680 विकास खंडों में खुलेंगे मॉडल स्कूल : पहले चरण में होगी 193 स्कूलों की स्थापना


  • केंद्र सरकार की सहायता से बनेंगे ये स्कूल
लखनऊ : केंद्र के सहयोग से प्रदेश में 680 विकास खंडों में मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय किया गया। नि:शक्तजनों के विकास के लिए नीति मंजूर की गई। कैबिनेट ने जैव ऊर्जा नीति को भी मंजूरी दी तथा जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण गठित करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया।

शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े 680 विकासखंडों में केंद्र सहायतित योजना के तहत माडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे। पहले चरण में 193 माडल स्कूलों की स्थापना की स्वीकृति केंद्र सरकार से मिल चुकी है और इनके भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस योजना में केंद्र सरकार का अंशदान 75 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का अंशदान 25 प्रतिशत होगा। प्रस्तावित विद्यालय सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंड्री एजुकेशन, नई दिल्ली से सम्बद्ध होंगे और इनमें कक्षा छह से 12 तक की पढ़ाई होगी।

स्कूलों का संचालन राज्य स्तरीय सोसाइटी ‘राज्य माडल स्कूल संगठन उप्र’ के माध्यम से किए जाने का निर्णय किया गया है। इस स्वायत्त संगठन के मुख्यमंत्री चेयरमैन होंगे। माध्यमिक शिक्षा मंत्री डिप्टी चेयरमैन, मुख्य सचिव वाइस चेयरमैन तथा राज्य माडल स्कूल संगठन के कमिश्नर को सदस्य सचिव नामित किया गया है। कमिश्नर के रूप में प्रमुख सचिव अथवा सचिव माध्यमिक शिक्षा को नामित करने का निर्णय किया गया है। यह सोसाइटी केंद्रीय विद्यालय संगठन के अनुरूप होगी।

इसी प्रकार बोर्ड आफ गवनर्स में मुख्य सचिव को चेयरमैन और एडिशनल कमिश्नर राज्य माडल स्कूल संगठन उप्र को सदस्य सचिव के रूप में प्रस्तावित किया गया है। शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों का काडर अलग होगा।
खबर साभार : दैनिक जागरण
तीन साल में नहीं बना एक भी मॉडल स्कूल : माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने जताई चिंता

लखनऊ: मॉडल स्कूलों के संचालन के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भले ही राज्यस्तरीय सोसाइटी गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, लेकिन कड़वा सच यह है कि तीन वर्षों में प्रदेश में एक भी मॉडल स्कूल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है।

सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने इस पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मॉडल स्कूल भवनों के निर्माण में गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जाए। जिन कार्यदायी एजेंसियों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब हो उनसे रिकवरी करने के साथ उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उन्हें काली सूची में डाला जाए। उन्होंने अफसरों को भी चेताया कि वह निर्माण एजेंसियों के साथ मिलीभगत न करें। उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर जोर दिया। खासतौर पर आजमगढ़, इलाहाबाद, आगरा, गोरखपुर, अलीगढ़ और वाराणसी मंडलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार की जरूरत बताई। मंत्री ने कहा कि अगले साल से यूपी बोर्ड के सत्र में बदलाव से किसी भी शिक्षक का कोई नुकसान नहीं होगा। शिक्षकों को सत्रंत का लाभ पहले की तरह नियमानुसार मिलता रहेगा। वहीं बच्चों को पढ़ने का समय और मिल जाएगा।

नकल माफिया परेशान करें तो मुङो दें सूचना : माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने वर्ष 2015 की यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं को हर हाल में नकलविहीन कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने बैठक में मौजूद संयुक्त शिक्षा निदेशकों, जिला विद्यालय निरीक्षकों और राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से कहा कि यदि कोई नकल माफिया आपको परेशान करे तो इसकी सूचना मुङो दी जाए। यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन बनाने के लिए शासन अधिकारियों को पूरा संरक्षण देगा। मंत्री ने कहा कि यूपी बोर्ड परीक्षा में छात्र-छात्रओं को एक साथ बैठाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण मानक के अनुसार किया जाए।

खबर साभार : दैनिक जागरण

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680 विकास खंडों में खुलेंगे मॉडल स्कूल : पहले चरण में होगी 193 स्कूलों की स्थापना Reviewed by Brijesh Shrivastava on 8:18 AM Rating: 5

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