शिक्षकों-कर्मियों की मांगों की अनदेखी पड़ेगी भारी : अधकारियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी करने पर मिलेगी प्रतिकूल प्रविष्टि
लखनऊ
(ब्यूरो)। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कर्मचारी संगठनों की मांगों की
अनदेखी भारी पड़ेगी। अधिकारियों ने जानबूझ कर मांगों की अनदेखी की या
समाधान का प्रयास नहीं किया तो अब उनके चरित्र पंजिका (सीआर) में इसे
प्रतिकूल मानते हुए तथ्यात्मक उल्लेख किया जाएगा। बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी
शर्मा ने इस संबंध में सोमवार को अफसरों को निर्देश भेजा है।
उन्होंने
कहा कि कर्मचारी संगठनों की मांगों को स्थानीय स्तर पर ही सुनकर समाधान
करने का प्रयास करना होगा। उच्च स्तर संबंधी मामलों को निदेशालय को सूचित
करना होगा। बेसिक शिक्षा निदेशक ने कर्मचारी संगठनों की समस्याओं को सुनने
के लिए बैठक करने की समय सीमा तय कर दी है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों व
कर्मचारी संगठनों की बैठक बीएसए अक्तूबर, जनवरी, अप्रैल व जुलाई में
करेंगे। क्षेत्रीय कार्यालयों के लिपिकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की
समस्याओं का समाधान एडी बेसिक भी प्रत्येक तीन-तीन माह पर करेंगे। शिक्षकों
के प्रदेश स्तरीय संगठन की समस्या परिषद के सचिव सुनेंगे और प्रदेश स्तरीय
कर्मचारियों की मांगों पर सुनवाई अपर निदेशक बेसिक शिक्षा करेंगे।
शिक्षकों-कर्मियों की मांगों की अनदेखी पड़ेगी भारी : अधकारियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी करने पर मिलेगी प्रतिकूल प्रविष्टि
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:10 AM
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