शिक्षामित्रों का समायोजन में देरी की वजह बने 37 जिले : परिषद ने जल्द निर्धारित प्रोफार्मा पर सूचना उपलब्ध कराने को कहा
- शिक्षामित्रों का समायोजन में देरी की वजह बने 37 जिले
बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 92,000 शिक्षकों के समायोजन में देरी
की असली वजह प्रदेश के 37 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी हैं। बेसिक
शिक्षा परिषद से बार-बार सूचना मांगने के बाद इन जिलों ने अभी तक स्वीकृत व
कार्यरत शिक्षकों की संख्या नहीं दी है। परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने इन
जिलों से जल्द निर्धारित प्रोफार्मा पर सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।
राज्य
सरकार के निर्णय कि अनुसार प्राइमरी स्कूलों में लगे शिक्षा मित्रों को
बीटीसी प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक पर समायोजित किया जाना है। पहले चरण
में 58,826 शिक्षा मित्रों को समायोजित किया जा चुका है। दूसरे चरण में
92,000 शिक्षा मित्रों को समायोजित किया जाना है। समायोजित होने वाले
शिक्षा मित्रों की संख्या चूंकि अधिक है इसलिए परिषद चाहता है कि जिलों से
रिक्तियों का पूरा ब्यौरा ले लिया जाए।
इसके
आधार पर जिलेवार प्राथमिक स्कूलों में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में
स्वीकृत व कार्यरत शिक्षकों की सूचना मांगी थी। इसके बाद भी प्रदेश के 37
जिलों ने सूचना नहीं दी है। परिषद के सचिव ने जल्द सूचना उपलब्ध कराने को
कहा है। इस बीच, उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने दूसरे चरण में
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 92,000 शिक्षा मित्रों को समायोजित करने की
मांग को लेकर 24 मार्च को कार्य बहिष्कार करेगा और 27 मार्च को लक्ष्मण
मेला मैदान लखनऊ में रैली निकालेगा। यह जानकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल
कुमार यादव ने दी।
इन जिलों ने नहीं दी सूचना
एटा,
हाथरस, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चंदौली, जौनपुर,
मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, लखीमपुर खीरी,
कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, ललितपुर, चित्रकूट,
बांदा, महोबा, सुल्तानपुर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, मुरादाबाद,
संभल, रामपुर, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज व मऊ हैं।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षामित्रों का समायोजन में देरी की वजह बने 37 जिले : परिषद ने जल्द निर्धारित प्रोफार्मा पर सूचना उपलब्ध कराने को कहा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:42 AM
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