हाईकोर्ट ने सरकार से पूछी शिक्षकों को सत्रांत लाभ देने की नीति, राज्य सरकार को दो दिन में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दिया निर्देश

  • हाईकोर्ट ने सरकार से पूछी शिक्षकों को सत्रांत लाभ देने की नीति
  • राज्य सरकार को दो दिन में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दिया निर्देश
  • याचिका पर चार जून को सुनवाई होगी

इलाहाबाद। परिषदीय और मान्यता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों ने भी सत्र लाभ देने की मांग की है। 30 जून को रिटायर हो रहे शिक्षकों का कहना है कि विद्यालयों का सत्र बदलने से अब नया सत्र एक अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है, इस लिहाज से उनकी सेवानिवृत्ति सत्र के बीच में हो रही है। वह भी सत्रांत लाभ पाने के अधिकारी हैं। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति वीके बिरला ने राज्य सरकार को दो दिन में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। याचिका पर चार जून को सुनवाई होगी।

फतेहपुर की श्रुतिलेश कुमारी एक जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापिका हैं। उन्होंने याचिका दाखिल कर कहा कि पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 30 जून को रिटायर होने वाले अध्यापकों को एक अप्रैल से 31 मार्च तक सत्र लाभ दिया जाना चाहिए।
याची के अधिवक्ता घनश्याम मौर्या ने कहा कि हाईकोर्ट पूर्व में इस संबंध में आदेश दे चुका है। सरकार ने शासनादेश भी जारी कर दिया है। माध्यमिक विद्यालयों की ही तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी सत्र लाभ दिया जाए।
                                                                  खबर साभार : अमर उजाला
  • जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को भी मिले सत्र लाभ
इलाहाबाद (विधिसं)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय एवं मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को सत्र लाभ दिये जाने की मांग में दाखिल याचिकाओं को 4 जून को एक साथ सुनवाई के लिए पेश किये जाने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति बीके बिड़ला ने फतेहपुर में एक स्कूल की प्रधान अध्यापिका श्रुतिलेश कुमारी की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना है कि माध्यमिक विद्यालयों में 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को 01 अप्रैल से 31 मार्च तक के सत्र लाभ दिये जाने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। सरकार ने शासनादेश भी जारी किया है। याची का कहना है कि माध्यमिक विद्यालयों की तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों को भी सत्र लाभ दिया जाए। सेवा नियमावली में भी सत्र के बीच में अधिवर्षता आयु पूरी करने वाले अध्यापकों को सत्रान्त में सेवानिवृत्त किये जाने का प्रावधान है। ऐसे में सत्रांत का लाभ न देना सेवा नियमावली के विपरीत है।

जूनियर हाईस्कूल के अध्यापकों को भी सत्र लाभ दिया जाना चाहिए। कोर्ट ऐसी ही अन्य याचिकाओं की एक साथ सुनवाई चार जून को करेगी।
खबर साभार : डीएनए

जू. हाईस्कूल अध्यापकों को सत्र लाभ देने पर जानकारी तलब

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय एवं मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को सत्र लाभ दिए जाने की मांग में दाखिल याचिकाओं को चार जून को एक साथ सुनवाई के लिए पेश किए जाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट करने लिए दो दिन का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने फतेहपुर में एक स्कूल की प्रधान अध्यापिका श्रुतिलेश कुमारी की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता घनश्याम मौर्य का कहना है कि माध्यमिक विद्यालयों में 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को एक अप्रैल से 31 मार्च तक का सत्र लाभ दिए जाने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। सरकार ने शासनादेश भी जारी किया है। याची का कहना है कि माध्यमिक विद्यालयों की तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों को भी सत्र लाभ दिया जाए। सेवा नियमावली में भी सत्र के बीच में अधिवर्षता आयु पूरी करने वाले अध्यापकों को सत्रन्त में सेवानिवृत्त किए जाने का प्रावधान है। ऐसे में सत्रंत का लाभ न देना सेवा नियमावली के विपरीत है।

खबर साभार : दैनिक जागरण
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछी शिक्षकों को सत्रांत लाभ देने की नीति, राज्य सरकार को दो दिन में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दिया निर्देश Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:37 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.