स्कूल में कितने बच्चे गैरहाजिर रहे? गुरुजी अब रोज करेंगे SMS, अब तक महीने के अंत में भेजा जाता था पूरा ब्योरा
📌 समाजवादी पेंशन योजना का दायरा बढ़ाने के लिए अटेंडेंस का नया मॉड्यूल जारी
📌 ज्यादा हाजिरी वाले जिले के तीन स्कूलों को पुरस्कार, हाजिरी भेजने में फेल हुए तो कार्रवाई
प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक बच्चों की हाजिरी में हेर-फेर नहीं कर पाएंगे। अब हर शिक्षक को रोजाना अपनी कक्षा में गैरहाजिर बच्चों की संख्या एसएमएस के जरिए भेजनी होगी। यह हाजिरी विभाग और शासन के आला अफसर मॉनीटर करेंगे। सबसे ज्यादा हाजिरी वाले जिले के तीन स्कूलों को सरकार पुरस्कृत करेगी लेकिन जो इसमें फेल साबित हुए उन पर कार्रवाई भी होगी। इस नई जिम्मेदारी से शिक्षकों को खुद भी स्कूल गोल करना मुश्किल होगा।
अब तक हेडमास्टरों को बच्चों की हाजिरी का ब्योरा महीने के अंत में ब्लॉक स्तर पर भेजना होता था। वहीं मिड-डे-मील की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होती थी। उसमें भी सिर्फ स्कूल में कुल भोजन करने वाले बच्चों की संख्या हेड मास्टर को बतानी होती थी। स्कूल की छुट्टी के समय खुद एमडीएम कार्यालय से कॉल आती थी। उसमें उन्हें सिर्फ एमडीएम खाने वाले कुल बच्चों की संख्या बतानी होती थी। रोजाना हाजिरी की कोई व्यवस्था नहीं थी।
हालांकि सरकार ने यह पहल समाजवादी पेंशन योजना का दायरा बढ़ाने के लिए की है लेकिन इससे शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। दरअसल समाजवादी पेंशन योजना के दायरे में आने वाले उस व्यक्ति की पेंशन 50 रुपये बढ़ाई जाएगी, जिसके बच्चे की स्कूल में उपस्थिति 75 फीसदी से ऊपर है।
फेल होने वाले स्कूल पर होगी कार्रवाई
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जो स्कूल तय मॉड्यूल से बच्चों की उपस्थिति का ब्योरा नहीं भेजेंगे, उनको नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। उसके बावजूद वह स्कूल फिर से फेल होता है तो उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा और प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों की 90% अटेंडेंस जरूरी
छात्रों की सबसे अच्छी अटेंडेंस वाले हर जिले के तीन स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसी तरह तीन जिले और मंडल भी पुरस्कृत किए जाएंगे। पुरस्कार की शर्त यह होगी कि प्राइमरी में बच्चों की उपस्थिति 70 फीसदी से ऊपर हो और अपर प्राइमरी में यह उपस्थिति 75 प्रतिशत से ऊपर हो। पुरस्कार उन्हीं स्कूलों को मिलेगा, जिनके शिक्षकों की उपस्थिति भी 90 फीसदी से ऊपर हो। इसलिए स्कूलों की अच्छी परफॉर्मेंस के लिए शिक्षकों को खुद भी स्कूल आना ही होगा।
ऐसे भेजेंगे अटेंडेंस
शिक्षक अपनी क्लास का नाम और उसमें गैरहाजिर छात्रों की संख्या लिखकर एसएमएस करेंगे। इस आदेश में एसएमस करने का तरीका भी बताया गया है। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिला विज्ञान अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी कुछ शिक्षकों के साथ बैठक करके यह तरीका उन्हें समझाएंगे। वे जांचेंगे कि तय नंबर पर तय फॉर्मेट में एसएमएस पहुंच रहा है या नहीं। उसके बाद इस व्यवस्था को वे लागू करेंगे।
समाज कल्याण विभाग की ओर से समाजवादी पेंशन योजना के लिए यह मॉड्यूल तैयार किया गया है। उसी के निर्देश शिक्षकों को भेजे गए हैं। -दिनेश बाबू शर्मा, बेसिक शिक्षा निदेशक
इस तरह के कामों से शिक्षक पढ़ाई के अलावा दूसरे कामों में उलझेंगे। कभी-कभी मोबाइल में नेटवर्क की समस्या भी आती है। ऐसे में कार्रवाई के डर से शिक्षक तनाव में भी हैं। शिक्षकों को इस काम में लगाने की बजाय सरकार अपना कोई सिस्टम बनाए। -विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष, प्रशिक्षित शिक्षक स्नातक असोसिएशन
No comments:
Post a Comment