विद्यालय विकास अनुदान की धनराशि पर्याप्त नहीं : तो कैसे बदलेगी विद्यालयों की सूरत?
लखनऊ : सर्व शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों के विकास की बात आए दिन होती
है। इसके लिए विद्यालयों को अनुदान भी दिया जाता है, जिसके तहत प्राथमिक
विद्यालयों को प्रतिवर्ष पांच हजार और उच्च प्राथमिक को सात हजार रुपये
मिलते हैं। हालांकि विद्यालयों को दी जाने वाली धनराशि पर्याप्त है अथवा
नहीं, यह एक बड़ा प्रश्न है।
खास बात यह है कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में सामग्री खरीदने के लिए एक सूची भी प्रदान की जाती है। इसके
मद्देनजर विद्यालय के प्रधानाचार्यो को आवश्यक्ता के अनुसार सामग्री
खरीदने के आदेश हैं। महंगाई के इस दौर में स्कूलों को दिए जाने वाले अनुदान
में पिछले कई वर्षो से इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन विद्यालयों के विकास की
बात जारों पर चल रही है।
- सामान जो खरीदने हैं :-
शिक्षा विभाग के
उच्चाधिकारियों के आदेश पर विद्यालय विकास अनुदान की धनराशि को निम्न
सुझावित सामग्री खरीदने में व्यय करनी होती है। इनमें प्राथमिकता के हिसाब
से बच्चों के बैठने की दरी, कुर्सी, मेज, बाल्टी, घड़ा, जग, गिलास, चॉक,
डस्टर, ब्लैक बोर्ड का पेंट, ब्रश, देश एवं प्रदेश के मानचित्र, बल्ब,
ट्यूब लाइट, शीशा, साबुन, तौलिया, नेलकटर, फस्र्ट एड बॉक्स, खेलकूद का
सामान, अग्निशमन यंत्र, एक रेडियो एवं अन्य जरूरी सामान। हालांकि विद्यालय
के प्रधानाचार्य को यह निर्देश दिया जाता है कि स्कूल में पहले से जो
सामग्री उपलब्ध हों, उसे न खरीदें।
- इन्हें मिलता है अनुदान :-
शासन की ओर
से विद्यालय अनुदान मिलने वाले स्कूलों में समस्त परिषदीय प्राथमिक एवं
उच्च प्राथमिक (ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्र) शामिल हैं। इसके अलावा शासकीय
सहायता प्राप्त प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय, अनुदानित मदरसे एवं
ऐसे प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय जो शासकीय सहायता प्राप्त
माध्यमिक व माध्यमिक विद्यालयों अंग हैं।
खबर साभार : अमर उजाला
विद्यालय विकास अनुदान की धनराशि पर्याप्त नहीं : तो कैसे बदलेगी विद्यालयों की सूरत?
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:41 AM
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