हाशिए पर पढ़ाई: सर्वे करने के काम से फुर्सत मिले तो पढ़ाएं गुरूजी, हाई कोर्ट का आदेश के बावजूद ड्यूटी करने को मजबूर, सिर्फ पढ़ाई ही नहीं करा पा रहे परिषदीय विद्यालयों के ‘गुरूजी’
- हाशिए पर पढ़ाई
- सर्वे करने के काम से फुर्सत मिले तो पढ़ाएं गुरूजी
- हाई कोर्ट का आदेश के बावजूद ड्यूटी करने को मजबूर
- सिर्फ पढ़ाई ही नहीं करा पा रहे परिषदीय विद्यालयों के ‘गुरूजी’
लखनऊ : प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले
शिक्षक सरकारी ड्यूटी के बोझ तले इस कदर दबे हुए हैं कि उनके पास पढ़ाने की
फुर्सत ही नहीं है। गणना करने का एक काम खत्म होता है कि दूसरा थमा दिया
जाता है। यह हालत तब है जबकि हाई कोर्ट ने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न
करवाने के आदेश दिए हैं। मगर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा, शिक्षक अब भी कई
तरह की सरकारी गणना के काम में लगे हुए हैं।
राजधानी में प्राथमिक
शिक्षक संघ के मंत्री वीरेन्द्र सिंह कहते हैं कि स्कूलों में शिक्षकों से
राशन कार्ड बनाने के लिए बीएलओ की ड्यूटी, पारिवारिक सर्वे, पिछड़ी जाति की
गणना, बाल गणना व पंचायत वोटर लिस्ट बनाने की ड्यूटी लगातार एक के बाद एक
करवाई जा रही है। यही नहीं हद तो तब हो गई जब लखनऊ में एक एनजीओ के लिए
ग्लोबल ड्रीम सर्वे भी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों से
करवाया गया। इस ग्लोबल ड्रीम सर्वे में छह साल की उम्र के बच्चे से लेकर 70
वर्ष तक की आयु के बुजुर्गो की साक्षरता पर सर्वे किया गया।
वीरेन्द्र
सिंह कहते हैं कि हाई कोर्ट इलाहाबाद ने 25 मार्च 2015 को निर्देश दिया कि
शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न करवाए जाएं। वीरेन्द्र सिंह कहते हैं कि
इसके बाद लखनऊ जिला प्रशासन ने शिक्षक संघ को ही धमका दिया कि यह आदेश तो
इलाहाबाद के लिए है। ऐसे में ड्यूटी तो करनी ही होगी। जबकि इलाहाबाद हाई
कोर्ट ने गैर शैक्षणिक ड्यूटी न करने का स्पष्ट आदेश दिया है। इसके बाद
प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर हुई
तो 8 जुलाई 2015 को कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर उनसे बड़ी कोर्ट पहले ही
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य न करने का आदेश दे चुकी है, ऐसे में वह कोई
नया आदेश नहीं देंगे। अगर सरकारी अधिकारी उनसे ड्यूटी करवाते हैं तो वह
कोर्ट में अवमानना का वाद या फिर राहत पाने के लिए अपना वाद दायर कर सकते
हैं।
इसके अलावा अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी साफ कर दिया गया है कि
सर्वे का काम चुनाव से जुड़ा नहीं है। सिर्फ चुनाव से जुड़े काम ही शिक्षक
करेंगे। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मिश्री लाल यादव कहते हैं
कि अगर मांग न मानी गई तो हम मतदाता पुनरीक्षण कार्य व मतदाताओं को आधार से
लिंकअप करने के काम का बहिष्कार करेंगे। इस बारे में जिलाधिकारी राजशेखर
का कहना है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेंगे और शिक्षकों से बात कर
मामले का हल निकालेंगे।
खबर साभार : दैनिक जागरण
हाशिए पर पढ़ाई: सर्वे करने के काम से फुर्सत मिले तो पढ़ाएं गुरूजी, हाई कोर्ट का आदेश के बावजूद ड्यूटी करने को मजबूर, सिर्फ पढ़ाई ही नहीं करा पा रहे परिषदीय विद्यालयों के ‘गुरूजी’
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:31 AM
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