अक्षय पात्र फाउंडेशन की अत्याधुनिक रसोईघर का उद्घाटन : राजधानी में जुलाई से एक लाख विद्यार्थी को अक्षय पात्र से एमडीएम मिलेगा
- अब सरकारी अस्पतालों में भी भोजन परोसेगी अक्षय पात्र
- सीएम ने अक्षय पात्र फाउंडेशन की अत्याधुनिक रसोईघर का किया उद्घाटन
- सीएम ने ‘सरकारी सिस्टम’ और ‘अपनों’ को कठघरे में खड़ा किया कहा, मिड डे मील पकाए
- जाने के कारण पढ़ाई में नहीं लगता विद्यार्थियों का मन
- वाराणसी के सरकारी स्कूलों में बंटेगा स्वीडिश मशीन से पका भोजन
- दो घंटे में 60 हजार रोटियां सात टन चावल तैयार
- अब मिड डे मील में हफ्ते में तीन दिन मिलेगा दही
- राजधानी में जुलाई से एक लाख स्टूडेंट्स को अक्षय पात्र से एमडीएम
समारोह
में मुख्यमंत्री ने सरकारी सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने
कहा कि हम अक्षय पात्र को अत्याधुनिक रसोईघर बनवाकर दे देंगे, मगर स्कूलों
में मिड डे मील बांटने की जिम्मेदारी इन्हें ही निभानी होगी। वही बेहतर ढंग
से यह काम कर सकती है। अगर सरकार ने यह काम किया तो पता नहीं, इसका क्या
हाल होगा।
यूपी के सरकारी अस्पतालों में भी गर्मागर्म भोजन परोसने की जिम्मेदारी अब अक्षय पात्र फाउंडेशन को दी जाएगी। राजधानी स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमौसी में रविवार को अक्षय पात्र फाउंडेशन की अत्याधुनिक रसोईघर का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर सहमति जताई। अभी यह संस्था सरकारी प्राथमिक स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को मिड डे मील बांट रही है। मथुरा-वृंदावन के बाद लखनऊ जिले में इसे मिड डे मील बांटने की जिम्मेदारी दे दी गई है। आने वाले समय में वाराणसी, कानपुर नगर, कन्नौज व इटावा में भी संस्था मिड डे मील बांटेगी।
मुख्यमंत्री
ने संस्था की तारीफ करते हुए कहा कि अक्षय पात्र फाउंडेशन से ही सभी
स्कूलों में मिड डे मील का वितरण करवाएंगे। अभी हमारी योजना है कि दस और
अत्याधुनिक रसोईघर बनाए जाएं। उन्होंने स्वीकार किया कि लखनऊ में अक्षय
पात्र फाउंडेशन की अत्याधुनिक रसोईघर बनाने में देरी सरकार के स्तर पर ही
हुई है। उन्होंने कहा, मैं लखनऊ व रायबरेली के सरकारी स्कूलों में निरीक्षण
के दौरान मैंने महसूस किया कि स्कूलों में रसोईघर में भोजन पकना शुरू
होने से बंटने तक विद्यार्थियों का ध्यान उसी में लगा रहता है। पढ़ने में
उनका मन नहीं लगता। इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने
पूरे प्रदेश के स्कूलों और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को गर्मागर्म भोजन परोसने की जिम्मेदारी
अक्षय पात्र को दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की थी।
खबर साभार : अमर उजाला |
मुख्य
सचिव आलोक रंजन ने कहा कि उच्च गुणवत्ता का गर्मागर्म भोजन परोसे जाने से
कुपोषण दूर होगा और स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी। कांग्रेस
विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने मांग की कि वृंदावन में बन रहे विश्व
के सबसे बड़े मंदिर के आसपास की वन विभाग की 110 एकड़ की जमीन को विकसित
कर टूरिस्ट स्थान के रूप से विकसित किया जाए। कार्यक्रम में माध्यमिक
शिक्षा मंत्री महबूब अली, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल,
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह, बाल विकास व पुष्टाहार राज्य
मंत्री कैलाश चौरसिया भी मौजूद रहे।
अक्षय
पात्र फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन चंचलापति दास ने कहा कि इस अत्याधुनिक
रसोईघर में हम दो घंटे में 60 हजार रोटियां, 10 हजार लीटर दाल और 7 टन चावल
पका लेते हैं। वहीं, अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से साफ-सुथरा और
गर्मा-गर्म भोजन स्टूडेंट्स की थाली में परोसते हैं। अभी आंध्र प्रदेश,
गुजरात और राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में हम मरीजों को भोजन बांट रहे
हैं।
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वाराणसी के सरकारी प्राइमरी व पूर्व
माध्यमिक स्कूलों में अक्षय पात्र फाउंडेशन स्वीडन से मंगाई गई अत्याधुनिक
मशीनों से तैयार किया गया मिड डे मील परोसेगा। इसके लिए वहां करीब 16 करोड़
की लागत से अत्याधुनिक तकनीक से भोजन बनाने वाली देश की पहली किचन तैयार
की जाएगी। इसमें एलपीजी के बजाय बायोगैस से खाना पकेगा। अगले साल जनवरी से
यह संस्था वाराणसी में मिड डे मील बांटने का काम शुरू कर देगी। यह जानकारी
अक्षय पात्र फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन चंचलापति दास ने दी। उन्होंने कहा कि
फाउंडेशन ने स्वीडन से छह अत्याधुनिक मशीनें मंगवाई हैं। इनमें से तीन
काशी और तीन हैदराबाद में लगाई जाएंगी। चंचलापति ने बताया कि स्वीडन से मंगाई गई मशीन में करीब आठ कॉल्ड्रन होते हैं जिसमें स्टीम से बेहतर ढंग से खाना पकाया जाता है।
अब मिड डे मील में हफ्ते में तीन दिन मिलेगा दही
सरकारी
स्कूलों में के स्टूडेंट्स की सेहत के प्रति सरकार काफी गंभीर है। वह अब
विद्यार्थियों को मिड डे मील के तहत हफ्ते में कम से कम तीन दिन दही भी
देगी। मुख्यमंत्री और अक्षय पात्र फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन चंचलापति दास
के बीच इस पर गंभीरता से बात हुई।
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राजधानी में जुलाई से एक लाख स्टूडेंट्स को अक्षय पात्र से एमडीएम
राजधानी
में अक्षय पात्र फाउंडेशन जुलाई से एक लाख स्टूडेंट्स को मिड डे मील
वितरित करेगा। अभी संस्था चिनहट ब्लॉक के 109 सरकारी प्राइमरी व पूर्व
माध्यमिक स्कूलों में करीब 11800 स्टूडेंट्स को मिड डे मील वितरित कर रही
है।
राज्य सरकार से जमीन, केंद्र से सब्सिडी की दरकार
चंचलापति
ने कहा कि राज्य सरकारें केंद्रीय रसोई बनाने के लिए जमीन देने में मदद
करे। वे यदि आगे बढ़कर सहयोग करेंगी तो यह काम बेहतर ढंग से हो पाएगा।
वहीं, केंद्र सरकार को चाहिए कि वह मिड डे मील में सब्सिडी दे ताकि हमें
दानदाता की मदद न लेनी पड़े। अभी सरकार अनाज के साथ एक बच्चे के खाने पर
करीब 5.50 रुपये कन्वर्जन कॉस्ट देती है, जबकि इस पर 8 रुपये खर्च आता है।
ऐसे में 2.50 रुपये हम दानदाता की मदद से जुटाते हैं।
एमडीएम में ‘छप्पन- भोग’ देख खिले विद्यार्थियों के चेहरे
समारोह
के बाद अमौसी प्राथमिक स्कूल और पूर्व माध्यमिक स्कूल के अलावा सरोजनीनगर
क्षेत्र के प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को अक्षय
पात्र फाउंडेशन की ओर से राजमा की दाल, पनीर की सब्जी, जलेबी, रसगुल्ला,
खीर, हलवा, रोटी और पूड़ियां आदि परोसी गईं। इसे देखकर विद्यार्थियों के
चेहरे खिल उठे।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को किस गुणवत्ता का मिड-डे-मील दिया जाता है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन रविवार को अक्षय पात्र के केंद्रीय किचन के उद्घाटन समारोह में आए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अमौसी के बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। एक-एक कर बच्चों को खाने के लिए बुलाया जाने लगा। जैसे ही प्लेट लेकर बच्चे खाने के लिए खड़े हुए उन्हें खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित तमाम मंत्री खाना परोस रहे थे। यह देख बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यही नहीं, मिड-डे-मील में पूडी, पनीर की सब्जी, राजमा, खीर, तहरी, गरम जलेबी, दाल-चावल, भिंडी की सब्जी, पापड़, दही सहित कई लजीज व्यंजन प्लेट में देख बच्चों को यकीन नहीं हो रहा था कि ये मिड-डे-मील में दिया गया है। उसके बाद बच्चों ने पेट भरकर भोजन किया।
अक्षय पात्र फाउंडेशन अप्रैल में शुरू होने वाले नए सत्र से सरोजिनीनगर
क्षेत्र स्कूलों के करीब 25 हजार बच्चों को भोजन परोसेगी। अभी फाउंडेशन की
ओर से चिनहट क्षेत्र के विद्यालयों में बच्चों को मिड-डे-मील दिया जा रहा
है। उसके बाद जुलाई से नगर क्षेत्र सहित एक लाख बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक
भोजन दिए जाने की तैयारी है।बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा
कि अक्षय पात्र संस्था लखनऊ के अलावा, वाराणसी, कानपुर, कन्नौज और इटावा
में भी बच्चों को मिड-डे-मील की सुविधा देगी। उन्होंने कहा कि संस्था
द्वारा जितना पुण्य यूपी के बच्चों को मिड-डे-मील खिलाने में मिलेगा, उतना
देश में कहीं नहीं मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि यूपी में
अक्षय पात्र को मिड-डे-मील की जिम्मेदारी देने की आवश्यकता है। वहीं मुख्य
सचिव आलोक रंजन ने कहा कि खाने की गुणवत्ता के बाद अब सरकार बच्चों की
शिक्षा पर जोर दे रही है। इस अवसर पर कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता
प्रदीप माथुर ने मुख्यमंत्री से 10 केंद्रीय किचन के लिए 200 करोड़ रुपए का
बजट देने तथा वृंदावन में फाउंडेशन द्वारा बनाए जा रहे सबसे बड़े मंदिर के
लिए 110 एकड़ फारेस्ट भूमि देने का अनुरोध किया।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को किस गुणवत्ता का मिड-डे-मील दिया जाता है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन रविवार को अक्षय पात्र के केंद्रीय किचन के उद्घाटन समारोह में आए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अमौसी के बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। एक-एक कर बच्चों को खाने के लिए बुलाया जाने लगा। जैसे ही प्लेट लेकर बच्चे खाने के लिए खड़े हुए उन्हें खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित तमाम मंत्री खाना परोस रहे थे। यह देख बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यही नहीं, मिड-डे-मील में पूडी, पनीर की सब्जी, राजमा, खीर, तहरी, गरम जलेबी, दाल-चावल, भिंडी की सब्जी, पापड़, दही सहित कई लजीज व्यंजन प्लेट में देख बच्चों को यकीन नहीं हो रहा था कि ये मिड-डे-मील में दिया गया है। उसके बाद बच्चों ने पेट भरकर भोजन किया।
खबर साभार : डीएनए |
खबर साभार : डीएनए |
अक्षय पात्र फाउंडेशन की अत्याधुनिक रसोईघर का उद्घाटन : राजधानी में जुलाई से एक लाख विद्यार्थी को अक्षय पात्र से एमडीएम मिलेगा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:06 AM
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