन इस बार बच्चों को अपने सहपाठियों की पुरानी किताबों से ही पढ़ाई शुरू करनी होगी। इसके पीछे एक बड़ा कारण है अब तक किताबों के टेंडर की प्रक्रिया शुरू न होना।
नए शैक्षिक सत्र के लिए अभी किताबें छपाई की प्रक्रिया नहीं शुरू हुई है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि परिषदीय विद्यालयों में जो बच्चे कक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, उनकी किताबें दूसरे आने वाले बच्चों को दी जाएं। उसके बाद जैसे ही नई किताबें आ जाएंगी, पुरानी किताबें बच्चों से वापस ले ली जाएंगी। ~ प्रवीण मणि त्रिपाठी बीएसए लखनऊ
ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि हर साल बच्चों को दी जाने वाली निशुल्क किताबों की छपाई के लिए अभी तक टेंडर ही नहीं खोले जा सके हैं। बच्चों को नई किताबें कब तक मिलेंगी इस पर कोई अफसर बोलने को तैयार नहीं है।सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं माध्यमिक विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय व एडेड स्कूल तथा मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालकों तथा सभी वर्ग की बालिकाओं को निशुल्क किताबें दिए जाने की व्यवस्था है।
प्रदेश भर में करीब एक करोड़ 85 लाख बच्चों को इसका लाभ दिया जाना है। जबकि लखनऊ में दो लाख से अधिक बच्चों को निशुल्क किताबें दी जानी हैं। इस बार शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है। लेकिन इस बार बच्चों को अपने सहपाठियों की पुरानी किताबों से ही पढ़ाई शुरू करनी होगी। इसके पीछे एक बड़ा कारण है अब तक किताबों के टेंडर की प्रक्रिया शुरू न होना।
नए शैक्षिक सत्र के लिए अभी किताबें छपाई की प्रक्रिया नहीं शुरू हुई है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि परिषदीय विद्यालयों में जो बच्चे कक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, उनकी किताबें दूसरे आने वाले बच्चों को दी जाएं। उसके बाद जैसे ही नई किताबें आ जाएंगी, पुरानी किताबें बच्चों से वापस ले ली जाएंगी। ~ प्रवीण मणि त्रिपाठी बीएसए लखनऊ
बीते 27 जनवरी को पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण प्रकाशन के लिए नीति जारी कर निविदा आमंत्रित की गई। आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी रखी गई थी। उसी दिन सुबह 11.30 बजे तकनीकी बिड खोली जानी थी। लेकिन एक दिन पहले ही निविदा स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया गया। इसके पीछे तर्क दिया गया कि इस बार किताबों की जो नीति जारी हुई है उसमें कहा गया है कि किताबें फ्रैंडली रिसायकिल पेपर पर छापी जाएं। जबकि बीते वर्षों में ऐसा नहींं था। चूंकि इस नए नियम की वजह से एक फर्म निविदा में शामिल नहीं हो पा रही थी। इसलिए संशोधन के लिए टेंडर की पत्रावली शासन में अनुमति के लिए भेजी गई है।
खबर साभार : डीएनए
आदेश प्रति
- सत्र शुरू होते ही बांटी जाएंगी पुरानी किताबें
- नई किताबों की छपाई में देरी के चलते लिया गया निर्णय
लखनऊ
(ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों में सत्र शुरू होते ही पुरानी किताबें बांटी
जाएंगी। छपकर आने के बाद नई किताबें दी जाएंगी। नई किताबों के छपने में
देरी के चलते शासन स्तर पर यह निर्णय किया गया है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल
गुप्ता ने शुक्रवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। बेसिक शिक्षा
विभाग हर साल पौने तीन करोड़ बच्चों को मुफ्त किताबें बांटता है।
परिषदीय
स्कूलों व सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों के संबद्ध प्राइमरी में पढ़ने वाले
कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताब देने की व्यवस्था है।
स्कूलों में किताबें सत्र शुरू होते ही बांटने की नीति है। लेकिन इस बार
किताबों की छपाई को लेकर अब तक टेंडर नहीं हो पाए हैं। शासन से इस बार
किताबों की छपाई के लिए जारी नीति में ईको फ्रेंडली रिसाइकल्ड कागज के
इस्तेमाल की शर्त रखी गई है, जबकि इसके पहले किताबों की छपाई के लिए जारी
होने वाली नीति में रिसाइकल्ड शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। इसके
चलते कागज सप्लाई करने वाली एक कंपनी के आपत्ति के चलते किताबों की छपाई के
लिए टेंडर नहीं खोले जा सके हैं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आलोक रंजन को इस मामले को निस्तारित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के समय तक किताबें छपकर आ पाना संभव नहीं। इसलिए शासन स्तर पर तय किया गया है कि सत्र शुरू होने के साथ ही पिछले साल की बची हुई पुरानी किताबें छात्र-छात्राओं में बांट दी जाएं और जैसे ही नई किताबें छपकर आएं पुरानी लेकर उसे दे दिया जाए। सचिव बेसिक शिक्षा ने बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश देते हुए कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल इस संबंध में निर्देशित कर दिया जाए जिससे वे पुरानी किताबें स्कूलों में समय रहते पहुंचवा दें।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आलोक रंजन को इस मामले को निस्तारित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के समय तक किताबें छपकर आ पाना संभव नहीं। इसलिए शासन स्तर पर तय किया गया है कि सत्र शुरू होने के साथ ही पिछले साल की बची हुई पुरानी किताबें छात्र-छात्राओं में बांट दी जाएं और जैसे ही नई किताबें छपकर आएं पुरानी लेकर उसे दे दिया जाए। सचिव बेसिक शिक्षा ने बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश देते हुए कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल इस संबंध में निर्देशित कर दिया जाए जिससे वे पुरानी किताबें स्कूलों में समय रहते पहुंचवा दें।
खबर साभार : अमर उजाला |
नए शैक्षिक सत्र में नवप्रवेशी बच्चों को मिलेंगी पुरानी किताबें : बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
4:30 PM
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