स्कूलों पर नजर के लिए होगी वेब-बेस्ड मॉनिटरिंग, विज्ञान व गणित की पढ़ाई का बदलेगा पैटर्न : मुख्य सचिव आलोक रंजन
- स्कूलों पर नजर के लिए होगी वेब-बेस्ड मॉनिटरिंग
- विज्ञान व गणित की पढ़ाई का बदलेगा पैटर्न : आलोक रंजन
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए जल्द वेब बेस्ड मॉनीटरिंग व्यवस्था लागू होगी। साथ ही शिक्षकों की पढ़ाई का आकलन करने के लिए स्कूलों का श्रेणीकरण कराया जाएगा। छात्रों में पढ़ाई का स्तर सुधरने पर इसे शिक्षकों के परफॉर्मेंस का संकेत माना जाएगा। उच्च प्राथमिक स्तर पर विज्ञान व गणित की पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव लाया जाएगा। विद्यालय प्रबंध समितियों को और सक्रिय किया जाएगा।
हर माह अभिभावक समिति की बैठकें होंगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मंडलायुक्तों व डीएम के साथ शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में यह निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि शैक्षिक सत्र 2015-16 को गुणवत्तापरक बनाने के लिए छात्रों की पढ़ाई का स्तर नियमित रूप से जांचने के लिए निर्धारित अंतराल पर आंतरिक परीक्षाएं कराई जाएं। कक्षा में शैक्षिक रूप से पिछड़े छात्रों का स्तर सुधारने के लिए विशेष शिक्षा की व्यवस्था होगी। 30 जून तक स्कूलों की व्यवस्था ठीक कराई जाएगी। बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा को निर्देश दिया कि वेब बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाए।
खबर साभार : अमर उजाला
सरकारी स्कूलों की होगी ग्रेडिंग : मुख्य सचिव ने शैक्षिक सत्र 2015-16 को क्वालिटी एजुकेशन वर्ष घोषित किया
नए सत्र से सरकारी स्कूलों की सूरत बदल सकती है। सरकार ने नए सत्र से
स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को बेहतर बनाने के लिए नए मानक तय किए हैं। इसके
लिए शैक्षिक सत्र 2015-16 को क्वालिटी एजुकेशन ईयर भी घोषित कर दिया गया
है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी कमिश्नर, डीएम और शिक्षा विभाग के अफसरों
को पत्र भेजकर इन मानकों को लागू करने को कहा है। इसमें अब सरकारी स्कूलों
की परफॉर्मेंस भी जांची जाएगी। स्कूलों की परफॉर्मेंस के आधार पर उनका
ग्रेड तय होगा। जिस स्कूलों को अच्छे ग्रेड मिलेंगे, उन्हें पुरस्कार दिया
जाएगा। वहीं स्कूलों में बेव बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू होगा।
- हर महीने होगी पैरंट्स-टीचर मीटिंग
सरकारी स्कूलों में भी हर महीने पैरंट्स-टीचर मीटिंग हुआ करेगी। इसके लिए
स्कूल के मैनेजमेंट को और अधिकार दिए जाएंगे। वह पैरंट्स को बुलाकर बताएंगे
कि वह स्कूल में उनका बच्चा कैसा परफॉर्म कर रहा है। अगर छात्र स्कूल से
गायब है या उसकी अटेंडेंस कम है तो शिकायत भी सीधे अभिभावक से की जाएगी।
- हर स्कूल में होगा सर्वे
हर स्कूल का होगा सर्वे सभी स्कूलों में सुविधाओं, शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति और दूसरी दिक्कतों को जानने के लिए उनका सर्वे कराया जाएगा। 30 जून तक सभी स्कूल अपनी समस्याओं का आंकलन कर उन्हें पूरा कर लेंगे। इसके बाद इस शैक्षिक सत्र में एक एजेंसी के जरिए प्रदेश स्तर पर अचीवमेंट का सर्वे होगा। इसमें हर जिले के स्कूल की समस्या का पता लगाया जाएगा। सर्वेक्षण से जो भी रिजल्ट मिलेंगे, उससे अगले शैक्षिक सत्र में कोर्स में बदलाव, ट्रेनिंग और स्कूलों की समस्याओं को दूर करने में किया जाएगा।
- होगी मॉनिटरिंग
सभी स्तर के सरकारी स्कूलों और उनमें पढ़ाने वाले टीचरों की नियमित मॉनिटरिंग होगी। इसका जिम्मा सभी जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिया गया है। वह ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, मंडल स्तर और फिर राज्य स्तर पर निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा हर महीने स्कूलों में इंटरनल एग्जाम कराए जाएंगी। छात्रों को मिलने वाले अंकों को ही स्कूल और शिक्षकों के परफॉर्मेंस का संकेत माना जाएगा। इसी आधार पर विद्यालय का ग्रेड तय होगा। अच्छी परफार्मेंस वाले स्कूलों और शिक्षकों को पुरस्कार दिया जाएगा।
- रोचक बनेगी पढ़ाई
स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए नए तरीके आजमाएं जाएंगे। प्राइमरी स्कूलों में शुरुआती पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए आडियो-विजुअल सिस्टम की मदद ली जाएगी। छात्रों को लिस्निंग, स्पीकिंग, राइटिंग की क्षमता को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा गणित और विज्ञान की पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए माडल आधारित पढ़ाई को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें थ्रीडी माॅडल्स के जरिए बच्चों को विज्ञान और गणित सिखायी जाएगी। इसके लिए टीचर्स की ट्रेनिंग दुरुस्त की जाएगी। उनमें लीडरशिप, बेहतर पढ़ाने के गुण डेवलप किए जाएंगे।
खबर साभार : नवभारत
स्कूलों पर नजर के लिए होगी वेब-बेस्ड मॉनिटरिंग, विज्ञान व गणित की पढ़ाई का बदलेगा पैटर्न : मुख्य सचिव आलोक रंजन
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
4:57 AM
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