मोअल्लिम धारक तैयार हों तो हो टीईटी : बेसिक शिक्षा के अधिकारी मनाने में जुटे
सूबे के प्राथमिक स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी
है, इसके बावजूद सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने की हिम्मत
नहीं जुटा पा रहे है। दरअसल इसके पीछे मुख्य वजह मोअल्लिम वाले माने जा रहे
हैं। मोअल्लिम धारक शिक्षक तो बनना चाहते हैं मगर बगैर टीईटी के। इस पर
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मोअल्लिम धारकों को मनाने में जुटे हैं कि
वे टीईटी के लिए राजी हो जाएं ताकि इसका आयोजन कराया जा सके।
शिक्षा
अधिकार अधिनियम लागू होने के चलते कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षकों के
लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश को 31
मार्च 2014 तक का समय दे रखा है। पर स्थिति यह है कि शिक्षकों की भर्ती के
लिए टीईटी ही नहीं हो पा रही है।
सूबे में
पिछली बार टीईटी नवंबर 2011 में आयोजित कराई गई थी। इसके बाद से प्रस्ताव
कई बार बना लेकिन परीक्षा नहीं हो पाई। इसमें सबसे बड़ी समस्या मोअल्लिम
धारक हैं। दरअसल सपा सरकार मुसलमानों को अपना मुख्य वोट बैंक मानती है और
मोअल्लिम धारक इसी का लाभ उठा रहे हैं। वे बगैर टीईटी पास किए शिक्षक बनना
चाहते हैं। लिहाजा एनसीटीई की नियमावली हर बार आड़े आ रही है। इसलिए बेसिक
शिक्षा विभाग चाहता है कि मोअल्लिम धारक वाले मान जाएं ताकि टीईटी आयोजित
कराई जा सके।
साभार : अमर उजाला |
मोअल्लिम धारक तैयार हों तो हो टीईटी : बेसिक शिक्षा के अधिकारी मनाने में जुटे
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:21 AM
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4 comments:
talwe chat lo moallim walo ke , tbhi man jayenge
sahi kaha verma ji. na 9 man tel hoga na radha nachegi.........
उर्दू टीचर भर्ती 2013 के आवेदन फार्म में इंटरमीडिएट 1995-96 उ.प.बोर्ड से और अदीब ए कामिल 1995-96 जामिया उर्दू अलीगढ़ से उतीर्ण किया है | क्या एक वर्ष में दो परीक्षा उतीर्ण करने वाले भी उर्दू टीचर भर्ती हुये है ?
आप से गुजारिश है कि सही सलाह दे अकबर 9891263954
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