कमजोर छात्रों को करना चाहिए फेल, एससीईआरटी निदेशालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए विशेषज्ञों ने दिए सुझाव, इगलिश पर ज़ोर देने का भी आया सुझाव
- 'सरकारी स्कूलों में इंग्लिश ही हो दूसरी भाषा'
सरकारी स्कूलों में भी इंग्लिश को दूसरी भाषा के तौर पर प्राथमिकता दी जाए। कॉन्वेंट स्कूलों की तरह प्री-स्कूलिंग की व्यवस्था की जाए। ऐसे ही कई सुझाव नई शिक्षा नीति पर एससीईआरटी(राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) में हुई कार्यशाला में कई विशेषज्ञों और शिक्षकों ने दिए।
- केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति के तहत देश भर से सुझाव आमंत्रित कर रही है। प्रदेश में यह आखिरी कार्यशाला थी। इससे पहले वाराणसी, झांसी और मुजफ्फरनगर में कार्यशालाएं हो चुकी हैं। एनसीईआरटी की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में प्रदेश भर से करीब 150 प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें एनसीईआरटी की डीन एकेडमिक्स सरोज यादव के अलावा एससीईआरटी के अधिकारी, डायट के विशेषज्ञ शिक्षक एवं अन्य क्षेत्रों के शिक्षाविद शामिल हुए। सीनियर सेकेंड्री स्तर पर शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की शिक्षा पर विशेष जोर देने और भेदभाव दूर करने के उपायों सहित कई सुझाव विशेषज्ञों ने दिए।
- कमजोर छात्रों को करना चाहिए फेल
- स्कूल न आने वालों के लिए घर में ही हो शिक्षा की व्यवस्था
- एससीईआरटी निदेशालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
लखनऊ। देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कैसी हो इस पर मंथन शुरू हो गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) निदेशालय में बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में विशेषज्ञों ने सुझाव दिए कि कमजोर छात्रों को फेल करने की व्यवस्था होनी चाहिए और मूल्यांकन के स्थान पर पहले की तरह अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा होनी चाहिए। कोई बच्चा स्कूल आने से यदि वंचित रह जाता है और आ पाने में सक्षम नहीं है तो उसे घर पर ही शिक्षा देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि प्राइमरी में दो भाषा और उच्च प्राइमरी में तीन भाषाओं में पढ़ाई की व्यवस्था हो। अंग्रेजी को दूसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि परिषदीय स्कूलों के बच्चों का अंग्रेजी में ज्ञान बेहतर हो। साथ ही स्थानीय भाषा में भी बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे उन्हें आसानी से समझ में आ जाए। छात्राओं को पढ़ाने के लिए महिला शिक्षिकाओं की नियुक्ति होनी चाहिए। शिक्षकों को समय-समय पर यह प्रशिक्षण दिया जाए कि वे बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे।
शिक्षकों का समय-समय पर टेस्ट लेने की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे उनके ज्ञान का पता चल सके। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का अनिवार्य रूप से हेल्थ कार्ड बनाया जाना चाहिए। पूर्व की तरह रेड क्रास को फिर से जीवित करना भी ठीक रहेगा। बैठक में एससीईआरटी निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह, एनसीईआरटी की विशेषज्ञ सरोज के साथ शिक्षाविद, अभिभावक, शिक्षा अधिकारी समेत 140 लोग शामिल हुए। इनके कुल 11 ग्रुप बनाए गए। सभी ग्रुपों से कुल 20 सुझाव आए।
कमजोर छात्रों को करना चाहिए फेल, एससीईआरटी निदेशालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए विशेषज्ञों ने दिए सुझाव, इगलिश पर ज़ोर देने का भी आया सुझाव
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:59 AM
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