58 जिलों में मिड-डे मील बंद : बेसिक शिक्षा सचिव हीरालाल गुप्ता ने जिलाधिकारियों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर दी जानकारी
- 58 जिलों में मिड-डे मील बंद
- डीएम बोले-गर्मी की छुट्टियों में बच्चे गए नानी के घर, बर्बाद होगा खाना
- 11 दिन पहले ही शासन ने जारी किया था भोजन बांटने का निर्देश
पिछले साल सूखाग्रस्त घोषित किए गए उत्तर प्रदेश के 58 जिलों में मध्याह्न् भोजन योजना के दायरे में आने वाले स्कूलों में इस साल गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को मिड-डे मील नहीं मिलेगा। ग्यारह दिन पहले ही इन जिलों में मिड-डे मील बांटे जाने के निर्देश जारी करने के बाद अब शासन ने सोमवार को इस व्यवस्था को स्थगित करने का फैसला किया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सूखाग्रस्त जिलों के जिलाधिकारियों से मिली सलाह-सुझाव के आधार पर सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने यह निर्देश दिया है।
हालांकि उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा है कि यदि किसी समय उन्हें लगे कि किसी क्षेत्र विशेष के स्कूलों में मिड-डे मील बनवाना जरूरी है तो वे अपने स्तर से फैसला कर सकते हैं। कई जिलाधिकारियों या प्रतिनिधियों ने सचिव गुप्ता को बताया कि गर्मी की छुट्टियों में बड़ी संख्या में बच्चे ननिहाल या अन्यत्र चले गए हैं। इसकी वजह से स्कूल में आने वाले बच्चों की संख्या नगण्य है। बच्चों के न आने की वजह से स्कूलों में बनाया गया खाना खराब हो जाता है। बच्चों के स्कूल नहीं आने के कारण मथुरा में अक्षयपात्र संस्था की ओर से तैयार किया गया भोजन बड़ी मात्र में बर्बाद हुआ।
अधिकारियों ने बताया गर्मी में बच्चों के स्कूल आने पर तबीयत खराब होने की भी आशंका है। कांफ्रेंसिंग के दौरान सचिव बेसिक शिक्षा की ओर से दिए गए निर्देश पर मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र की ओर से संबंधित जिलों में ग्रीष्मावकाश के दौरान स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था को स्थगित करने का आदेश दिया गया है।
सूखाग्रस्त जिलों में एमडीएम बन्द करें
राज्य मुख्यालय। जिलों के बीएसए के साथ बेसिक शिक्षा
विभाग के सचिव एचएल गुप्ता की वीडियो कांफ्रेंसिंग में सामने आया कि कई
सूखाग्रस्त जिले ऐसे हैं जहां मिड डे मील खाने विद्यार्थी नहीं आ रहे हैं।
वहीं जिलों के अधिकारियों ने चिंता जाहिर की है कि ऐसी गर्मी में आने पर
स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। लिहाजा, श्री गुप्ता ने एमडीएम बंद
करने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि जिलाधिकारी को किसी क्षेत्र में लगता
है कि एमडीएम परोसना जरूरी है तो वे अपने स्तर से निर्णय ले सकते हैं।
एमडीएम की नियमावली के मुताबिक, सूखाग्रस्त जिलों में गर्मियों की छुट्टी
में मिड डे मील परोसने का नियम है। प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में नए ब्यौरे
के मुताबिक, 56,725 प्रशिक्षु शिक्षक कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। जिलों को
निर्देशित किया गया कि जल्द से जल्द रिक्त पड़े 16 हजार पदों पर भर्ती की
जाए।
91 हजार शिक्षामित्र समायोजित होंगे :लगभग 50 हजार शिक्षामित्र समायोजित हो चुके हैं। समायोजन के वर्तमान चक्र में 91 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन होना है।
इन जिलों पद हैं कम, शिक्षामित्र हैं ज्यादा - लखनऊ, बुलंदशहर हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, बदायूं, आजमगढ़, बहराइच, सीतापुर, रायबरेली।
गर्मी की छुट्टी में मिड-डे-मील बंद करने के निर्देश
वीडियो कांफ्रेंसिंग में बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले, नहीं आ रहे बच्चे
वीडियो कांफ्रेंसिंग में बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले, नहीं आ रहे बच्चे
लखनऊ। गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को मिड-डे-मील उपलब्ध कराने
की योजना अब विभाग के लिए भी सिर दर्द बन गई है। बच्चों के न आने की वजह
से मिड-डे-मील बांटने में दिक्कतें आ रही हैं। जिसको देखते हुए बीते दिनों
राजधानी में बीएसए ने इसको लेकर सर्वे कराया था। जिसमें सामने आया है कि
मिड-डे-मील के लिए बच्चे नहीं मिल रहे। सोमवार को हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग
में ज्यादातर बीएसए ने अपना यही तर्क रखा। इस पर बेसिक शिक्षा सचिव ने
निर्देश दिए कि जहां बच्चे नहीं आ रहे वहां मिड-डे-मील नहीं बनाया जाए।
बहुत जरूर हो तो डीएम के आदेश पर इसे चलाया जा सकता है।
राज्य सरकार ने प्रदेश के 59 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया था। जिसके बाद इन जिलों के सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ तक के बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में भी 30 जून तक मिड-डे-मील देने का निर्णय लिया था। इस संबंध में प्राधिकरण की ओर से स्कूलों में मिड-डे-मील सुबह 9 से 11 बजे के बीच दिए जाने केआदेश दिए गए थे। लेकिन ज्यादातर स्कूलों में मिड-डे-मील के लिए बच्चें के न पहुंचने की बात सामने आई। वहीं शिक्षक संगठनों ने भी इस आदेश का कड़ा विरोध किया था। जिसके बाद इस आदेश में संशोधन कर दिया गया है। अब गर्मी की छुट्टियों के दौरान जिन विद्यालयों में बच्चों की पर्याप्त संख्या हो रही हो, वहीं पर मिड-डे-मील की व्यवस्था कराई जाए। जहां बच्चे नहीं आ रहे, वहां मिड-डे-मील न बनाया जाए। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे में सामने आया है कि भीषण गर्मी में मिड-डे-मील के लिए बच्चे नहीं आ रहे। इसलिए सचिव ने मिड-डे-मील बंद करने के निर्देश दिए है।
खबर साभार : डीएनए
58 जिलों में मिड-डे मील बंद : बेसिक शिक्षा सचिव हीरालाल गुप्ता ने जिलाधिकारियों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर दी जानकारी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:40 AM
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