टीईटी- 2011 में खुला विवादों का पिटारा, व्हाइटनर, कार्बन प्रयोग के अलावा गैरहाजिर अभ्यर्थियों को भी पास करने का आरोप
बिना रोल नंबर एलाट की कॉपियों को भी जांचा गया सभी ओएमआर शीट की जांच का आदेश
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। टीईटी 2011 परीक्षा के परिणाम पर लग रहे आरोप अगर सही साबित
हुए तमाम चयनित अभ्यर्थियों पर भी गाज गिर सकती है। परीक्षा का परिणाम
घोषित करने में धांधली करने के आरोपों को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं
दाखिल हो चुकी हैं। इन पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने
याचिकाओं को निस्तारित करते हुए सचिव बेसिक शिक्षा विभाग लखनऊ टीईटी 2011
की सभी ओएमआर शीट की जांच करेंगे। गड़बड़ी पाए जाने पर वह नियमानुसार
कार्रवाई भी करेंगे।
संजीव कुमार मिश्र और
अन्य की याचिका में आरोप है कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर और
ब्लेड का इस्तेमाल किया। मुख्य सचिव द्वारा 10 अप्रैल 2012 को सौंपी गई
रिपोर्ट में ऐसी तमाम गड़बड़ियों का जिक्र किया गया है। इसी प्रकार से
सोफिया इकबाल अहमद की याचिका में भी 74 ओएमआर सीट में व्हाइटनर के प्रयोग
और 3493 ओएमआर सीट में कार्बन का प्रयोग करने का आरोप है।
सारित
शुक्ला और अन्य की याचिकाओें में भी गंभीर आरोप सामने आए हैं। इनके वकील
अनिल सिंह बिसेन के मुताबिक तमाम प्रश्नपत्रों में प्रश्न बदले गए हैं।
घोषित परिणाम में ऐसे अभ्यर्थियों का नाम भी शामिल हैं जिनको रोल नंबर तक
नहीं एलाट था। ऐसे 1096 अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं। 68 ऐसे लोगों के
नाम हैं जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे।
अदालत
ने इन याचिकाओं को इस निर्देश के साथ निस्तारित किया है कि प्रमुख सचिव
बेसिक शिक्षा ओएमआर सीट की जांच कर आरोपों की पड़ताल करेंगे और सही पाए
जाने पर कार्रवाई करेंगे।
टीईटी- 2011 में खुला विवादों का पिटारा, व्हाइटनर, कार्बन प्रयोग के अलावा गैरहाजिर अभ्यर्थियों को भी पास करने का आरोप
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:58 AM
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