आईवीआरएस से जांचेंगे शिक्षकों की हाजिरी : नए सत्र से लागू हो जाएगी नई व्यवस्था; अटेंडेंस लगाकर गायब होना पड़ेगा भारी
लखनऊ
(ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अब गोला मारना भारी पड़ेगा। अब
उनकी हाजिरी इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) से जांची जाएगी।
इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कंट्रोल रूम से
प्रतिदिन स्कूलों में प्रधानाध्यापक को फोन करके पूछा जाएगा कि कितने
शिक्षक आए हैं? इसके बाद औचक निरीक्षण कराया जाएगा और शिक्षकों के गायब
होने पर संबंधित शिक्षकों के साथ ही प्रधानाध्यापक के खिलाफ भी कार्रवाई की
जाएगी। यह व्यवस्था नए सत्र से लागू करने की तैयारी है।
प्रदेश
में 1,13,627 प्राइमरी व 45,749 उच्च प्राइमरी स्कूल हैं। प्राइमरी में
2,62,001 और उच्च प्राइमरी में 1,06,089 शिक्षक हैं। इतने अधिक शिक्षक होने
के बावजूद परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई चौपट है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने
पिछले दिनों राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज में कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण
किया था। इस दौरान बच्चों से सवाल करने पर पता चला कि पढ़ाई का स्तर काफी
खराब है और शिक्षक भी लगातार स्कूल नहीं आते।
बेसिक
शिक्षा विभाग चाहता है कि शिक्षकों की उपस्थिति बनाए रखने के लिए आईवीआरएस
लागू कर दिया जाए। मौजूदा समय शिक्षकों की हाजिरी के लिए स्कूलों में
रजिस्टर रखा गया है। जरूरत होने पर इससे ही पता किया जाता है कि कितने
शिक्षक आ रहे हैं और कितने गायब हैं।
खबर साभार : अमर उजाला
विभाग की योजना : आइवीआरएस के जरिए हाजिरी पर रहेगी नजर
अगले सत्र से नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी
स्कूल से गायब नहीं हो सकेंगे मास्टरजी
खबर साभार : दैनिक जागरण
खबर साभार : डीएनए
विभाग की योजना : आइवीआरएस के जरिए हाजिरी पर रहेगी नजर
अगले सत्र से नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी
स्कूल से गायब नहीं हो सकेंगे मास्टरजी
लखनऊ : हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब रहने वाले परिषदीय स्कूलों के
शिक्षकों के लिए अब ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं होगा। स्कूलों में हाजिरी का
हिसाब-किताब रखने के लिए मिड-डे मील की तर्ज पर इंटर ऐक्टिव वायस रिस्पांस
सिस्टम (आइवीआरएस) का सहारा लिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग अपनी इस योजना
को अगले शैक्षिक सत्र से लागू करने की योजना बना रहा है।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति बड़ी समस्या है। शिक्षक स्कूल आते नहीं हैं लेकिन जुगाड़ से उपस्थिति रजिस्टर में उनकी हाजिरी दर्ज होती रहती है। शिक्षक नियमित रूप से स्कूल में हाजिर होकर बच्चों को पढ़ायें, बेसिक शिक्षा विभाग इसकी तरकीब ढूंढ़ने में लगा है। लगभग डेढ़ लाख परिषदीय स्कूलों के लाखों शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखना आसान भी नहीं है। लिहाजा स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए विभाग आइवीआरएस प्रणाली को लागू करने की सोच रहा है। इस योजना के तहत रोजाना सभी परिषदीय स्कूलों के प्रधानाचार्यो के मोबाइल पर कंप्यूटर से जेनरेट की गई वायस कॉल जाएगी। कॉल जाने पर प्रधानाध्यापकों को उस दिन स्कूल में उपस्थित शिक्षकों की संख्या मोबाइल पर दर्ज कर एसएमएस करनी होगी। यह जानकारी सेंट्रल डाटाबेस में दर्ज हो जाएगी। इसकी जानकारी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी जा सकेगी। यदि उन्हें लगेगा कि स्कूलों में उपस्थित शिक्षकों की संख्या ज्यादा बतायी गई है तो वे मौका मुआयना कर असलियत जान सकते हैं। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बताया कि इस प्रणाली के इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें हेरफेर नहीं किया जा सकेगा। स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति की जो संख्या बतायी गई, यदि जांच में वह गलत पायी गई तो उसके लिए प्रधानाध्यापक जवाबदेह होगा। दूसरा फायदा यह होगा कि लाखों शिक्षकों की उपस्थिति के आंकड़े कंप्यूटर पर एक क्लिक से शासन-प्रशासन के अधिकारियों की आंखों के सामने होंगे जो मौजूदा व्यवस्था में संभव नहीं है।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति बड़ी समस्या है। शिक्षक स्कूल आते नहीं हैं लेकिन जुगाड़ से उपस्थिति रजिस्टर में उनकी हाजिरी दर्ज होती रहती है। शिक्षक नियमित रूप से स्कूल में हाजिर होकर बच्चों को पढ़ायें, बेसिक शिक्षा विभाग इसकी तरकीब ढूंढ़ने में लगा है। लगभग डेढ़ लाख परिषदीय स्कूलों के लाखों शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखना आसान भी नहीं है। लिहाजा स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए विभाग आइवीआरएस प्रणाली को लागू करने की सोच रहा है। इस योजना के तहत रोजाना सभी परिषदीय स्कूलों के प्रधानाचार्यो के मोबाइल पर कंप्यूटर से जेनरेट की गई वायस कॉल जाएगी। कॉल जाने पर प्रधानाध्यापकों को उस दिन स्कूल में उपस्थित शिक्षकों की संख्या मोबाइल पर दर्ज कर एसएमएस करनी होगी। यह जानकारी सेंट्रल डाटाबेस में दर्ज हो जाएगी। इसकी जानकारी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी जा सकेगी। यदि उन्हें लगेगा कि स्कूलों में उपस्थित शिक्षकों की संख्या ज्यादा बतायी गई है तो वे मौका मुआयना कर असलियत जान सकते हैं। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बताया कि इस प्रणाली के इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें हेरफेर नहीं किया जा सकेगा। स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति की जो संख्या बतायी गई, यदि जांच में वह गलत पायी गई तो उसके लिए प्रधानाध्यापक जवाबदेह होगा। दूसरा फायदा यह होगा कि लाखों शिक्षकों की उपस्थिति के आंकड़े कंप्यूटर पर एक क्लिक से शासन-प्रशासन के अधिकारियों की आंखों के सामने होंगे जो मौजूदा व्यवस्था में संभव नहीं है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
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आईवीआरएस से जांचेंगे शिक्षकों की हाजिरी : नए सत्र से लागू हो जाएगी नई व्यवस्था; अटेंडेंस लगाकर गायब होना पड़ेगा भारी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:10 AM
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