निशाने पर हैं भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के डिग्री धारक : सीबीआइ ने तलब किए 59 शिक्षकों के अभिलेख
कौशांबी : शिक्षक भर्ती में धांधली की
जांच कर रही सीबीआइ ने प्रदेश के सभी जिलों से भीमराव अंबेडकर
विश्वविद्यालय आगरा की डिग्री के जरिए नौकरी पाने वाले शिक्षकों के अभिलेख
तलब किए हैं। इसी क्रम में कौशांबी से 59 शिक्षकों के दस्तावेज जांच के लिए
भेजे गए हैं। इस बात की भनक लगते ही संबंधित शिक्षक सकते में हैं।
शिक्षक भर्ती पर सवालिया निशान उठते ही हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआइ को जांच का निर्देश दिया था। वैसे सीबीआइ उन्हीं शिक्षकों के बारे में जांच कर रही है, जिन्होंने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से स्नातक की डिग्री हासिल कर नौकरी पाई है और उनके बारे में संदेह है कि यह फर्जी है। सीबीआइ ने जिन जिलों के शिक्षकों के अभिलेख मांगे हैं, उनमें कौशांबी भी शामिल है। इस जिले से कुल 59 शिक्षक जांच की जद में हैं। उनके अभिलेखों को एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) को भी जांच के लिए भेजा गया है। वह अपने स्तर से इन शिक्षकों की सच्चाई खंगाल रही है। सीबीआइ जांच को लेकर शक के दायरे में आए शिक्षक बेचैन हैं। बीएसए अशोक कुमार सिंह यादव का इतना भर कहना है कि सीबीआइ को दस्तावेज मुहैया करा दिए गए हैं। जांच के बाद अनियमितता मिली तो शासन स्तर से कार्रवाई होगी। यह दस्तावेज डायट के जरिए भिजवाए गए हैं। डॉयट प्राचार्य कमलेश बाबू के मुताबिक पखवारे भर पहले ही दस्तावेजों को शासन के पास भिजवाया गया है। वही इसे सीबीआइ को मुहैया कराएगा।
परेशान हैं 300 शिक्षक : सीबीआइ ने वैसे तो कौशांबी के 59 शिक्षकों को जांच के जद में माना है लेकिन डर इस बात का है कि किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की डिग्री से यहां शिक्षक बने तकरीबन तीन सौ शिक्षकों की नौकरी सवालों में घिर जाएगी। इसलिए ऐसे शिक्षक भी परेशान हो चले हैं जो भले ही जांच की जद में नहीं हैं, लेकिन जिनकी डिग्री भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की है।
शिक्षक भर्ती पर सवालिया निशान उठते ही हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआइ को जांच का निर्देश दिया था। वैसे सीबीआइ उन्हीं शिक्षकों के बारे में जांच कर रही है, जिन्होंने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से स्नातक की डिग्री हासिल कर नौकरी पाई है और उनके बारे में संदेह है कि यह फर्जी है। सीबीआइ ने जिन जिलों के शिक्षकों के अभिलेख मांगे हैं, उनमें कौशांबी भी शामिल है। इस जिले से कुल 59 शिक्षक जांच की जद में हैं। उनके अभिलेखों को एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) को भी जांच के लिए भेजा गया है। वह अपने स्तर से इन शिक्षकों की सच्चाई खंगाल रही है। सीबीआइ जांच को लेकर शक के दायरे में आए शिक्षक बेचैन हैं। बीएसए अशोक कुमार सिंह यादव का इतना भर कहना है कि सीबीआइ को दस्तावेज मुहैया करा दिए गए हैं। जांच के बाद अनियमितता मिली तो शासन स्तर से कार्रवाई होगी। यह दस्तावेज डायट के जरिए भिजवाए गए हैं। डॉयट प्राचार्य कमलेश बाबू के मुताबिक पखवारे भर पहले ही दस्तावेजों को शासन के पास भिजवाया गया है। वही इसे सीबीआइ को मुहैया कराएगा।
परेशान हैं 300 शिक्षक : सीबीआइ ने वैसे तो कौशांबी के 59 शिक्षकों को जांच के जद में माना है लेकिन डर इस बात का है कि किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की डिग्री से यहां शिक्षक बने तकरीबन तीन सौ शिक्षकों की नौकरी सवालों में घिर जाएगी। इसलिए ऐसे शिक्षक भी परेशान हो चले हैं जो भले ही जांच की जद में नहीं हैं, लेकिन जिनकी डिग्री भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की है।
निशाने पर हैं भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के डिग्री धारक : सीबीआइ ने तलब किए 59 शिक्षकों के अभिलेख
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:00 AM
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