बच्चों के जरिये बड़ों को संदेश : शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की क्लास हुई सम्पन्न, बच्चों तक बात पहुंचाने में रेडियो बना सबसे बड़ा सहारा


  • बच्चों के जरिये बड़ों को संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों के साथ बातें करते हुए कहा कि मां के बाद जीवन में अगर किसी की अहमियत है, तो वह गुरु ही है।  शिक्षकों का नमन और अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा, ‘मां जन्म देती है और गुरु जीवन। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो अपने जीवन में मां और शिक्षक की भूमिका नहीं मानता होगा।’ इसके साथ ही मोदी ने छात्रों के सामने अपने जीवन की तमाम परतें खोल कर रख दीं। 
 
उन्होंने बताया कि स्कूली दिनों में वे बहुत प्रतिभाशाली छात्र नहीं थे, मगर बेहद जिज्ञासु थे। हर चीज को बहुत ध्यान से देखते और समझते थे। बाहर की गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। उन्होंने कहा कि आज वे इस जगह पर हैं तो इन्हीं गुणों की वजह से। उन्होंने यह भी साफ किया कि शिक्षक दिवस के बजाय एक दिन पहले यह कार्यक्रम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पांच सितंबर को जन्माष्टमी है।
 
 
क्या राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वोटरों को यह अधिकार देने का समर्थन किया है कि वह खराब प्रदर्शन करने वाले अपने जनप्रतिनिधियों को वापस बुला लें?  शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति भवन परिसर स्थित सवरेदय विद्यालय के छात्रों को ‘भारत का राजनीतिक इतिहास’ पढ़ा रहे राष्ट्रपति ने न सिर्फ अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन का जिक्र किया, बल्कि परोक्ष तौर पर वे इसका समर्थन करते भी दिखे। टीम अन्ना के बिखराव और अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद जन लोकपाल कानून एक तरह से ठंडे बस्ते में है। लेकिन राष्ट्रपति ने जिस तरह से आज इसका प्रमुखता से जिक्र किया, उसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। मुखर्जी ने कहा, ‘अगर लोग समझते हैं कि उनके सांसद अपना काम नहीं कर रहे हैं, सरकार अपना काम नहीं कर रही हैं तो क्या इस तरह का कानून बनाया जा सकता है? जनता यूं ही हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकती है। क्या उनके पास अपने विचार व्यक्त करने का कोई और रास्ता नहीं है? जनता के पास विचार पेश करने के लिए मीडिया, सोशल मीडिया, फेसबुक और ट्विटर जैसे माध्यम हैं।’ राष्ट्रपति ने इसके बाद अपनी बात बदल दी, लेकिन उनका संकेत साफ था। दरअसल, राष्ट्रपति आजादी के बाद भारत के राजनीतिक इतिहास पर चर्चा करते हुए इसके विभिन्न आयामों के बारे में छात्रों को बता रहे थे।


खबर साभार :   दैनिक जागरण 

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बच्चों के जरिये बड़ों को संदेश : शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की क्लास हुई सम्पन्न, बच्चों तक बात पहुंचाने में रेडियो बना सबसे बड़ा सहारा Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:09 AM Rating: 5

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