आगरा यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों से फर्जी डिग्री बनवाने का आरोप, 4500 सहायक अध्यापक होंगे बर्खास्त
- प्राइमरी टीचर्स की बीएड डिग्री फर्जी होने का अंदेशा
आगरा
(ब्यूरो)। डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से बीएड की फर्जी डिग्री खरीदकर
बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले प्रदेश के 4500 सहायक अध्यापक ों
पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने
बेसिक शिक्षा विभाग से इन पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। विभाग ने इनकी
डिग्रियों का सत्यापन कर कार्रवाई के लिए सूची बनाना भी शुरू कर दिया है।
बाद में इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
एसआईटी
की जांच में यह पहले ही आ चुका है कि 2005 से 2009 के बीच लगभग 25000
लोगों ने बीएड की जाली मार्क्सशीट खरीदकर यूनिवर्सिटी के गोपनीय चार्ट में
इसका रिकार्ड दर्ज करा लिया था। इनमें से 4500 को सहायक अध्यापक की नौकरी
मिली। एसआईटी ने इनकी सूची तैयार करके बेसिक शिक्षा विभाग को सौंप दी है।
गोपनीय चार्ट के अलावा विश्वविद्यालय में इनका परीक्षा कॉपी और एनरोलमेंट
नंबर जैसा कोई रिकार्ड नहीं मिला था। इन्होंने यूनिवर्सिटी से संबद्ध 83
कॉलेजों से ये मार्क्सशीट खरीदी थी। इस जालसाजी में 2005 के सत्र में 10
कॉलेजों की जांच पूरी होने पर यूनिवर्सिटी के पांच अधिकारियों के खिलाफ केस
दर्ज हो चुका है। इनमें 450 मार्क्सशीट जाली मिली थीं। इनमें से 225 सहायक
अध्यापक बने। इन पर एफआईआर के लिए शासन से अनुमति मांगी जा चुकी है। इसके
बाद 2009 तक की जांच में जाली मार्क्सशीट के सहारे 4500 सहायक अध्यापकों की
नियुक्ति की बात सामने आई।
केस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इन सभी पर कार्रवाई के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को लिखा जा चुका है। इनमें अधिकांश शिक्षक आगरा, अलीगढ़, कानपुर और झांसी मंडल में तैनात बताए
गए हैं। आगरा के बीएसए धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि एसआईटी से सहायक
अध्यापकों की बीएड डिग्री का सत्यापन कराए जाने का खत मिला था। इस पर
कार्रवाई के लिए सभी एबीएसए को निर्देश दे दिए गए हैं।
उधर,
बेसिक शिक्षा के सहायक निदेशक गिरिजेश कुमार का कहना है कि उन्हें एसआईटी
के खत की जानकारी तो नहीं है लेकिन सत्यापन में कई सहायक अध्यापकों के
अंकपत्र फर्जी पाए जा चुके हैं।
इन पर कार्रवाई कराई जा रही है।
खबर साभार : अमर उजाला
आगरा: यूपी में पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें फर्जी मार्कशीट और डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की गई। आगरा यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों से फर्जी डिग्री बनवाने के एक मामले की एसआईटी जांच में 2000 संदिग्ध फर्जी बीएड डिग्री धारक प्राइमरी टीचर्स के बारे में पता चला है।
यूपी में बीएड डिग्री स्कैम की जांच कर रही एसआईटी टीम ने पाया है कि आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, कासगंज, एटा में आगरा की बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी से संबद्ध 30 ऐसे कॉलेज हैं जो फर्जी मार्कशीट धड़ल्ले से बना रहे हैं। इन मार्कशीट्स के आधार पर सरकारी टीचर्स के पद पर तैनाती पाई गई है। एसआईटी ने मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को बुलाया। एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक ये 30 कॉलेज लंबे समय से फर्जी डिग्री बनाने के काम में लगे हुए हैं। आरोप है कि इस काम में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की पूरी मदद मिल रही है। पिछले महीने एसआईटी ने यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी और रजिस्ट्रार समेत पांच वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में उन 400 स्टूडेंट्स का भी नाम था जिन पर फर्जी मार्कशीट बनवाने का आरोप है।
एसआईटी के सीनियर अधिकारी ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि ऐसे 30 कॉलेज हैं जो फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने के काम में लगे हुए हैं। यहीं से फर्जी मार्कशीट बनवाकर कई स्टूडेंट्स सरकारी स्कूलों में टीचर्स बन गए। अभी तक ऐसे 400 बीएड डिग्री धारकों के बारे में पता चला है। यह संख्या 2000 तक पहुंच सकती है। एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक यूनिवर्सिटी के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे जांच में काफी समय लग रहा है। एसआईटी के अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो बड़ी संख्या में ऐसे फर्जी डिग्री धारक टीचर्स और अधिकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
आगरा यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों से फर्जी डिग्री बनवाने का आरोप, 4500 सहायक अध्यापक होंगे बर्खास्त
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:05 AM
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