शिक्षक भर्ती : अधिक आवेदनों ने ऊंची की मेरिट

  • आवेदकों ही पता नहीं किस पायदान पर खड़े है वो
  • ठगा महसूस कर रहे है यूपी बोर्ड के अभ्यर्थी
लखनऊ, शिक्षक भर्ती के लिए मंगलवार को मेरिट सूची जारी कर दी गई। सूची ने अभ्यर्थियों की धड़कन बढ़ा दी है। जो लोग मेरिट सूची में बेहतर स्थिति का अंदाजा लगाए थे वे खुद को काफी निचले पायदान पर पा रहे हैं। यह स्थिति एक-एक अभ्यर्थी द्वारा 10 जिलों से लेकर अधिकतम 75 जिलों में आवेदन के कारण आ खड़ी हुई है। वहीं मेरिट में यूपी बोर्ड के अभ्यर्थी पिछड़ते नजर आ रहे हैं। ऊंची मेरिट से अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरेगी और अभ्यर्थियों को अपनी बारी के लिए खासा इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षक भर्ती का मौका हर कीमत पर पाने के लिए आवेदकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। ज्यादा से ज्यादा जिलों में आवेदन की होड़ सी लग गई। इसका नतीजा अब मेरिट में दिखाई पड़ रहा है। हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की गई है। यूपी बोर्ड वाले अभ्यर्थी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि चंद वर्षो को छोड़ दें तो यहां हमेशा कम अंक देने की परंपरा रही है। स्थिति और खराब कर दी है बीबीए और बीसीए के विद्यार्थियों ने। हरदोई निवासी मुकेश पाण्डेय ने 12 जिलों से आवेदन किया था। उनका गुणांक 59.57 है। मुकेश का कहना है कि यूपी बोर्ड से उस वर्ष हाईस्कूल किया था जब परिणाम 19 फीसद था। यही हाल इंटर में भी रहा। अंक कितनी कड़ाई से दिए जाते थे। आज यूपी बोर्ड में पढ़ने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसी भी जिले में मेरिट 50,000 से कम नहीं है। अब तो शिक्षक बनने की उम्मीद ही छूटती जा रही है। मिर्जापुर निवासी आलोक जायसवाल ने बताया कि गुणांक 67.738 फीसद है। यूपी बोर्ड से पढ़ाई की। हाईस्कूल में 66, इंटर में 65, स्नातक में 66 और बीएड में तकरीबन 73 फीसद अंक हासिल किए लेकिन फिर भी माथे पर चिंता की लकीरें हैं। मेरिट में खुद को नीचे पाकर आलोक दुखी है और प्रक्रिया में संशोधन की मांग कर रहे हैं।
                             (साभार-दैनिक जागरण)
शिक्षक भर्ती : अधिक आवेदनों ने ऊंची की मेरिट Reviewed by Brijesh Shrivastava on 5:37 PM Rating: 5

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