सरकारी संरक्षण में पढ़ेंगे मजदूरों के बच्चे : 12 जिलों में खुलेंगे आवासीय विद्यालय
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता मजदूर काम पर होंगे, उनके बच्चे सरकारी सरंक्षण में
रहकर पढ़ेंगे-पलेंगे। सरकार ने 12 जिलों में श्रमिकों के बच्चों के लिए
आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके तहत प्रदेश के 12 जिले कन्नौज, कानपुर नगर, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, ललितपुर, भदोही, आजमगढ़ और बहराइच में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये आवासीय विद्यालय खुलेंगे। यहां सफल होने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में यह विद्यालय खोले जाएंगे। इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों के 6 से 14 साल के बच्चों को कक्षा 5 से 8 तक की शिक्षा दी जाएगी।
23 मार्च से बच्चों को ढूंढ़ने का काम शुरू हो जाएगा। यह काम 15 अप्रैल तक पूरा होने के बाद आवासीय स्कूल शुरू हो जाएंगे। उप श्रमायुक्त एस.डी.शुक्ल के मुताबिक ये आवासीय विद्यालय अप्रैल तक खुल जाएंगे। महिला सामाख्या संस्था को यह अधिकार दिया गया है कि यदि 50 बच्चे भी मिल जाते हैं तो स्कूल शुरू कर दें।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके तहत प्रदेश के 12 जिले कन्नौज, कानपुर नगर, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, ललितपुर, भदोही, आजमगढ़ और बहराइच में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये आवासीय विद्यालय खुलेंगे। यहां सफल होने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में यह विद्यालय खोले जाएंगे। इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों के 6 से 14 साल के बच्चों को कक्षा 5 से 8 तक की शिक्षा दी जाएगी।
23 मार्च से बच्चों को ढूंढ़ने का काम शुरू हो जाएगा। यह काम 15 अप्रैल तक पूरा होने के बाद आवासीय स्कूल शुरू हो जाएंगे। उप श्रमायुक्त एस.डी.शुक्ल के मुताबिक ये आवासीय विद्यालय अप्रैल तक खुल जाएंगे। महिला सामाख्या संस्था को यह अधिकार दिया गया है कि यदि 50 बच्चे भी मिल जाते हैं तो स्कूल शुरू कर दें।
सरकारी संरक्षण में पढ़ेंगे मजदूरों के बच्चे : 12 जिलों में खुलेंगे आवासीय विद्यालय
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:05 AM
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