- मुख्यमंत्री आज संस्था की केन्द्रीय रसोईघर की रखेंगे आधारशिला
- मथुरा जिले में कई सालों से संस्था कर रही है यह कार्य
लखनऊ । घटिया मिड-डे-मील से लखनऊ जिले के नौनिहाल जल्द ही निजात पाएंगे। इस दिशा में अखिलेश सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तायुक्त मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए स्वयंसेवी संस्था अक्षयपात्र फाउण्डेशन को यह काम सौंप रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री शनिवार को सम्बंधित संस्था की केन्द्रीय रसोईघर की आधारशिला रखेंगे। यह रसोईघर अमौसी क्षेत्र में बनेगा। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित होगा। सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि अक्षय पात्र फाउण्डेशन संचालित होने के बाद इस रसोईघर से लखनऊ जिले के बेसिक शिक्षा के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब एक लाख छात्रों को विद्यालय दिवस में विविधतायुक्त, गर्म एवं पौष्टिक मिड-डे-मील उपलब्ध कराया जाएगा। विदित हो कि यही संस्था पिछले कई सालों से वृंदावन में केन्द्रीय रसोईघर बनाकर मथुरा जिले में स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन वितरित कर रही है। मध्याह्न भोजन योजना के सम्बन्ध में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों/तहतानियां स्तर के अनुदानित मदरसों, एआईई केन्द्रों एवं राष्ट्रीय बाल श्रम योजना के तहत बाल श्रमिक विद्यालयों में प्रति विद्यालय दिवस छात्रों को मध्यावकाश में गर्म, विविधतापूर्ण एवं पौष्टिक मिड-डे-मील प्रदान किया जा रहा है। प्रवक्ता के मुताबिक योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए प्रदेश में मध्याह्न भोजन प्राधिकरण गठित है। इसका उद्देश्य छात्र नामांकन में वृद्धि करना, छात्रों को स्कूल में पूरे समय रोके रखना, विद्यालय छोड़ने की प्रवृत्ति (ड्राप आउट) में कमी लाना, निर्बल आय वर्ग के बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की क्षमता को विकसित करना, छात्रों को पौष्टिक आहार प्रदान करना, विद्यालय में सभी जाति एवं धर्म के छात्र-छात्राओं को एक स्थान पर भोजन उपलब्ध कराकर, उनके मध्य सामाजिक सौहार्द, एकता एवं परस्पर भाईचारे की भावना जागृत करना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र को सप्ताह में 4 दिन चावल के बने तथा 2 दिन गेहूं से बने भोज्य पदार्थ दिए जाने की व्यवस्था है। इस योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय स्तर पर प्रत्येक छात्र-छात्रा को प्रतिदिन 100 ग्राम तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर पर प्रतिदिन 150 ग्राम खाद्यान्न (गेहूं/चावल) से निर्मित भोजन उपलब्ध कराया जाता है। (साभार-:-राष्ट्रीय सहारा)
1 comment:
good job sir
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