मृतक आश्रित कोटे में बीएड वाले नहीं बन सकेंगे शिक्षक, एनसीटीई ने कहा, बीटीसी वालों को ही इस कोेटे में मिल सकती है नियुक्ति

  • मृतक आश्रित कोटे में बीएड वाले नहीं बन सकेंगे शिक्षक
  • एनसीटीई ने बेसिक शिक्षा विभाग को नहीं दी अनुमति
  • कहा, बीटीसी वालों को ही इस कोेटे में मिल सकती है नियुक्ति
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में मृतक आश्रित कोटे में शिक्षकों की भर्ती का पेंच एक बार फिर से फंस गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने मृतक आश्रित कोटे में टीईटी पास बीएड वालों को शिक्षक बनाने की अनुमति देने से इन्कार करते हुए कहा है कि पूर्व में निर्धारित योग्यता में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद परिषदीय स्कूलों में मृतक आश्रित कोटे में शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई है। एनसीटीई ने यह व्यवस्था दे दी है कि मृतक आश्रित कोटे में बीटीसी वाले ही शिक्षक बनाए जा सकते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग पहले स्नातक वालों को भी मृतक आश्रित कोटे में शिक्षक बना देता था और बाद में डायटों में प्रशिक्षण दिला देता था। एनसीटीई से नियम बन जाने के बाद मृतक आश्रित कोटे में शिक्षकों की भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग चाहता था कि टीईटी पास बीएड वालों को एनसीटीई इस कोटे में भर्ती की अनुमति दे दे। इसके आधार पर यहां से दो बार पत्राचार किया गया, लेकिन एनसीटीई ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया है।
खबर साभार : अमर उजाला 

मृतक आश्रितों को शिक्षक बनाने की मुहिम को झटका


परिषदीय स्कूलों में सेवाकाल के दौरान मृत अध्यापकों के टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक आश्रितों को शिक्षक नियुक्त करने की बेसिक शिक्षा विभाग के मंसूबे को झटका लगा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि शिक्षक नियुक्त करने की अर्हता में किसी किस्म की छूट या बदलाव अनुमन्य नहीं होगा। 

बेसिक शिक्षा विभाग ने एनसीटीई को प्रस्ताव भेजकर स्नातक व बीएड की योग्यता के साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण मृतक आश्रितों को प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त कर उन्हें विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिलाने की अनुमति मांगी थी। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बताया कि एनसीटीई ने इस बारे में मंजूरी देने से मना कर दिया है। एनसीटीई का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है न कि बीएड। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से पहले परिषदीय स्कूलों में सेवाकाल के दौरान मृत शिक्षकों के स्नातक अर्हताधारी आश्रित को अप्रशिक्षित शिक्षक के तौर पर नियुक्ति दे दी जाती थी। इसके बाद उन्हें दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाता था। बीटीसी प्रशिक्षण पूरा होने तक उन्हें अप्रशिक्षित शिक्षक का वेतनमान दिया जाता था। प्रशिक्षण पूरा होने पर ही उन्हें स्थायी शिक्षक की नियुक्ति और वेतनमान दिया जाता था। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने पर परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना भी अनिवार्य हो गया।
खबर साभार : दैनिक जागरण

परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए स्नातक व बीटीसी के साथ टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी है। प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे मृतक आश्रित हैं जो बीएड डिग्रीधारक होने के साथ टीईटी उत्तीर्ण भी हैं लेकिन बीटीसी न होने के कारण सरकार उन्हें शिक्षक नियुक्त नहीं कर पा रही है। वहीं एनसीटीई की अनुमति से प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की चयन प्रक्रिया जारी है। प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन के लिए एनसीटीई ने टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की अनुमति दी है। लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग ने इसी तर्ज पर बीएड की अर्हता के साथ टीईटी उत्तीर्ण मृतक आश्रितों को भी प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने के लिए एनसीटीई से अनुमति मांगी थी।

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मृतक आश्रित कोटे में बीएड वाले नहीं बन सकेंगे शिक्षक, एनसीटीई ने कहा, बीटीसी वालों को ही इस कोेटे में मिल सकती है नियुक्ति Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:50 AM Rating: 5

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