जूनियर हाईस्कूल में अब गणित की एक किताब
- टुकड़ों में नहीं, सेट बनाकर दी जाएंगी किताबें
- शासन स्तर पर हुई बैठक में बनी सहमति
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक (जूनियर हाईस्कूल) में पढ़ने वाले
बच्चों पर बस्ते का बोझ कम करने के लिए गणित की दो किताबों के स्थान पर अब
एक किताब देने की तैयारी है। राज्य शिक्षा संस्थान से दोनों किताबों को
मिलाकर एक किताब बनाने के लिए प्रारूप मांगा गया है। बच्चों को नई किताबें
नए शिक्षण सत्र यानी जुलाई से दी जाएंगी। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील
कुमार की अध्यक्षता में हुई पाठ्यपुस्तक समिति की बैठक में इस पर सहमति बन
गई है। अब केवल आदेश जारी किया जाना बाकी है।
सर्व
शिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा
8 तक के बच्चों को मुफ्त किताब देने की व्यवस्था है। शिक्षा का अधिकार
अधिनियम लागू होने के बाद जहां 6 से 14 वर्ष के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य
की गई है, वहीं फ्रेमवर्क फॉर इम्पलिमेंटेशन में पाठ्यक्रम संशोधित करने पर
जोर दिया गया है। इसमें उबाऊ और रट्टू पद्धति पर आधारित पाठ्यक्रम को सरल व
रोचक बनाने की बात कही गई है। उत्तर प्रदेश में इसके आधार पर ही बेसिक
शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम के संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। है कि कक्षा 6, 7 व 8 में चलने वाली अंकगणित व
बीजगणित की किताब को मिलाकर एक कर दिया जाए। इससे किताबों की छपाई का खर्च
तो घटेगा ही, बच्चों पर किताबों का बोझ भी कम हो जाएगा।
(साभार-अमर उजाला)
(साभार-अमर उजाला)
जूनियर हाईस्कूल में अब गणित की एक किताब
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:51 AM
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