सरकारी स्कूलों में नौकरी पाना ही नहीं होना चाहिए मकसद : रामगोविंद चौधरी
• गुरुजी को लेनी होगी पढ़ाने की शपथ
• सरकारी स्कूलों में नौकरी पाना ही नहीं होना चाहिए मकसद : रामगोविंद
लखनऊ। बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त कर परिषदीय स्कूलों में मास्टर बनना ही मकसद नहीं होना चाहिए। मास साहब वह कुम्हार हैं जो भविष्य के होनहारों को तैयार करते हैं। इसलिए उन्हें प्रशिक्षण के दौरान ही यह शपथ लेनी चाहिए कि वे टाइम से स्कूल पहुंचेंगे और बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की इस इच्छा के अनुसार ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को पत्र लिखा है।
• सरकारी स्कूलों में नौकरी पाना ही नहीं होना चाहिए मकसद : रामगोविंद
लखनऊ। बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त कर परिषदीय स्कूलों में मास्टर बनना ही मकसद नहीं होना चाहिए। मास साहब वह कुम्हार हैं जो भविष्य के होनहारों को तैयार करते हैं। इसलिए उन्हें प्रशिक्षण के दौरान ही यह शपथ लेनी चाहिए कि वे टाइम से स्कूल पहुंचेंगे और बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की इस इच्छा के अनुसार ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को पत्र लिखा है।
उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक के साथ बीटीसी है। बीटीसी के साथ प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनना लगभग तय होता है। लेकिन परिषदीय स्कूलों की स्थिति बहुत खराब है। शिक्षक स्कूल आते नहीं और बच्चे इधर-उधर घूमते रहते हैं। शिक्षक स्कूल आते भी हैं तो बच्चों को ठीक से पढ़ाते नहीं। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का मोहभंग हो रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों की दशा सुधारना चाहते हैं, इसके लिए वह नित नए प्रयास भी कर रहे हैं।
एससीईआरटी के निदेशक ने डायट प्राचार्यों को भेजे पत्र में कहा है कि बेसिक शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया है कि शिक्षक प्रशिक्षण कार्य पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। प्राथमिक शिक्षकों के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं। डायट स्तर पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण का स्कूलों में क्या प्रभाव है तथा प्रशिक्षण में जो कुछ सिखाया जाता है उसका प्रयोग हो रहा है या नहीं, इसके लिए नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण होना चाहिए। शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को यह शपथ दिलाई जाए कि वे स्कूलों में बच्चों को नियमित रूप से उपस्थित होकर शिक्षित करेंगे।
सरकारी स्कूलों में नौकरी पाना ही नहीं होना चाहिए मकसद : रामगोविंद चौधरी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:50 AM
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1 comment:
Es gov se kuch na hone wala ye to sirf unemployment badha rehi h.its only a poor and hungry dogy
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