शिक्षक भर्ती : ओवरएज अभ्यर्थी को भी आवेदन का मौका
- टीईटी मेरिट के आधार पर चयन की मांग खारिज
- शिक्षा मित्रो की विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग खारिज
- बीएलएड को अर्हता में शामिल न किए जाने पर 29 जनवरी को सुनवाई
- बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग खारिज
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने प्रदेश में 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती के
मामले में ऐसे सभी अभ्यर्थियों को शामिल करने का निर्देश दिया है,
जिन्होंने 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था, लेकिन इस
बार आयु सीमा अधिक या कम हो जाने के कारण उनकी अर्हता समाप्त हो गई थी।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी अभ्यर्थी जो पिछले विज्ञापन के तहत आवेदन कर चुके
हैं और इस बार आयु कम या अधिक हो जाने के कारण आवेदन नहीं कर सके हैं, 21
जनवरी तक अपना प्रार्थनापत्र शासन को भेजें। अखिलेश त्रिपाठी और सैकड़ों
अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने यह
आदेश दिए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट
ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि
सहायक अध्यापक नियमावली 1981 के नियम छह में सरकार को न्यूनतम आयु सीमा
निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। वह सिर्फ अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण
कर सकती है। राज्य सरकार ने सेवा नियमावली में 16 वां संशोधन करते हुए चार
दिसंबर 2012 को न्यूनतम आयुसीमा 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी थी। इससे तमाम
अभ्यर्थी अंडरएज हो गए। कोर्ट ने नियमावली
का हवाला देते हुए कहा कि आयु सीमा की गणना विज्ञापन जारी करने की तिथि के
बाद आने वाले साल में की जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थियों की आयु की गणना एक
जुलाई 2012 के स्थान पर एक जुलाई 2013 को की जानी चाहिए।
कुछ याचियों ने टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार मानने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था। इसे बहाल रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी।
शिक्षा मित्रो द्वारा मौजूद विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
कुछ याचियों ने टीईटी मेरिट को ही चयन का आधार मानने की मांग की थी। उनका कहना था कि यह निर्णय पूर्व की सरकार द्वारा लिया गया था। इसे बहाल रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी।
शिक्षा मित्रो द्वारा मौजूद विज्ञापित पदों में आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
चार वर्षीय
बीएलएड कोर्स को अर्हता में शामिल न किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर
कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मुद्दे पर 29 जनवरी को सुनवाई
होगी।
कई याचियों के अधिवक्ताओं ने मौखिक
तौर पर आवेदन शुल्क कम करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि किसी भी
याचिका में फीस कम करने की मांग नहीं की गई है इसलिए इस पर कोई आदेश नहीं
दिया जा सकता है।
एक याचिका में आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) को दोहरा लाभ दिए जाने की शिकायत की गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई केलिए 17 जनवरी की तिथि नियत की है।
बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग भी खारिज कर दी गई है। याचिकाओं पर एनसीटीई के वकील रिजवाल अली अख्तर ने कोर्ट को नियमावली की जानकारी दी।
(साभार-अमर उजाला )एक याचिका में आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) को दोहरा लाभ दिए जाने की शिकायत की गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई केलिए 17 जनवरी की तिथि नियत की है।
बीटीसी अभ्यर्थियों द्वारा घोषित पदों पर नियुक्ति देने की मांग भी खारिज कर दी गई है। याचिकाओं पर एनसीटीई के वकील रिजवाल अली अख्तर ने कोर्ट को नियमावली की जानकारी दी।
- टीईटी मेरिट के आधार पर चयन की मांग खारिज
शिक्षक भर्ती : ओवरएज अभ्यर्थी को भी आवेदन का मौका
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:53 AM
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3 comments:
yoga diploma & degree dhaark vi aaweadn kr sktea hai kya....?
koi to rasta nikaliyea yoga walnu k liyea................wrna yea bhukea mr jayngea....plz.....
yoga diploma & degree dhaark vi aaweadn kr sktea hai kya....?
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