यूपी के टेटपास शिक्षामित्र पहुंचे सुप्रीमकोर्ट, योग्यता के बावजूद हटाने के फैसले पर सवाल
यूपी के टेटपास शिक्षामित्र पहुंचे सुप्रीमकोर्ट, योग्यता के बावजूद हटाने के फैसले पर सवाल
सहायक अध्यापक पदों से समायोजन रद होने के बाद अब टीईटी (टेट) उत्तीर्ण शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है। सुप्रीम कोर्ट से टेट पास शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पदों पर बहाली का अनुरोध किया है। एसएलपी दायर करने वालों में 800 से ज्यादा शिक्षामित्र शामिल हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद किया है। इससे प्रदेश में 1.70 लाख व बागपत में 460 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पदों से समायोजन रद होने से उन्हें करारा झटका लगा। बागपत समेत तमाम जिलों के शिक्षामित्र तभी से आंदोलनरत हैं। सरकार का ढीला रुख देख शिक्षामित्रों में हताशा है, लेकिन जो शिक्षामित्र टेट पास हैं, उन्होंने अब इंसाफ पाने को सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।
बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर समेत तमाम जिलों के 800 से ज्यादा टेट परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षामित्रों ने 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। इसमें यूपी सरकार को पार्टी बनाया है। कृष्ण कुमार बागपत व नीरज त्यागी सहारनपुर के अनुसार, उनकी अध्यक्षता में एडवोकेट संजय कुमार त्यागी के माध्यम से दायर एसएलपी में कहा कि वे टेट परीक्षा पास हैं और अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का पालन करते हैं। बावजूद इसके उनका सहायक अध्यापक पदों से समायोजन रद कर उनके अधिकारों का हनन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें उनका अधिकार वापस यानी सहायक अध्यापक पदों पर बहाली कराई जाए। एसएलपी के मुख्य याचिकाओं में शामली से शिक्षामित्र योगेश, अरविंद सैनी, धीरेंद्र, पंकज कुमार, किरणपाल नागर व रणधीर सिंह गौतमबुद्धनगर, अंकुर बागपत, ज्ञानचंद संभल, र¨वद्र सैनी एडवोकेट मुजफ्फरनगर आदि शामिल हैं। 1एसएलपी दायर करने वाले शिक्षामित्रों का दावा है कि मजबूत पैरवी कराई जाएगी व उम्मीद है कि उन्हें उनका अधिकार मिलेगा यानी सहायक अध्यापक पदों पर दुबारा वापसी होगी।
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