यूपी में सरकारी शिक्षकों की भर्ती के विवाद होंगे खत्म, सरकार एनसीटीई के मानकों को लागू करने की तैयारी में, भविष्य में भर्तियां बिना किसी विवाद के पूरी करने की है कोशिश
- यूपी में सरकारी शिक्षकों की भर्ती के विवाद होंगे खत्म
- सरकार एनसीटीई के मानकों को लागू करने की तैयारी में
- 27 जुलाई 2011 को यूपी सरकार ने आरटीई तो लागू किया
- आरटीई की गाइडलाइन के अनुसार नियमावली मे नहीं किया संशोधन
- भविष्य में शिक्षकों की भर्तियां बिना किसी विवाद के पूरी करने की है तैयारी
- लागू होते मानक तो नहीं होती किरकिरी
- हाई पावर कमेटी ने भी की है संस्तुति
- बीटीसी की अर्हता में नहीं होगा संशोधन
एनसीटीई की ओर से समय-समय पर जारी गाइडलाइन यदि जुलाई 2011 में आरटीई के साथ यूपी में लागू कर दी जाती तो हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सरकार की किरकिरी नहीं होती। सपा सरकार ने बसपा कार्यकाल में शुरू हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को टीईटी मेरिट से बदलकर एकेडमिक रिकार्ड का दिया था। जिसे हाईकोर्ट ने सही नहीं माना और पुराने विज्ञापन को बहाल कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर भर्ती की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षकों की भर्ती के विवाद खत्म होंगे। प्रदेश
सरकार अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के शिक्षण प्रशिक्षण
पाठय़क्रमों और शिक्षक भर्ती के मानकों को लागू करने जा रही है। इसके लिए
शासन में गुरुवार को पहली उच्च स्तरीय बैठक हुई।
दरअसल 2010 में नि:शुल्क और
अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद से
एनसीटीई ने शिक्षण प्रशिक्षण पाठय़क्रमों की अर्हता और शिक्षक भर्ती के
नियमों में भी व्यापक बदलाव किए। उत्तर प्रदेश ने 27 जुलाई 2011 में आरटीई
तो लागू कर दिया लेकिन एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 और समय-समय पर संशोधित
गाइडलाइन के अनुसार अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में जरूरी बदलाव
नहीं किए। जिसका नतीजा ये है कि बसपा सरकार में शुरू हुई 72,825 प्रशिक्षु
शिक्षक भर्ती से लेकर अब तक की सभी भर्तियों में विवाद है। कोर्ट में
मुकदमों की लंबी होती लिस्ट और बेरोजगार युवाओं के आक्रोश को कम करने के
लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब एनसीटीई के मानक लागू करने पर विचार कर रहा है
ताकि भविष्य में शिक्षकों की भर्तियां बिना किसी विवाद के पूरी हो सके।
लखनऊ में गुरुवार को हुई बैठक में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह समेत अन्य अफसर मौजूद थे। तय हुआ कि एनसीटीई के वे ही मानक लागू होंगे जो यूपी के परिप्रेक्ष्य में अनिवार्य हैं।
लखनऊ में गुरुवार को हुई बैठक में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह समेत अन्य अफसर मौजूद थे। तय हुआ कि एनसीटीई के वे ही मानक लागू होंगे जो यूपी के परिप्रेक्ष्य में अनिवार्य हैं।
- लागू होते मानक तो नहीं होती किरकिरी
एनसीटीई की ओर से समय-समय पर जारी गाइडलाइन यदि
जुलाई 2011 में आरटीई के साथ यूपी में लागू कर दी जाती तो हाईकोर्ट से
लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सरकार की किरकिरी नहीं होती। सपा सरकार ने बसपा
कार्यकाल में शुरू हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को टीईटी मेरिट से
बदलकर एकेडमिक रिकार्ड का दिया था। जिसे हाईकोर्ट ने सही नहीं माना और
पुराने विज्ञापन को बहाल कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी
मेरिट पर भर्ती की जा रही है।
इसी प्रकार 29,334 सहायक अध्यापक भर्ती में प्रोफेशनल डिग्री वालों को परेशान किया गया। 15 हजार की भर्ती में डीएड स्पेशल एजुकेशन को बाहर कर दिया जिनसे बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आवेदन कराया गया। बीएलएड डिग्रीधारी भी इसी प्रकार परेशान हो रहे है।
इसी प्रकार 29,334 सहायक अध्यापक भर्ती में प्रोफेशनल डिग्री वालों को परेशान किया गया। 15 हजार की भर्ती में डीएड स्पेशल एजुकेशन को बाहर कर दिया जिनसे बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आवेदन कराया गया। बीएलएड डिग्रीधारी भी इसी प्रकार परेशान हो रहे है।
- हाई पावर कमेटी ने भी की है संस्तुति
अर्हता निर्धारण के लिए 4 अगस्त
2014 को राज्य सरकार ने हाई पावर कमेटी गठित की थी जिसकी रिपोर्ट 3 सितम्बर
2014 को आई। इस रिपोर्ट में भी एनसीटीई के मानकों के अनुसार अध्यापक सेवा
नियमावली में संशोधन की संस्तुति की गई है। संस्तुति मानी गई तो चार वर्षीय
बीएलएड और डीएड स्पेशल एजुकेशनको भी नियमावली में शामिल करना होगा।
- बीटीसी की अर्हता में नहीं होगा संशोधन
एनसीटीई के मानक लागू होने के
बावजूद बीटीसी प्रवेश की अर्हता में संशोधन नहीं होगा। एनसीटीई की 29 जुलाई
2011 की अधिसूचना के अनुसार बीटीसी में इंटर के अलावा स्नातक पास
अभ्यर्थियों को प्रवेश के योग्य माना है। यूपी में स्नातक पास अभ्यर्थियों
को बीटीसी में दाखिला देते हैं जबकि कई अन्य राज्यों में इंटरमीडिएट पर भी
बीटीसी कराया जाता है। हाई पावर कमेटी ने भी शैक्षिक गुणवत्ता की दृष्टि से
स्नातक को सही माना है।
खबर साभार : अमर उजाला / दैनिक जागरण / हिन्दुस्तान / डेली न्यूज एक्टिविस्ट
यूपी में सरकारी शिक्षकों की भर्ती के विवाद होंगे खत्म, सरकार एनसीटीई के मानकों को लागू करने की तैयारी में, भविष्य में भर्तियां बिना किसी विवाद के पूरी करने की है कोशिश
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:00 AM
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