घर के बर्तन नहीं ले जाने होंगे स्कूल : मिड-डे-मील के लिए स्कूल की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे बर्तन
राजीव दीक्षित, लखनऊ :
परिषदीय स्कूलों के नौनिहालों को अब घर से बर्तन लेकर स्कूल जाने की जहमत
नहीं उठानी पड़ेगी। मिड-डे मील खाने के लिए उन्हें स्कूल की ओर से ही बर्तन
दिये जाएंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से यह इच्छा जताने पर
मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण ने शासन को इस बारे में प्रस्ताव भेजा है।
प्रस्ताव में हर बच्चे को भोजन परोसने के लिए स्टील की एक गोल थाली, गिलास
और चम्मच की व्यवस्था करने की मंशा जतायी गई है। मध्याह्न् भोजन योजना के
तहत राजकीय, परिषदीय और सहायताप्राप्त
विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को स्कूल में दोपहर में पका
हुआ भोजन दिया जाता है। योजना के तहत चूल्हा, गैस सिलिंडर और खाना पकाने
के बर्तन खरीदने के लिए प्रत्येक स्कूल को एकमुश्त 5000 रुपये दिये जाते
हैं। बच्चों को खाना खिलाने वाले बर्तनों की स्कूल में कोई व्यवस्था नहीं
होती है। इसके लिए केंद्र सरकार कोई धनराशि नहीं देती है।
लिहाजा दोपहर का खाना खाने के लिए बच्चे घर से बर्तन लेकर स्कूल जाते हैं।
किताब-कॉपियों से भरे बस्ते के साथ बर्तन ढोकर स्कूल ले जाना दिक्कत तलब
होता है, खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए। इधर राज्य सरकार के निर्देश पर 15
जुलाई से प्रत्येक बुधवार को स्कूली बच्चों को मिड-डे मील के साथ 200
मिलीलीटर दूध मुहैया कराने की व्यवस्था भी लागू की गई है।
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Reviewed by Brijesh Shrivastava
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8:34 AM
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