जानिये! क्या है अनुभूति पाठ्यक्रम? जो अब यूपी की किताबों में शामिल होने वाला है

जानिये! क्या है अनुभूति पाठ्यक्रम? जो अब यूपी की किताबों में शामिल होने वाला है


Anubhuti Curriculum in UP: उत्तर प्रदेश में अब बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहली बार 'अनुभूति पाठ्यक्रम' लागू हो जाएगा. प्रदेश में 45 हजार से ज्यादा उच्च प्राथमिक स्कूल हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाले क्लास 6 से लेकर 8 तक के बच्चों में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी. जिससे वह देश के विकास में अपना अहम रोल अदा कर सकें.

यूपी के 45 हजार से ज्यादा उच्च प्राथमिक स्कूलों में क्लास छह से लेकर आठ तक के 50 लाख से अधिक विद्यार्थियों में किताबी ज्ञान से हटकर एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी. जिससे बच्चे ना केवल डॉक्टर, इंजीनियर आदि बने साथ ही वह देश के जिम्मेदार नागरिक भी बनें.

यूपी के स्कूल शिक्षा महानिदेशक की मानें तो मनोविज्ञानशाला के विशेषज्ञों को 'अनुभूति पाठ्यक्रम' और हैंडबुक विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है. क्लास 6, 7 और 8 के लिए पाठ्यक्रम अलग-अलग तैयार कराए जा रहे हैं. इन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के आधार पर बनाने के काम हो रहा है.

रिपोर्ट्स के अनुसार इस पाठ्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास, दूसरों के प्रति सम्मान, सामाजिक जिम्मेदारी, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों पर जानकारी दी जाएगी. एक्सपर्ट्स की मानें तो अनुभूति पाठ्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है. जो बच्चो के भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है.


ये होंगे फायदे

🔵 ये छात्रों में जीवन मूल्यों की समझ विकसित करेगा.

🔵 इससे छात्रों को एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए जरूरी कौशल और ज्ञान प्राप्त होगा.

🔵 ये छात्रों में आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और दूसरों के प्रति सम्मान जैसे गुणों को विकसित करेगा.

🔵 इससे छात्रों में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करेगा.

🔵 ये छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा.

🔵 इससे छात्रों में राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित होगी.



परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक लागू होगा ‘अनुभूति पाठ्यक्रम’

● स्कूली बच्चों में विकसित करेंगे जीवन मूल्यों की समझ

● मनोविज्ञानशाला तैयार करेगी पाठ्यक्रम और हैंडबुक



प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के 45 हजार से अधिक उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहली बार ‘अनुभूति पाठ्यक्रम’ लागू होगा। इन स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा छह से आठ तक के 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी ताकि किताबी ज्ञान हासिल कर वे न सिर्फ सफल अफसर, नेता, डॉक्टर, इंजीनियर बनें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के विकास में योगदान देने के योग्य बनें। 


महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मनोविज्ञान एवं निर्देशन विभाग के विशेषज्ञों को ‘अनुभूति पाठ्यक्रम’ , हैंडबुक विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। समाजिक भावनात्मक अधिगम एवं मूल्यों की समझ विकसित करने के लिए संस्थान में मंगलवार से कार्यशाला शुरू होगी। 


कक्षा छह, सात व आठ के लिए अलग-अलग तैयार हो रहे पाठ्यक्रम के जरिए छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को आधार बनाया है।


इन सिद्धांतों के आधार पर बनाएंगे पाठ्यक्रम

बच्चों के व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए एनईपी में दिए गए मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, नैतिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, मूल्य, शांति एवं सौहार्द, सामाजिक, संवैधानिक व जीवन कौशल को आधार बनाया गया है। बच्चे मूल्यों की अनुभूति तब कर पाएंगे जब उनमें ज्ञान और समझ होगी और क्रिया के माध्यम से उसे आत्मसात करेंगे। कक्षा में अध्यापन के जरिए ज्ञान और समझ विकसित करेंगे, फिर प्रेरक प्रसंगों, कहानियों व प्रश्नों आदि क्रियाविधि के जरिए स्वयं सीखने, निर्णय लेने में सक्षम बनाएंगे।


मानव जीवन के सर्वागीण विकास एवं निरंतर प्रगति के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। है। शिक्षा सीखने और समझने में तत्परता लाने, ज्ञान, मूल्यों और सदृणों को प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है। विभिन्न विषयों के अध्ययन के अतिरिक्त विद्यार्थियों के जीवन में मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। - ऊषा चन्द्रा, निदेशक मनोविज्ञानशाला


जानिये! क्या है अनुभूति पाठ्यक्रम? जो अब यूपी की किताबों में शामिल होने वाला है Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:27 AM Rating: 5

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