वेतन चेक वितरण समारोह में प्रशिक्षु शिक्षकों व शिक्षामित्रों को मुख्यमंत्री ने दी नसीहत, पक्की नौकरी पाने वाले शिक्षामित्रों और मशक्कत के बाद नियुक्त प्रशिक्षु शिक्षकों को मिला पहले वेतन का चेक

  • जब छात्र ने मुङो बताया राहुल गांधी : सीएम
  • राजधानी में अभिनव विद्यालय की आधारशिला रखी1
  • वेतन चेक वितरण समारोह में प्रशिक्षु शिक्षकों व शिक्षामित्रों को मुख्यमंत्री ने दी नसीहत

लंबे संघर्ष के बाद पक्की नौकरी पाने वाले शिक्षामित्रों और साढ़े तीन वर्ष की मशक्कत के बाद नियुक्त प्रशिक्षु शिक्षकों को पहले वेतन का चेक बांटने से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें बेसिक शिक्षा की हकीकत से रूबरू कराया। रायबरेली के बछरावां में एक परिषदीय स्कूल के निरीक्षण के अपने अनुभव अखिलेश ने उनसे साझा किये। 

मंगलवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अंबेडकर सभागार में आयोजित प्रशिक्षु शिक्षकों और शिक्षामित्रों के वेतन चेक वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूल में मौजूद बच्चे किताब में छपा और ब्लैकबोर्ड पर लिखा पढ़ नहीं पा रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बच्चे ने उन्हें पहचाना भी तो राहुल गांधी के तौर पर। वहां मिड-डे मील में मिलने वाली रोटियां मोटी पाये जाने पर जब उन्होंने रसोईये से इसकी वजह पूछी तो जवाब मिला-‘बच्चे खाते ज्यादा हैं।’   मुख्यमंत्री ने इस घटना का जिक्र बेसबब नहीं किया। इसके माध्यम से उन्होंने प्रशिक्षु शिक्षकों और शिक्षामित्रों को नसीहत दी कि बेसिक शिक्षा जीवन की नींव है और रुकावटों के बावजूद शिक्षकों को शिक्षा, बच्चों और देश को आगे बढ़ाना होगा। बच्चों को विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा, उनमें ज्ञान की भूख पैदा करनी होगी।

उन्होंने शिक्षकों को आइना दिखाया तो दूसरी ओर यह दावा भी किया कि शिक्षा के क्षेत्र में जितने काम उनकी सरकार ने किये, वे पहले कभी नहीं हुए। जितनी नौकरियां उनकी सरकार ने दी हैं, उतनी दुनिया में कहीं और नहीं मिली होंगी। समारोह में कुल 2180 प्रशिक्षु शिक्षकों और शिक्षक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों को वेतन के चेक बांटे गए। मुख्यमंत्री ने खुद 20 प्रशिक्षु शिक्षकों व इतने ही शिक्षामित्रों को चेक वितरित किये। लखनऊ में प्रस्तावित अभिनव विद्यालय की आधारशिला भी रखी। 

बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता उनकी अपेक्षा के अनुरूप होगी। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि अखिलेश सरकार ने पौने तीन लाख शिक्षकों की भर्तियां की हैं। समारोह को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया और वसीम सिद्दीकी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली, पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह, कारागार मंत्री बलराम यादव, राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी भी मौजूद थे।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग कल लैपटॉप की बुराई कर रहे थे, वे आज वाई-फाई सुविधा का प्रचार कर रहे हैं। कुछ लोग तो योग पर भी अपना ठप्पा लगाना चाहते हैं जबकि यह हमारे देश की बहुत पुरानी पद्धति है, संतों-ऋषियों की देन है।  मुख्यमंत्री ने भाजपा व कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि दो राष्ट्रीय पार्टियां इस बहस में उलझी हैं कि जमीन का अधिग्रहण कैसे किया जाए जबकि हमारी सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अर्जित करके दिखा दी। हमने किसानों को ज्यादा पैसे देकर जमीन ली जबकि वे कम पैसे में ज्यादा जमीन लेना चाहते हैं। 




खबर साभार :   दैनिक जागरण

यूपी शिक्षकों की भर्ती में नंबर वन: सीएम 
प्रशिक्षु शिक्षकों व शिक्षक बनने वाले शिक्षा मित्रों को बांटे चेक 
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक शिक्षकों की भर्ती करने वाला पहला राज्य है। प्रदेश में एक साल के अंदर करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की भर्तियां की गई हैं। देश ही नहीं दुनियां के अन्य किसी राज्य में एक साल के अंदर इतनी भर्तियां नहीं हुई होगी। उन्होंने कहा कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं है। इसलिए शिक्षकों को पूरा ध्यान अब बच्चों की पढ़ाई पर देना चाहिए। बेसिक शिक्षा अच्छी नहीं होगी तो आगे की शिक्षा अच्छी नहीं होगी। वह मंगलवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षु शिक्षकों को मानदेय व दूसरे चरण में शिक्षक बनने वाले शिक्षा मित्रों को पहले वेतन का चेक वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर लखनऊ मंडल व बाराबंकी जिले के 200 और प्रदेश के अन्य जिलों के 10-10 लाभार्थियों को चेक बांटे गए। अखिलेश यादव ने कहा कि बेसिक शिक्षा को बेहतर बनाने पर शिक्षकों को पूरा ध्यान देना चाहिए।

परिषदीय स्कूलों के बच्चे किताब तक नहीं पढ़ पाते : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि परिषदीय स्कूलों का बुरा हाल है। स्थिति यह है कि बच्चे किताब तक नहीं पढ़ पाते हैं। रायबरेली बछरावां के परिषदीय स्कूलों में औचक निरीक्षण का वाक्या सुनाते हुए कहा कि ‘वह कुछ स्कूलों में गए थे। इस दौरान वहां पढ़ने वाले बच्चों किताब पढ़ कर सुनाने को कहा तो किताब तक नहीं पढ़ पाए और केवल पन्ने पलटते रह गए। उनसे जब बोर्ड पर लिखा पढ़ने को कहा गया तो कुछ बच्चे ही उसे पढ़ सके।’

‘जब बच्चों ने अखिलेश को राहुल गांधी बताया’ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बछरावां के एक स्कूल के निरीक्षण का वाक्या शिक्षकों को सुनाते हुए परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का हाल बताया। ‘एक स्कूल निरीक्षण के दौरान उन्होंने कुछ बच्चों से पूछा कि आप मुझे पहचान रहे हैं कि मैं कौन हूं तो बच्चों ने बताया कि आप राहुल गांधी हैं।’ उन्होंने कहा कि बछरावां के स्कूल में गए थे वह क्षेत्र राहुल गांधी का इसलिए बच्चों ने उन्हें राहुल समझ लिया। मगर शिक्षकों को सोचना चाहिए कि जो बच्चा यह नहीं जानता कि उसके प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है उसका भविष्य क्या होगा।
खबर साभार : अमर उजाला
खबर साभार : डीएनए

खबर साभार :  नवभारत

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वेतन चेक वितरण समारोह में प्रशिक्षु शिक्षकों व शिक्षामित्रों को मुख्यमंत्री ने दी नसीहत, पक्की नौकरी पाने वाले शिक्षामित्रों और मशक्कत के बाद नियुक्त प्रशिक्षु शिक्षकों को मिला पहले वेतन का चेक Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:29 AM Rating: 5

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