बीएड डिग्रीधारक बेसिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे : सुप्रीमकोर्ट, फैसले का असर देश के सभी राज्यों में पड़ेगा

बीएड डिग्रीधारक बेसिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे : सुप्रीमकोर्ट, फैसले का असर देश के सभी राज्यों में पड़ेगा



नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बीएड डिग्री के आधार पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्त नहीं हो सकते। शीर्ष न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और एनसीटीई की अपील को खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फैसले में उच्चतम न्यायालय ने माना कि प्राथमिक शिक्षक यानी 5वीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीएड डिग्री धारक योग्य नहीं होंगे। इस फैसले के असर से न सिर्फ राजस्थान में शिक्षकों की नियुक्ति पर पड़ेगा बल्कि देश के सभी राज्यों में पड़ेगा।


न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। पीठ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक के लिए सिर्फ बीएसटीसी की योग्य माने जाएंगे। पीठ ने इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद द्वारा 30 मई, 2018 को जारी उस अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसके तहत प्राथमिक स्कूलों में लेवल 1 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीएड डिग्री धारकों को भी योग्य माना था। 


शिक्षक की शैक्षिक अर्हता बीटीसी ही होती है। शिक्षा मित्रों की कमी के कारण पूर्व में प्रदेश में बीएड करके आए लोगों को छह माह की विशेष ट्रेनिंग देकर शिक्षक पद पर नियुक्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पढ़ने के बाद उस पर विधिक राय ली जाएगी।
-दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश


राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द की थी अधिसूचना

एनसीटीई ने इस अधिसूचना में बीएड डिग्री धारक को प्राथमिक शिक्षक योग्य माना था, लेकिन कहा था कि नियुक्ति के छह माह के भीतर ऐसे शिक्षका को ब्रिज कोर्स करना होगा। अधिसूचना को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए कहा था कि बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकते। इसके लिए बीएसटीसी डिप्लोमा धारक को ही योग्य माना था। इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और एनसीटीई ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।



बीएड डिग्रीधारियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, बीटीसी डिग्रीधारियों को मिली बड़ी राहत, जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा असर


BEd Vs BTC : बीटीसी करने वाले देश भर के लाखों अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बीटीसी बनाम बीएड विवाद में शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार को दिए इस फैसले के बाद अब केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही (तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा) लेवल-1 में पात्र होंगे। लेवल-1 (पहली से 5वीं कक्षा तक) में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे, ऐसे में देशभर के बीएड अभ्यर्थियों के लिए यह एक बड़ा झटका है। इस फैसले का असर यूपी शिक्षक भर्ती और बिहार शिक्षक भर्ती पर भी पड़ेगा। बीएड वाले अब प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे।


सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई के उस गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था। एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। 


राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से जारी रीट नोटिफिकेशन में लेवल-1 में केवल बीएसटीसी वालों को ही पात्र माना गया था लेकिन बीएड डिग्रीधारियों के हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद हाईकोर्ट ने बीएड वालों को दोनों लेवल में शामिल करने के आदेश दिए। बीएड डिग्रीधारियों ने एनसीटीई के नियमों का हवाला दिया था। 


इसके बाद बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने भी हाईकोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दे दी थी। बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि रीट लेवल-1 भर्ती में केवल बीएसटीसी वाले ही पात्र हैं, लेवल-1 भर्ती प्रक्रिया से बीएड धारियों को बाहर किया जाए। इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांच तक पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की अधिसूचना को भी रद्द कर दिया था ।


राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एनसीटीई और केंद्र सरकार ने बीएड वालों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।



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कोर्ट आर्डर  👇


🛑 सुप्रीम कोर्ट का मुख्य कार्यकारी आदेश 👇


The civil appeals are dismissed and the Writ Petitions are disposed of in terms of the signed reportable judgment.

अर्थात राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध दायर सभी सिविल अपील खारिज की जाती हैं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के रिपोॅटेड जजमेंट में शामिल किया जाएगा


🔴  मुख्य अंश

Consequently, the Appeals are dismissed and the judgement dated 25.11.2021 of the Rajasthan High Court is upheld. The notification dated 28.06.2018 is hereby quashed and set aside. The Writ Petitions and all pending applications stand disposed of in light of the above order.

एनसीटीई का 28/06/2018 का अवैध नोटिफिकेशन रद्द। एनसीटीई ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए आरटीई एक्ट 2009 को दरकिनार किया तथा अवैध रूप से बीएड की एंट्री प्राइमरी में की।






बीएड डिग्रीधारक बेसिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे : सुप्रीमकोर्ट, फैसले का असर देश के सभी राज्यों में पड़ेगा Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:27 AM Rating: 5

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