घटिया किताब आपूर्ति करने वाले होंगे ब्लैक लिस्ट : बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा , सत्र समाप्ति पर पुस्तकें जमा कराकर अगले साल वितरित करने पर होगा विचार
छात्रों को बेहतर गुणवत्ता की समय से सुनिश्चित करेंगे किताबें : मंत्री
लखनऊ। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने कहा है कि अब प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को मुफ्त में दी जाने वाली किताबों के घटिया (अधोमानक) पाए जाने या फिर समय से उपलब्ध न कराने वाली फर्मो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
मंगलवार को विधानसभा में भाजपा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के सवाल पर मंत्री ने बताया कि वर्ष 2005-06 से स्कूलों में छात्रों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। निविदा के माध्यम से न्यूनतम दर के आधार पर चयनित मुद्रकों या प्रकाशकों द्वारा किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। मंत्री ने माना कि कतिपय प्रकरणों में जांच कराए जाने पर आंशिक रूप से किताबें अधोमानक या फिर विलंब से प्राप्त हाने की स्थिति पाई गई है। इस पर शासनादेश के तहत जिम्मेदार मुद्रक-प्रकाशक के भुगतान में कटौती की गई है।
चौधरी ने कहा कि 30 फीसद तक कटौती किए जाने की व्यवस्था है लेकिन बेहतर गुणवत्ता की किताबें समय से छात्रों को सुनिश्चित करने के लिए अब घटिया या फिर समय से किताबें आपूर्ति न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित फर्म को ब्लैक लिस्ट (काली सूची) किया जाएगा। ऐसी फर्म को भविष्य में कभी भी किताबें आपूर्ति करने का काम नहीं दिया जाएगा।
वाजपेयी के अनुपूरक सवाल पर मंत्री ने कहा कि पूर्व में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ तो अब ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई नहीं की जा सकती है लेकिन आगे से ऐसा किया जाएगा। बसपा सदस्य नीरज मौर्य ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से हर बार छात्रों को नई किताबें देने के बजाय एक बार स्कूल को किताबें देने के बाद अगले वर्षो में भी संबंधित कक्षा में पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों को वही किताबें देने की बात कही। मौर्य का कहना था कि इससे हर वर्ष रद्दी होने वाली किताबों से पर्यावरण का नुकसान नहीं होगा। मंत्री ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था विदेशों में है। यहां तो सरकार हर वर्ष नई किताबें दे ही रही है। फिर भी इस संबंध में क्या कुछ किया जा सकता है उसके बारे में वह विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे।
- काली सूची में डाले जाएंगे घटिया पुस्तक छापने वाले मुद्रक-प्रकाशक
- सत्र समाप्ति पर पुस्तकें जमा कराकर अगले साल वितरित करने पर होगा विचार
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि
मानक के अनुसार पुस्तकों की छपाई न करने वाले मुद्रकों व प्रकाशकों को काली
सूची मेें डाला जाएगा और भविष्य में उन्हें काम नहीं दिया जाएगा। उन्होंने
कहा कि स्कूलों में समय से पुस्तकें वितरित कराने का प्रयास किया जा रहा
है। ज्यादातर स्कूलों में जुलाई में ही पुस्तकें वितरित की गई हैं। सत्र
समाप्त होने के बाद पुस्तकें जमा कराकर अगले वर्ष के छात्रों को वितरित
करने के सुझाव पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों से बातचीत करके
निर्णय लिया जाएगा।
भाजपा के डॉ. लक्ष्मी
कांत बाजपेयी के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि
स्कूलों में छात्रों को मुफ्त पाठ्य पुस्तक देने की व्यवस्था 2005-06 से
है। पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण एवं प्रकाशन टेंडर से प्राप्त न्यूनतम दर के
आधार पर चयनित मुद्रकों और प्रकाशकों से कराया जाता है। उन्होंने स्वीकार
किया कि कुछ मामलों की जांच में आंशिक रूप से अधोमानक छपाई या देर से
आपूर्ति पाई गई। गुणवत्ता में कमी पर संबंधित मुद्रक-प्रकाशक के भुगतान से
30 फीसदी की कटौती की जाती है। अनुपूरक सवालों के जवाब में मंत्री ने बताया
कि जो प्रकाशक टेंडर मेें हिस्सा लेते हैं उन्हीं में से न्यूनतम दर को
स्वीकार किया जाता है। सवालों के जवाब में चौधरी ने कहा कि पहले मानक के
अनुरूप छपाई न करने वालों को काली सूची में डालने का प्रावधान नहीं था
लेकिन अब यह प्रावधान किया जा रहा है। किताबों के वितरण में विलंब के सवाल
पर उन्होंने कहा कि समय पर ही पुस्तकें बांटी जाती है। पहले सरकारी स्कू
लों, फिर उर्दू के छात्रों और इसके बाद एडेड स्कूलों के छात्रों को
पुस्तकें दी जाती हैं। बसपा के नीरज मौर्य ने कहा कि गुणवत्तायुक्त
पुस्तकें छपवाई जाएं और सत्र पूरा होने पर पुरानी किताबें जमाकर अगले साल
उन्हें फिर वितरित करा दिया जाए। इससे पैसा बचेगा। मंत्री ने कहा कि हर साल
नई किताबें छपवाकर दी जाती हैं। अमेरिका में पुस्तकें जमा कराने की
व्यवस्था है। यहां भी लागू करने के संबंध में अफसरों से बात की जाएगी।
खबर साभार : अमर उजाला |
घटिया किताब आपूर्ति करने वाले होंगे ब्लैक लिस्ट : बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा , सत्र समाप्ति पर पुस्तकें जमा कराकर अगले साल वितरित करने पर होगा विचार
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:52 AM
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