दूध के लिए भटकते रहे प्राइमरी शिक्षक : बिना नकद पैसा लिए और सिर्फ बुधवार को ही दूध देने के लिए तैयार नहीं दूधिए


राज्य मुख्यालय। कहीं 2 किलोमीटर तो कहीं 5 किलोमीटर.. मिड डे मील (एमडीएम) के लिए दूध ढूंढ़ने अध्यापक निकले तो उन्हें इतनी दूरियां तय करनी पड़ी। एमडीएम में दूध बंटने से विद्यार्थी भले ही खुश हों लेकिन अध्यापकों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

गुरुवार को मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण ने बुधवार को एमडीएम में दूध बंटने से संबंधित सूचनाएं इकट्ठी की। समीक्षा में लगभग एक दर्जन जिले ऐसे रहे, जहां 50 फीसदी से भी कम विद्यार्थियों को दूध मिला। एमडीएम ऐसे सभी जिलों को इसका कड़ाई से पालने करने के निर्देश भेजने की तैयारी कर रहा है। 

बुधवार को कई ऐसे गांव रहे जहां दूधिए को ढूंढ़ने के लिए शिक्षकों को मशक्कत करनी पड़ी। वहीं कुछ ऐसे दूधिए भी रहे जो बिना नकद पैसा लिए दूध देने के लिए तैयार नहीं हुए। ऐसे में शिक्षकों को अपनी जेब से पैसे देने पड़े। हालांकि, दूधिए की तलाश स्कूलों ने कई दिन पहले ही शुरू कर दी थी लेकिन दूधिए सिर्फ बुधवार को ही दूध देने के लिए तैयार नहीं हुए। उनका तर्क है कि सिर्फ एक दिन इतनी बड़ी मात्र में अतिरिक्त दूध निकालना संभव नहीं है। यदि रोज स्कूलों में दूध दिया जाए तो वे गाय खरीद भी लें लेकिन सिर्फ एक दिन के लिए वे गाय या भैंस नहीं खरीद सकते।
  • नौनिहालों से मजाक कर रही राज्य सरकार : भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने राज्य सरकार पर नौनिहालों को स्कूलों में सुविधा देने के नाम पर मजाक करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में 200 मिलीलीटर दूध देने की योजना के लिए कोई तैयारी नहीं की है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान





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दूध के लिए भटकते रहे प्राइमरी शिक्षक : बिना नकद पैसा लिए और सिर्फ बुधवार को ही दूध देने के लिए तैयार नहीं दूधिए Reviewed by Brijesh Shrivastava on 8:56 AM Rating: 5

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