बीएड की पचास हजार अतिरिक्त सीटों की संबद्धता खत्म, प्रमुख सचिव के आदेश से मचा हड़कंप, कॉलेज संचालक बचाव में

  • बीएड की पचास हजार अतिरिक्त सीटों की संबद्धता खत्म
  • प्रमुख सचिव के आदेश से मचा हड़कंप, कॉलेज संचालक बचाव में
  • बोले, एनसीटीई से तीन सौ से चार सौ सीटों पर एडमिशन की अनुमति

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) की नई नियमावली का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनिल गर्ग ने प्रदेश भर में बीएड की पचास हजार अतिरिक्त सीटों (सौ से ऊपर वाली) की संबद्धता खत्म कर दी है। प्रमुख सचिव ने कहा है कि शैक्षिक सत्र 2015-16 में न्यूनतम पचास और अधिकतम सौ सीटों पर एडमिशन की अनुमति दी गई है। इससे ज्यादा सीटों पर एडमिशन मान्य नहीं होंगे। 15 जून को जारी हुआ संबंधित शासनादेश 25 जुलाई को छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी प्रशासन को भी मिल गया है।
 
प्रमुख सचिव ने जो शासनादेश कुलपति को भेजा है, उसके मुताबिक एनसीटीई ने बीएड में एडमिशन की नियमावली बदल दी है। अब बीएड की पढ़ाई दो साल की हो गई है। कॉलेजों को अधिकतम पचास-पचास सीटों की दो इकाई यानी सौ सीटों की मान्यता दी है। इसके बावजूद तमाम कॉलेजों ने तीन सौ से चार सौ सीटें भर ली हैं। यही वजह है कि प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने सभी राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि स्टूडेंटों के दाखिले की न्यूनतम संख्या पचास होनी चाहिए। सौ से ज्यादा स्टूडेंटों के एडमिशन नहीं होंगे। प्रयोगात्मक परीक्षा में स्टूडेंटों की संख्या पर ध्यान देने की जरूरत है। एक शिक्षक की देखरेख में 25 स्टूडेंटों की प्रयोगात्मक परीक्षा करानी चाहिए। प्रमुख सचिव के इसी आदेश को लेकर कॉलेज संचालक परेशान हैं।
प्रमुख सचिव का आदेश अब मिला है। इसका अध्ययन लीगल सेक्शन से कराया जा रहा है। एनसीटीआई और शासन का जो भी आदेश होगा, उस पर सख्ती से अमल कराया जाएगा। बीएड में एडमिशन की नियमावली अब बदली है। - सैय्यद वकार हुसैन, रजिस्ट्रार, सीएसजेएम, यूनिवर्सिटी


खबर साभार : अमर उजाला 

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बीएड की पचास हजार अतिरिक्त सीटों की संबद्धता खत्म, प्रमुख सचिव के आदेश से मचा हड़कंप, कॉलेज संचालक बचाव में Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:54 AM Rating: 5

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