उत्तर प्रदेश में तीन चौथाई बच्चे नहीं पढ़ पाते अंग्रेजी का वाक्य
नई दिल्ली/ब्यूरो | Last updated on: January 18, 2013 8:33 AM IST
उत्तर
प्रदेश में प्राइमरी शिक्षा का हाल बेहाल है। यहां छटी से आठवीं कक्षा के
तीन चौथाई बच्चे अंग्रेजी वाक्य तक ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं। यही नहीं, इन
क्लासों में सत्तर फीसदी बच्चों को गुणा भाग करना भी ठीक से नहीं आता है।
यह जानकारी वर्ष 2012 की असर की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में
उत्तराखंड में प्राइमरी शिक्षा का स्तर उत्तर प्रदेश से काफी बेहतर बताया
गया है।
असर की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी भी 6.4 प्रतिशत 6 से 14 आयुवर्ग के बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। यही नहीं प्रदेश में बड़े पैमाने पर आरटीई के तहत नए सरकारी स्कूलों की स्थापना के बाद भी निजी क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है। यूपी में ग्रामीण इलाकों में भी निजी स्कूलों की भागीदारी काफी बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में 16 वर्ष आयु वर्ग के 48.5 फीसदी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। यूपी में प्राइमरी स्तर पर 11.5 फीसदी बच्चे निजी स्तर पर ट्यूशन भी पढ़ते हैं। यद्यपि यह औसत दूसरे राज्यों से काफी कम है। बिहार में 50 फीसदी, उत्तराखंड में 17 फीसदी, पंजाब में 19 फीसदी बच्चे प्राइमरी में ट्यूशन पढ़ते हैं।
तीसरी से पांचवी कक्षा तक के बच्चों की पढ़ने की क्षमता काफी खराब है। रिपोर्ट के अनुसार पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले 55 फीसदी छात्र कक्षा एक के स्तर का पाठ पढ़ने में असमर्थ हैं। यही नहीं, जोड़ घटाव के मामले में 70 फीसदी बच्चों का स्तर मानक से काफी पीछे है।
असर की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी भी 6.4 प्रतिशत 6 से 14 आयुवर्ग के बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। यही नहीं प्रदेश में बड़े पैमाने पर आरटीई के तहत नए सरकारी स्कूलों की स्थापना के बाद भी निजी क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है। यूपी में ग्रामीण इलाकों में भी निजी स्कूलों की भागीदारी काफी बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में 16 वर्ष आयु वर्ग के 48.5 फीसदी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। यूपी में प्राइमरी स्तर पर 11.5 फीसदी बच्चे निजी स्तर पर ट्यूशन भी पढ़ते हैं। यद्यपि यह औसत दूसरे राज्यों से काफी कम है। बिहार में 50 फीसदी, उत्तराखंड में 17 फीसदी, पंजाब में 19 फीसदी बच्चे प्राइमरी में ट्यूशन पढ़ते हैं।
तीसरी से पांचवी कक्षा तक के बच्चों की पढ़ने की क्षमता काफी खराब है। रिपोर्ट के अनुसार पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले 55 फीसदी छात्र कक्षा एक के स्तर का पाठ पढ़ने में असमर्थ हैं। यही नहीं, जोड़ घटाव के मामले में 70 फीसदी बच्चों का स्तर मानक से काफी पीछे है।
उत्तर प्रदेश में तीन चौथाई बच्चे नहीं पढ़ पाते अंग्रेजी का वाक्य
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
12:14 AM
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