मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘अभिनव स्कूल’ के निर्माण पर सुस्ती पड़ रही भारी : अब तक सिर्फ बोरिंग का कार्य हुआ

  • कमेटी की संस्तुति के अनुरूप होगा निर्माण
  • धनराशि स्वीकृति के बाद भी नहीं शुरू हो सका निर्माण
  • अभिनव स्कूल के निर्माण पर अफसरों की सुस्ती
  • अब तक सिर्फ बोरिंग का कार्य हुआ

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘अभिनव स्कूल’ के निर्माण पर अफसरों की सुस्ती भारी पड़ रही है। यही वजह है कि धनराशि मिलने के बाद भी अब तक निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी जा सकी है। यहां सिर्फ बोरिंग का काम हो पाया है। स्कूल का निर्माण कब तक होगा, इसकी कोई समय सीमा नहीं तय है।दरअसल, सपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ के मड़ियावं गांव एवं इटावा में अभिनव स्कूल खोलने की घोषणा की थी। कक्षा एक से आठ तक खुलने वाले इस स्कूल में छात्रों को खाने-पीने से लेकर बिजली, इंटरनेट आदि की हर सुविधा मुहैया कराने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट होने की वजह से बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी सहित विभाग के अफसरों ने पहले चिनहट इलाके में इसके लिए जमीन देखी थी। लेकिन उसके बाद लखनऊ के मड़ियावं गांव में अभिनव स्कूल के निर्माण पर सहमति बन गई। मार्च में राजधानी एवं इटावा के अभिनव स्कूल के निर्माण के लिए दो-दो करोड़ रुपए की धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई। निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई है। लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी स्कूल निर्माण में अफसरों ने तेजी नहीं दिखाई। यही वजह है कि अभी तक सिर्फ बोरिंग का काम हो सका है।

राजधानी में जो अभिनव स्कूल बन रहा है, उसमें बेरिंग का काम हो चुका है। इसके अलावा आर्किटेक भी तय हो गया है। निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। ~ प्रवीण मणि त्रिपाठी बीएसए लखनऊ

अभिनव स्कूल का निर्माण कार्य विशिष्ट श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इन कार्यों के लिए शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें डीएम, एडी बेसिक व चीफ इंजीनियर शामिल हैं। कमेटी की देखरेख एवं संस्तुतियों केअनुरूप ही कार्य कराया जाना है।

खबर साभार :   डेली न्यूज एक्टिविस्ट


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मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘अभिनव स्कूल’ के निर्माण पर सुस्ती पड़ रही भारी : अब तक सिर्फ बोरिंग का कार्य हुआ Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:41 AM Rating: 5

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