शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने को चाहिए अभी 22,874 और पद, सभी शिक्षा मित्रों को समायोजन के लिए करना पड़ सकता है इंतजार
- शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने को चाहिए अभी 22,874 और पद
- सभी शिक्षा मित्रों को समायोजन के लिए करना पड़ सकता है इंतजार
लखनऊ
(ब्यूरो)। प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने के लिए
तत्काल 22,874 पद चाहिए। बेसिक शिक्षा विभाग के पास मौजूदा समय इतने पद
नहीं हैं। इसलिए दूसरे चरण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी शिक्षा
मित्रों को समायोजन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, बेसिक शिक्षा
विभाग ने दूसरे चरण में शिक्षा मित्रों को समायोजित करने के लिए 30 जून तक
की समय सीमा तय की है।
अखिलेश सरकार 2017
के विधानसभा चुनाव में शिक्षा मित्रों को समायोजित करने का पूरा सियासी लाभ
चाहती है। कार्यक्रम में हालांकि प्रशिक्षु शिक्षकों को भी बुलाया गया था,
मगर मुख्यमंत्री का पूरा भाषण शिक्षा मित्रों पर ही केंद्रित रहा।
कार्यक्रम में शिक्षा मित्रों के समायोजन का पूरा लेखाजोखा भी रखा गया।
प्रदेशभर के प्राइमरी स्कूलों में कुल 1.71 लाख शिक्षा मित्र रखे गए। सरकार
ने शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का
प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय किया।
पहले
चरण में 58,826 प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया
जा चुका है। दूसरे चरण में 91,104 शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाना है।
इसमें से 68,230 शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जा चुका है, शेष 22,874
को अभी शिक्षक बनाया जाना बाकी है लेकिन विभाग पद ही नहीं है। बेसिक शिक्षा
विभाग ने सभी शिक्षा मित्रों को समायोजित करने के लिए 22,000 शिक्षकों का
पद बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था, लेकिन वित्त विभाग ने इस पर
आपत्ति लगा दी। वित्त विभाग ने कहा कि पहले केंद्र सरकार से सर्व शिक्षा
अभियान के तहत इन पदों के वेतन की मंजूरी ली जाए। इसके चलते पद बढ़ाने का
प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता कहते
हैं कि शिक्षा मित्रों के समायोजित करने का निर्देश दे दिया गया है। कुछ
जिलों में पद न होने की समस्या आ रही है, लेकिन जैसे ही पद रिक्त होंगे
उन्हें समायोजित कर दिया जाएगा।
शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने को चाहिए अभी 22,874 और पद, सभी शिक्षा मित्रों को समायोजन के लिए करना पड़ सकता है इंतजार
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:00 AM
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