महिला सहकर्मियों के शोषण और उत्पीड़न को लेकर पूर्व बीएसए / डीआइओएस जांच कमेटी ने पत्र जारी कर आरोपी अधिकारी को किया तलब
इलाहाबाद : महिला सहकर्मियों के शोषण और उत्पीड़न को लेकर हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद शासन ने इलाहाबाद के पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार यादव को निलंबित करने के बाद जांच टीम बदल चुकी है। माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव के निर्देश पर बनी कमेटी 11 नवंबर से इसकी पड़ताल शुरू कर रही है।
जांच अधिकारी ने पत्र जारी करके आरोपी अधिकारी को तलब किया गया है। राजकुमार यादव इलाहाबाद के बीएसए थे। अपने रसूख के चलते बाद में उन्होंने इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर तैनाती हासिल कर ली। इलाहाबाद में बीएसए रहते यादव पर महिला सहकर्मियों के शोषण व उत्पीड़न के आरोप लगे थे। यह मामला पिछले माह हाईकोर्ट पहुंचा था। मामला तूल पकड़ने पर यादव को इलाहाबाद के डीआइओएस पद से हटाकर लखनऊ स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। हाईकोर्ट इस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हुआ।
कोर्ट ने कहा कि यादव को लखनऊ में संबद्ध करने से जांच सही नहीं हो सकेगी और महिला सहकर्मियों के शोषण को लेकर बने कानून का उद्देश्य विफल हो जाएगा। कोर्ट ने पूछा कि डीआइओएस को निलंबित क्यों नहीं किया गया और एफआइआर क्यों दर्ज नहीं की गई। कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए शासन ने यादव को पहले निलंबित किया और इस मामले की जांच बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा से हटाकर चार अधिकारियों को सौंपी।
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