UPTET में सफल 6.60 लाख अभ्यर्थियों को मिलेगा प्रमाणपत्र, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद साफ हुआ रास्ता, विवाद के कारण सवा साल से नहीं बंट सके थे प्रमाण पत्र
UPTET में सफल 6.60 लाख अभ्यर्थियों को मिलेगा प्रमाणपत्र, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद साफ हुआ रास्ता, विवाद के कारण सवा साल से नहीं बंट सके थे प्रमाण पत्र
● 08 अप्रैल 2022 को आया था परिणाम, दोनों स्तर की टीईटी में 6,60,592 अभ्यर्थी सफल हुए थे
● परीक्षा नियातक प्रधिकारी कार्यालय ने कोर्ट का फैसला आने तक वितरण टाला था
प्रयागराज : एक से पांच तक की कक्षाओं में बीएड बनाम डीएलएड (बीटीसी) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 में सफल 6.60 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र बंटने का रास्ता भी साफ हो गया है।
23 जनवरी 2022 को आयोजित यूपीटीईटी का परिणाम आठ अप्रैल को घोषित हुआ था। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में कुल 660592 अभ्यर्थी सफल हुए थे। कक्षा एक से पांच तक के लिए प्राथमिक स्तर की परीक्षा में सम्मिलित 11,47,090 अभ्यर्थियों में से 6,91,903 बीएड और 4,55,183 डीएलएड (बीटीसी) डिग्रीधारी थे।
इनमें से 220065 बीएड और 223533 डीएलएड अभ्यर्थियों को सफलता मिली थी। हालांकि प्रमाणपत्र वितरित होने से पहले कुछ डीएलएड अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी। जिसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने कोर्ट का फैसला आने तक प्रमाणपत्र वितरण टाल दिया था।
अब सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद सवा साल बाद यूपीटीईटी 2021 में सफल अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र मिलने का भी रास्ता साफ हो गया है। अधिकारियों की मानें तो भले ही प्राथमिक स्तर की शिक्षक भर्ती से बीएड को बाहर कर दिया गया हो लेकिन बीएड अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र रोका नहीं जा सकता।
गौरतलब है कि 23 जनवरी 2022 को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 12,91,628 अभ्यर्थियों में से 11,47,090 परीक्षा में सम्मिलित हुए और उनमें से 4,43,598 (38.67 या 39 प्रतिशत) पास थे। उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 8,73,553 अभ्यर्थियों में से 7,65,921 परीक्षा में सम्मिलित हुए। इनमें से 2,16,994 (28.33 या 28 प्रतिशत) पास हुए थे।
बेरोजगारों ने कदम-कदम पर झेलीं अड़चनें
प्रयागराज : यूपी-टीईटी 2021 में शामिल बेरोजगारों को कदम-कदम पर अड़चनें झेलनी पड़ीं। पहले तो कोरोना के कारण 2020 में टीईटी नहीं हो सकी। 2021 में टीईटी 28 नवंबर को पेपर लीक होने के कारण निरस्त करनी पड़ी। उसके बाद 23 जनवरी 2022 को परीक्षा हुई तो बीएड-डीएलएड के विवाद के कारण प्रमाणपत्र फंस गया।
फैसले पर डीएलएड प्रशिक्षुओं ने जताई खुशी
प्रयागराज : प्राथमिक स्कूल की शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने पर प्रशिक्षुओं ने खुशी जताई है। डीएलएड संघ के अध्यक्ष रजत सिंह, तेज प्रताप, रोहित दिनकर, सुनील यादव, लवकुश मौर्या, पवन आदि ने शुक्रवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज में केक काटकर बीएड के बाहर होने की खुशी मनाई।
डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षु संघ के अनुराग मिश्र, पारितोष मिश्र, पवन पांडेय, अभिषेक तिवारी ने संघर्ष की जीत बताया। ऑल बीटीसी डीएलएड वेलफेयर एसोसिएशन यूपी के संस्थापक शिवम् शुक्ल, प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह, प्रदेश प्रवक्ता रामानुज दुबे आदि ने फैसले का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर के लाखों डीएलएड अभ्यर्थियों के हक को सुरक्षित किया है।
UPTET में सफल 6.60 लाख अभ्यर्थियों को मिलेगा प्रमाणपत्र, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद साफ हुआ रास्ता, विवाद के कारण सवा साल से नहीं बंट सके थे प्रमाण पत्र
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:32 AM
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