एन पी इ जी इ एल (नेशनल प्रोगराम ऑफ एजुकेशन फॉर गर्ल्स ऐट एलीमेन्ट्री लेवल)

                                                                                                                                                              
भूमिका
  • एस。 एस。ए。में संशोधित प्रारूप स्वीकृत ।
  • अतिरिक्त घटक उपलब्ध कराये जायेंगे ।
  • कक्षा - ६ से ८ तक की आप्राधिकृत बालिकाओं को लक्ष्य करते हुये योजना प्रारूप ।
  • एक पृथक् घटक के रूप में योजना प्रारूप एस。एस。ए。के अन्तर्गत समावेशित की जायेगी।   
क्षेत्र
  • इस योजना का क्रियान्वयन शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लाक अर्थात् जहाँ पर राष्टीय औसत ( साक्षरता के अनुपात में ) महिला साक्षरता न्यून हो तथा ( कुल जनसंख्या में महिला जनसंख्या अधिक होने के कारण लिंग अन्तराल बृहद हो, में किया जायेगा। )
  • इस योजना से ऐसे ही ब्लाक आच्छादित होंगे जहाँ पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति जनसंख्या में कम से कम ५ % तथा अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति की महिला साक्षरता १० % से भी न्यून हो।   
  • केवल चयनित नगरीय झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्र  ।   
लक्ष्य
  • योजना के लाभ पहुंच योग्य बनाने / उपलब्ध कराने हेतु साधनों का विकास एवं संवर्धन ।    
  • बालिकाओं की ( उपस्थिति / प्रतिभागिता ) निरंतरता बनाये रखने हेतु सुविधायें उपलब्ध कराना ।      
  • शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं एवं बालिकाओं की प्रतिभागिता सुनिश्चित करना ।      
  • शिक्षा की उपलब्धता / प्रसार में गुणात्मक वृद्धि को क्रियान्वित किया जाना ।     
  • बालिका सशक्तीकरण हेतु उनकी शिक्षा की उपयुक्तता एवं गुणात्मकता को महत्व प्रदान करना ।    
राजनीति
बालिका शिक्षा हेतु समुदाय, अध्यपक एवं गैर सरकारी संगठनों (एन。जी。ओ 。) को गतिशील / क्रियाशील बनाना
 लक्ष्य
  • विद्यालय विहीन बालिकायें ।
  • पृथक की गयी / उपेक्षित बालिकायें ।    
  • अधिक वय ( अर्थात निर्धारित आयु से अधिक ) बालिकायें कामकाजी बालिकायें ।    
  • सीमान्त / हाशिये के सामाजिक वर्ग से सम्बन्धित बालिकायें ।   
  • न्यून उपस्थित वाली बालिकायें ।    
  • न्यून उपलब्धि वाली बालिकायें ।    
  • उपयुक्त सहयोग सामग्री / विषय वस्तु का विकास ।    
उपलब्धि पर प्रकाश (फोकस )
  • राष्ट्रीय , प्रादेशिक एवं जनपदीय संगठनों में क्षमता निर्माण ।
  • नवीन प्रयोग वाले लिंग सुग्रहयता विषयक कार्यक्रमों का विकास ।    
  • विभिन्न संगठनों के शोध- सूचना आदान- प्रदान दृष्टिकोण से नेटवर्किंग द्वारा परिस्परिक सुसम्बद्धता ।    
  • शिक्षा प्रणाली को सुग्राहय बनाना ताकि इसकी भूमिका सकारात्मक हो ।    
  • लिंग आदि / औपचारिकता की समाप्ति ।    
  • उपयुक्त सहयोग / समर्थन सेवायें उपलब्ध कराना ।    
  • बालिका शिक्षा हेतु सामुदायिक सहयोग का सृजन ।   
  • बालिकाओं हेतु उत्कृष्ट शिक्षा सुनिश्चित करना ।   
प्रादेशिक स्तर पर क्रियान्वयन व्यवस्थायें 
  • प्रादेशिक एस。एस。ए。संस्थान / संगठन द्वारा क्रियान्वयन ।
  • एन。पी。जी。ई。जी。एल。की सम्यक् गतिविधियों हेतु लिंग समन्वयक की नियुक्ति ।    
  • प्रदेश के जिन स्थानों पर एम。एस。 संस्था क्रियाशील / गतिमान है , उन स्थानों पर एम 。 एस 。संस्था द्वारा क्रियान्वयन किया जायेगा।   
  • एम。 एस。संस्था मार्ग दर्शन उपलब्ध करायेगी-एम。एस。ए。संस्था के न होने की स्थिति में, एम。एस。ए。संस्था द्वारा उपसमिति बनायी जायेगी।     
जनपदीय स्तर पर क्रियान्वयन व्यवस्थायें
  • प्रशासकीय प्रबन्धन हेतु जनपदीय लिंग इकाई ।      
  • जनपदीय लिंग समन्वयक की नियुक्ति ।      
  • जनपदीय लिंग समन्वयक समिति सथापित किया जाना ।      
  • प्रारम्भिक गितिविधियों, आधारभूत मूल्यांकन ब्लाक / ग्रामीण मानचित्रीकरण, समर्थन एम。टी。ए。गठन आदि को सम्मिलित करते हुये समस्त गतिविधियां ।   
उपजनपदीय स्तर पर क्रियान्वयन व्यवस्थायें
  • एक समन्वयक , एक संसाधन व्यक्ति एवं अन्य सदस्यों को सम्मिलित करते हुये मुख्य दल का गठन ।     
  • यह दल डी。जी。यू。के समन्वय व सहभागिता के साथ ग्रामीण योजना तैयार करने, सामुदायिक गतिशीलता ⁄ क्रियाशीलता एवं निरीक्षण हेतु उत्तरदायी होगा ।      
  • एक प्रमुख दल के साथ एक समन्वयक ५ से लेकर २५ ग्राम्य समष्टि ( क्लास्टर ) हेतु कार्य करेंगे।     
  • ग्रामीण स्तर पर प्रयासों / कार्यों का समन्वय एम。एस。संघ, वी。ई。सी。, एम。टी。ए。पी。टी。ए。, एस。एम。सी。आदि द्वारा किया जायेगा।   
घटक
  • मानक समष्टि विद्यालय ( कलस्टर विद्यालय )     
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यक क्षेत्रों में प्रारम्भ किये जायेंगे।     
  • बालिका मित्र विद्यालय ५ से १० गाँवों के बीच मानक रूप में कार्यरत रहेंगे ।     
  • बालिका पंजीकरण क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर विद्यालय का चयन होगा।     
  • ( मानक समष्टि विद्यालय ) टी。एल。ई。,पुस्तक, कम्प्यूटर, क्रीड़ा सामग्री संसाधनों से परिपूर्ण किये जायेंगे।     
  • किसी दिवस विशेष् अथवा संविदा आधार पर प्रशिक्षकों को नियुक्त किया जायेगा।   
अन्य गतिविधियां
  • रू० १५० की निर्धारित धनराशि की पाठ्य पुस्तकों के अन्तर्गत स्टेशनरी ( कागज, कलम, दवात) अभ्यास पुस्तिका, स्लेट ( श्याम पटि्टका ) मार्ग रक्षण उपलब्ध कराया जायेगा।     
  • एम。सी。एस。हेतु प्रादेशिक स्वास्थ्य विभाग एवं एम。डी。एम。के साथ सहयोग एवं सहचर्य ।  



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एन पी इ जी इ एल (नेशनल प्रोगराम ऑफ एजुकेशन फॉर गर्ल्स ऐट एलीमेन्ट्री लेवल) Reviewed by Brijesh Shrivastava on 10:29 PM Rating: 5

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