जांच हेतु शैक्षिक दस्तावेज STF को उपलब्ध कराए जाने के संबंध में

फर्जी  शिक्षकों की जांच में सहयोग नहीं कर रहे 28 जनपदों के बीएसए, भेजा गया नोटिस


लखनऊ : फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति प्रपत्र पर नौकरी कर रहे बेसिक शिक्षकों की जांच में सहयोग नहीं करने वाले जिला बेसिक अधिकारियों पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। एसटीएफ की ओर से शिकायतें मिलने के बाद शासन ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक को ऐसे बेसिक अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 28 बीएसए को कड़ा नोटिस भेजा है। एक सप्ताह के भीतर सभी चिन्हित शिक्षकों के दस्तावेज एवं नियुक्ति प्रपत्र की सत्यापित कापी विशेष संदेशवाहक के साथ बेहद गोपनीय तरीके से लखनऊ स्थित एसटीएफ अधीक्षक कार्यालय में पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त हुए शिक्षकों की जांच कर रही एसटीएफ ने शासन से शिकायत की थी कि कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे। उनसे जो दस्तावेज की सत्यापित प्रति मांगी जा रही है, वह उसे उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहे है। परिणामस्वरूप जांच में अनावश्यक रूप से विलम्ब हो रहा है।

इन जिलों के बीएसए को भेजा गया नोटिस

स्कूल महानिदेशक की ओर से जिन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है उसमें देवरिया, मथुरा, बलिया, संतकबीरनगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, सुलतानपुर, बस्ती, हमीरपुर, उन्नाव, गोण्डा, बलरामपुर, आगरा, अलीगढ़, एटा, प्रयागराज, कौशाम्बी, मुरादाबाद, लखनऊ, रायबरेली, अम्बेडकरनगर, सोनभद्र, गाजीपुर, बदायूं तथा ललितपुर के नाम शामिल हैं।


STF को शैक्षिक दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में 

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फर्जी शिक्षकों पर फिर कसेगा शिकंजा, STF ने मांगे अभिलेख


फर्जी शिक्षकों की अटकी जांच फिर तेज होगी। विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने  शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख मांगे हैं।  एसटीएफ गोपनीय शिकायत पर दस्तावेजों की जांच कर रही है। पिछले दिनों एसटीएफ के जानकारी मांगने पर कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अपठनीय शैक्षणिक दस्तावेज भेज दिया था। आशंका जताई गई है कि यदि दस्तावेज देने में देरी हुई तो उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है।


विशेष टास्क फोर्स के अपर पुलिस अधीक्षक सत्यसेन यादव ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेशित करने को कहा है।

एसटीएफ ने यह भी अनुरोध किया है कि संबंधित जिलों के शिक्षकों की नियुक्ति व अन्य निवास, जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांगता दस्तावेजों की पठनीय प्रति ही उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ मूल प्रमाण पत्र आदि को सत्यापित कराकर विशेष वाहक के जरिये एसटीएफ मुख्यालय में भेजें।



फर्जी शिक्षकों की अटकी जांच, बेसिक शिक्षा विभाग नहीं दे रहा है STF को दस्तावेज

एसटीएफ ने स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक के डीजी को लिखा पत्र

28 जिलों में तैनात शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज देने में आनाकानी


प्रयागराज, प्रतापगढ़ व कौशाम्बी समेत इन जिलों के मांगे दस्तावेज

देवरिया, मथुरा, बलिया, संतकबीरनगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, सुल्तानपुर, बस्ती, हमीरपुर, उन्नाव, गोंडा, बलरामपुर, आगरा, अलीगढ़, एटा, प्रयागराज, कौशाम्बी, मुरादाबाद, लखनऊ, रायबरेली, अंबेडकरनगर, सोनभद्र, गाजीपुर, बदायूं व ललितपुर ।


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति शिक्षकों के खिलाफ एसटीएफ की गोपनीय जांच अटक गई है। इन शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज देने में विभाग आनाकानी कर रहा है। इसकी बजाय एसटीएफ को शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेज की प्रतियां देकर टरकाया जा रहा है। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक सत्यसेन यादव ने डीजी स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश देने को कहा है।


28 जिलों में तैनात 235 शिक्षकों की नियुक्ति और शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। इसमें सर्वाधिक 92 शिक्षक देवरिया के हैं। एसटीएफ द्वारा जानकारी मांगने पर कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने केवल अपठनीय शैक्षणिक दस्तावेज देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। एसटीएफ ने आशंका जताई है कि इसमें देरी करने पर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। 


एसटीएफ ने डीजी से अनुरोध किया है कि संबंधित जिलों के शिक्षकों की नियुक्ति और शैक्षिक दस्तावेजों की पठनीय प्रति उपलब्ध कराई जाए। साथ ही मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र आदि को सत्यापित कराकर एसटीएफ मुख्यालय को विशेष वाहक के जरिए भेजना सुनिश्चित कराया जाए।


37 शिक्षक अब तक हुए गिरफ्तार

बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2017 से फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की गोपनीय जांच एसटीएफ कर रही है। अब तक 37 फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वर्ष 2020-21 में कुल 105 फर्जी शिक्षकों को चिन्हित कर संबंधित जिलों के बीएसए के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की गई है। एसटीएफ अब तक कुल 149 मामलों में 318 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर चुकी है।


■ 50 हजार फर्जी शिक्षक होने की अनुमान

एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक पूरे प्रदेश में तकरीबन 50 हजार फर्जी शिक्षकों के कार्यरत होने का अनुमान है। दरअसल, शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में मुन्ना भाइयों की सक्रियता, नियुक्ति के समय फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपात्रों का चयन करने के तमाम मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे शिक्षक लगातार राज्य सरकार से वेतन भी ले रहे हैं।


अधिकारियों की भी मिलीभगत : शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हीलाहवाली की वजह से इनकी धरपकड़ का अभियान सुस्त पड़ता जा रहा है। दरअसल एसटीएफ की जांच में कई जिलों के बीएसए और शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की संलिप्तता के प्रमाण भी हाथ लगे थे। इनके खिलाफ एसटीएफ ने कार्रवाई करने के लिए कई बार पत्र भी लिखा। हालांकि कार्रवाई करना तो दूर, एसटीएफ को अब दस्तावेज देने में अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं।


जांच हेतु शैक्षिक दस्तावेज STF को उपलब्ध कराए जाने के संबंध में


जांच हेतु शैक्षिक दस्तावेज STF को उपलब्ध कराए जाने के संबंध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:49 AM Rating: 5

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