निशक्त बच्चों को घर पर पढ़ाएंगे शिक्षक

  • सरकार विशिष्ट श्रेणी में आने वाले बच्चों के लिए बना रही योजना
  • सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैयार किया जा रहा प्रस्ताव
  • जिलों से ऐसे बच्चों की मांगी गई सूची
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन बच्चों के लिए अच्छी खबर है जो 60 फीसदी से अधिक निशक्त हैं और स्कूल नहीं जा सकते हैं। राज्य सरकार विशिष्ट श्रेणी में आने वाले ऐसे बच्चों को घर पर पढ़ाने की व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए छात्रों की जरूरत के हिसाब से शिक्षक रखे जाएंगे। अभी तक ऐसे बच्चों को केवल स्कूल में पढ़ाने की व्यवस्था है। घर पर पढ़ने वाले इन बच्चों को भी स्कूल जाने वाले बच्चों के समान प्रमाण पत्र दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और जिलों से ऐसे बच्चों की सूचना बीएसए से मांगी गई है। यह व्यवस्था नए शिक्षण सत्र यानी जुलाई से लागू किए जाने की तैयारी है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत विशिष्ट श्रेणी के बच्चों (मूकबाधिर व 60 फीसदी से अधिक निशक्त) को मुफ्त में शिक्षा देने की व्यवस्था है। प्रदेश में अभी ऐसे करीब 4 लाख बच्चों को चिह्नित किया गया था। इसमें से काफी प्रयास से बाद 3.66 लाख बच्चों को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नाम लिखकर शिक्षा देने की शुरुआत की गई, लेकिन पर हजारों की संख्या में बच्चों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षा से बीएड करने वालों को विशेष शिक्षक के पद पर रखकर 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। इसके बाद भी अधिकतर अभिभावक इस श्रेणी में आने वाले बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं। इसके चलते वे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
इसलिए नए सत्र से ऐसी व्यवस्था करने की योजना है कि विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे यदि स्कूल नहीं जा पाते हैं, तो उन्हें घर पर ही पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए जिलेवार ऐसे बच्चों की सूचना बीएसए से मांगी गई है। इस संबंध में पूर्व में ही आठ विशिष्ट बच्चों पर एक शिक्षक रखने का मानक निर्धारित किया जा चुका है।
                                                         (साभार-अमर उजाला)
निशक्त बच्चों को घर पर पढ़ाएंगे शिक्षक Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:27 AM Rating: 5

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