कक्षा 8 तक बच्चों को फेल करने पर पाबंदी हटेगी : भुक्खल कमेटी की सिफारिश पर होगा विचार

  • हट सकता है आठवीं तक फेल न करने का नियम
  • केंद्र सरकार कर रही है शिक्षा का अधिकार कानून में बदलाव पर विचार
  • कई राज्य सरकारों ने केंद्र से की शिकायत
  • फेल करने पर रोक होने से बच्चों में घट रही है पढ़ने की क्षमता
नई दिल्ली। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून को लागू हुए करीब चार साल होने वाले हैं। इतने समय बाद कानून का एक नकारात्मक पहलू यह सामने आया है कि बच्चों में पढ़ने की प्रवृत्ति घट रही है। इसके लिए कानून के उस प्रावधान को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसमें आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल करने की मनाही है। राज्यों की आपत्तियों के बाद केंद्र सरकार इस मामले में गीता भुक्खल समिति की सिफारिशों को आधार बनाकर इस कानून में बदलाव की तैयारी कर रही है।

दरअसल, आरटीई लागू होने के तीन साल बाद असर 2013 की रिपोट के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले थे। रिपोट में कहा गया है कि बच्चों में पढ़ने की क्षमता में सुधार नहीं हो रहा है। कक्षा-3 में पढ़ने वाले 60 फीसदी बच्चे ही पहली कक्षा की किताब नहीं पढ़ पाते हैं। इसमें सरकारी स्कूलों की स्थिति और भी चिंताजनक है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोड की बैठकों में कई बार यह मुद्दा राज्यों की तरफ से उठाया गया है। राज्यों का कहना है कि बच्चों को फेल नहीं करने के प्रावधान का गलत संदेश गया है।

राजस्थान ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि वह अपने राज्य में इन नियमों में बदलाव करेगा। माना जा रहा है कि कानून के प्रावधान से यह संदेश बच्चों ही नहीं, अभिभावकों में भी गया है। बच्चे जहां पढ़ने को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वहीं, अभिभावक भी ज्यादा ध्यान इसलिए नहीं देते, क्योंकि वे जानते हैं कि 8वीं तक तो बच्चे फेल होंगे नहीं। this post is being copied from http://news.primarykamaster.com/

भुक्खल कमेटी की सिफारिश
मंत्रालय ने गीता भुक्खल कमेटी बनाई थी, जिसने इस कानून में बदलाव की सिफारिश की थी। समिति ने पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की बात कही थी, जिसमें छात्रों को न्यूनतम अंक हासिल नहीं करने पर फेल किया जाता था। इसके अलावा ऐसे भी आंकड़े हैं कि नौवीं में फेल होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।’

कानूनी राय ले रहा मंत्रालय : अधिकारी के अनुसार, भुक्खल समिति की सिफारिश के बाद कानूनी राय ली जा रही है कि क्या बदलाव के लिए कानून में संशोधन करना पड़ेगा या आदेश के जरिए पवितन हो सकता है।
क्या कहती है रिपोर्ट

 पढ़ने की क्षमता : देश में प्राथमिक स्कूलों के कक्षा तीन में पढ़ने वाले 40.2 फीसदी बच्चे ही पहली कक्षा की किताब पढ़ पाते हैं। यदि सरकारी स्कूलों के आंकड़े अलग करके देखें, तो यह प्रतिशत और भी कम 32 फीसदी है।’

गणित का ज्ञान : राष्ट्रीय स्तर पर सिफ 25.6 फीसदी छात्र ऐसे हैं, जो तीन अंकों को एक अंक से भाग कर प्रश्न का उत्तर निकाल सकते हैं। सरकारी स्कूलों में स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। ’

उपस्थिति घटी :राज्यों ने यह बात भी उठाई थी कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घट रही है। असर रिपोट के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति दर 2012 में 73.1 फीसदी थी जो 2013 में घटकर 71.8 फीसदी रह गई।


खबर साभार : हिन्दुस्तान

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कक्षा 8 तक बच्चों को फेल करने पर पाबंदी हटेगी : भुक्खल कमेटी की सिफारिश पर होगा विचार Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:49 AM Rating: 5

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