शिक्षक भर्ती : काउंसलिंग में ही लिए जाएंगे मूल प्रमाण पत्र
- जिलेवार मेरिट 22 जनवरी तक जारी करने
- काउंसलिंग 29 जनवरी से कराने की तैयारी
- मोअल्लिम को टीईटी से छूट देने पर फंसा पेंच
- न्याय विभाग ने कहा-एनसीटीई को ही छूट देने का अधिकार
लखनऊ।
शिक्षक भर्ती में इस बार आए आवेदन ने शिक्षा विभाग को परेशानी में डाल
दिया है। एक-एक अभ्यर्थी ने 20 से 25 स्थानों पर आवेदन कर रखा है। जिलेवार
आवेदनों के मिलान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फॉर्म मिलान के बाद सही
भरे गए आवेदनों के आधार पर मेरिट बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विभागीय जानकारों की मानें तो शिक्षक भर्ती में इस बार मेरिट काफी अधिक
जाएगी। पहली मेरिट में 60 फीसदी से अधिक अंक पाने वालों को ही मौका मिलेगा।
इस बार काउंसलिंग के दौरान ही अभ्यर्थियों के मूल अभिलेखों का जमा करा
लिया जाएगा। मेरिट का निर्धारण गुणांक के आधार पर किया जाएगा। हाईस्कूल 10
प्रतिशत, इंटरमीडिएट 20, स्नातक 40 और बीएड के अंकों को 30 प्रतिशत गुणांक
मानते हुए मेरिट बनाई जाएगी।
बेसिक शिक्षा
परिषद ने शिक्षकों के 72 हजार 825 पदों के लिए आवेदन मांगा था। इस बार
शिक्षकों की भर्ती के लिए रिकॉर्ड आवेदन 70 लाख के करीब आए हैं। यह बात अलग
है कि टीईटी और सीटीईटी पास करीब ढाई लाख ही बीएड डिग्रीधारक हैं लेकिन
एक-एक छात्र ने 20 से 25 जिलों में आवेदन किया है। इसके चलते इस बार पहली
मेरिट में 60 फीसदी से अधिक अंक वाले ही मौका पाएंगे।
शिक्षक
भर्ती के लिए जिलेवार मेरिट 22 जनवरी तक जारी करने और काउंसलिंग 29 जनवरी
से कराने की तैयारी है। काउंसलिंग के साथ ही 30 दिनों तक चयनितों का मेडिकल
परीक्षण कराया जाएगा और इसके दो दिन बाद से शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया
शुरू कर दी जाएगी। इस बार खास बात यह होगी कि काउंसलिंग के समय ही चयनितों
के मूल प्रमाण पत्रों को जमा करा लिया जाएगा ताकि सीटें भरने के बाद उस पर
तैनाती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
- मोअल्लिम को टीईटी से छूट देने पर फंसा पेंच
लखनऊ
(ब्यूरो)। मोअल्लिम धारकों को बगैर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास
किए शिक्षक बनाने में नया पेंच फंस गया है। न्याय विभाग ने सुझाव दिया है
कि शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करने की अनिवार्यता राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षक परिषद (एनसीटीई) ने निर्धारित की है लिहाजा छूट देने पर अंतिम
निर्णय लेने का अधिकार भी उसी को है। बेसिक शिक्षा विभाग इस संबंध में जल्द
ही एनसीटीई से पत्राचार करेगा।
राज्य
सरकार 11 अगस्त 1997 से पूर्व मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ मुस्लिम
विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को उर्दू शिक्षक बनाना
चाहती है। प्राइमरी स्कूलों में अभी 2,911 पद खाली हैं। सबसे बड़ी दुविधा
टीईटी को लेकर है। एनसीटीई ने कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक भर्ती के
लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर रखा है। कैबिनेट की 4 दिसंबर को हुई बैठक
में टीईटी पास किए बिना ही मोअल्लिम और डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को
शिक्षक बनाने पर सहमति तो बनी, पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार मुख्यमंत्री
को दे दिया गया। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस पर अंतिम निर्णय
लेने से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बात की।
अधिकारियों ने तर्क दिया कि यदि मोअल्लिम को टीईटी पास किए बिना शिक्षक
बनाया गया तो टीईटी नहीं पास कर सकने वाले बीटीसी धारक भी इसके लिए दावा
करेंगे। यही नहीं कोर्ट में भी मामला फंस सकता है। न्याय विभाग ने भी कुछ
इसी तरह सुझाव दिया है। इसमें कहा गया है कि अंतिम निर्णय लेने से पहले
एनसीटीई से टीईटी पर छूट देने को लेकर सहमति ले ली जाए, ताकि कोर्ट में
मामला न फंसे। सूत्रों का कहना है कि शीघ्र ही इस संबंध में एनसीटीई से
पत्राचार किया जाएगा, ताकि इस पर अंतिम निर्णय किया जा सके।
(साभार-अमर उजाला)
(साभार-अमर उजाला)
शिक्षक भर्ती : काउंसलिंग में ही लिए जाएंगे मूल प्रमाण पत्र
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:11 AM
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