ऑनलाइन होंगे आरटीई के दाखिले, शासनादेश जारी होने के बाद 29 जनवरी से शुरू होगी प्रक्रिया, चार चरण में होगी दाखिले की प्रक्रिया
लखनऊ। शैक्षिक सत्र 2017-18 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)-2009 के तहत निजी स्कूलों में दुर्बल एवं अलाभित समूह के बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों अब स्कूलों एवं शिक्षा अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वह घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग के तहत ‘आरटीई ऑनलाइन एडमीशन पोर्टल’ तैयार किया जा चुका है। विभाग की कोशिश है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में (29 जनवरी संभव) ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत की जाए। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, जल्द ही शासन की ओर से आदेश जारी होने की उम्मीद है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर दुर्बल एवं अलाभित समूह वर्ग के बच्चों को निशुल्क दाखिले का प्रावधान किया है। अभी तक दाखिले के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होता है। उसके बाद यहां से अर्ह पाए गए बच्चों की सूची पर जिलाधिकारी अनुमोदन देते हैं। जिसके बाद बच्चों को दाखिले के लिए संबंधित विद्यालय भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया काफी समय लगता है। साथ ही अभिभावकों को बार-बार बीएसए कार्यालय एवं स्कूल के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में भी आरटीई के तहत दाखिले की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
भारत अभ्योदय फाउंडेशन की चेयरपर्सन समीना बनो ने बताया कि आरटीई के दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 29 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है। इसको लेकर शासनादेश का इंतजार है।
⚫ एसएमएस बताएगा बच्चों को कहां मिलेगा दाखिला
अर्ह बच्चों के अभिभावकों के पास एमएसएम भेजा जाएगा जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि उनके बच्चे का दाखिला किस विद्यालय में होगा। वहीं स्कूलों को भी पता चल जाएगा कि उन्हें किन बच्चों के दाखिले लेने हैं। स्कूलों को दाखिले के लिए 10 दिन का समय दिया जाएगा। पोर्टल पर डीएम व बीएसए भी यह देख सकेंगे कि किन बच्चों को दाखिले मिल गए हैं और किसे नहीं। दाखिला न देने पर पोर्टल पर रेड क्रास दिखेगा। जिसे अधिकारी संज्ञान में लेकर स्कूलों को नोटिस जारी करेंगे।
इस बार ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया चार चरण में होगी। पहले चरण की प्रक्रिया फरवरी, मार्च, अप्रैल में एक-एक महीने तक चलेगी। उसके बाद 10 जुलाई तक आवेदन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग ने कुछ इसी तरह का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। ऑनलाइन आने वाले आवेदनों की उनकी स्कू्रटनी कर पात्र बच्चों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी। इसके बाद अगले एक महीने में जितने आवेदन होंगे उसकी स्क्रूटनी होगी।
भारत अभ्योदय फाउंडेशन की चेयरपर्सन समीना बनो ने बताया कि अभिभावकों ने अभी से फार्म जमा करने शुरू कर दिए हैं। अब तक मेरे पास 100 आवेदन आ चुके हैं। जैसे ही ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होगी, उस पर इसकी फीडिंग कर दी जाएगी।स्कूलों को अपलोड करनी होगी डिटेलएडमीशन प्रक्रिया ऑनलाइन होने से अभिभावकों परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आरटीई ऑनलाइन एडमीशन पोर्टल तैयार होने के बाद प्रत्येक स्कूल को लॉगिंग पासवर्ड दिया जाएगा। पोर्टल पर स्कूल लॉगिन के माध्यम से विद्यालय संचालकों को रजिस्ट्रेनश करके अपने यहां नर्सरी व कक्षा एक में पढ़ने वाले बच्चों की डिटेल अपलोड करनी होगी।
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