प्रदेश में नए साल में टूटेगा भर्तियों का बांध, अधिकांश भर्ती आयोगों, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा आदि विभागों में करीब दो लाख पदों की भर्तियां शुरू होंगी जल्द
इलाहाबाद : योगी सरकार नए साल में युवाओं पर मेहरबान होगी। मार्च में भाजपा सरकार के गठन के बाद अधिकांश भर्ती आयोगों, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा आदि विभागों में करीब दो लाख पदों की भर्तियां रुकी थीं, इन भर्तियों का बांध नए साल में टूटना तय है। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में भले ही 90 दिन में भर्तियां शुरू कराने का वादा किया था, जो कुछ देर से ही सही 270 दिन बाद शुरू करने की तैयारी है।
सूबे में सरकार बदलने के बाद तमाम अहम भर्तियों का तौर-तरीका बदला गया है। राजकीय माध्यमिक कालेजों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती मेरिट के बजाए अब लिखित परीक्षा के जरिये होगी। वहीं, प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए भी युवाओं को अलग से लिखित परीक्षा देनी होगी। इसी के साथ विभिन्न आयोगों के बोर्ड में भी बदलाव हो रहा है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने सरकार बदलने के कुछ दिन बाद ही त्यागपत्र दे दिया था, लेकिन यह रस्म उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र आदि में नहीं दोहराई गई। इनके विलय की बात बढ़ने पर किसी तरह से दोनों आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने इस्तीफा सौंपा। जैसे-जैसे आयोगों के बोर्ड खाली होते गए उनके पुनर्गठन की प्रक्रिया चल पड़ी है। अधीनस्थ आयोग में आवेदन लिए जा चुके हैं, जबकि उच्चतर व माध्यमिक में 16 नवंबर तक आवेदन लिए जाने हैं।
माना जा रहा है कि दिसंबर तक इन सभी आयोगों का गठन पूरा हो जाएगा, उसके बाद भर्तियों की प्रक्रिया पूरी होगी। राजकीय माध्यमिक कालेजों में भर्ती कराने का प्रस्ताव उप्र लोकसेवा आयोग को पहले ही सौंपा जा चुका है। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद की रुकी भर्तियों से हाईकोर्ट ने रोक हटा ली है । इस समय नगर निकाय की अधिसूचना लागू है। यह खत्म होते ही भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और नए साल में ही युवाओं व पूर्व शिक्षकों को नियुक्ति मिलने की उम्मीद है।
उच्चतर शिक्षा आयोग, माध्यमिक चयन बोर्ड व अधीनस्थ सेवा आयोग का पुनर्गठन
बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभागों में भी सात माह से रुकी थीं भर्तियां
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के 25 हजार से अधिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होने का आदेश जारी हो गया है। 2018 में कक्षा 9 व 11 में इसे लागू किया जाएगा। आदेश में यह भी स्पष्ट है कि दोनों कक्षाओं में किन विषयों का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी का होगा।
कोई भी सरकार सत्ता में आने के बाद पहले से चल रही चीजों को समझती है। भर्ती का मामला युवाओं से जुड़ा है। उसकी प्रक्रियागत नीति में बदलाव करना सरकार का कर्त्तव्य है। योगी सरकार ने इस काम में ज्यादा देर नहीं लगाई है। - एमपी दुबे, कुलपति राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद
भाजपा सरकार ने उप्र लोकसेवा आयोग की सीबीआइ जांच कराने का वादा पूरा किया है, उसी तर्ज पर अब बिना देर किए भर्तियां भी तेजी से करानी चाहिए, सभी उसकी राह देख रहे हैं।- सतीश उपाध्याय, प्रतियोगी छात्र
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